NINL Fake Job: टाटा स्टील की भर्ती का झांसा! कहीं आप भी तो ठगी के शिकार नहीं हो रहे?
टाटा स्टील की नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) में निकली जूनियर इंजीनियर ट्रेनी (JET) की भर्ती फर्जी निकली। कंपनी ने खुद किया खुलासा, जानिए कैसे बदलकर 2025 में दोबारा निकाला गया पुराना नोटिस!

अगर आप टाटा स्टील के नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) में नौकरी के लिए आवेदन करने की सोच रहे थे, तो सावधान हो जाइए! क्योंकि जो भर्ती नोटिस जारी हुआ था, वह पूरी तरह फर्जी निकला है।
कैसे खुला फर्जीवाड़े का राज?
कुछ समय पहले सोशल मीडिया और कुछ न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर NINL में जूनियर इंजीनियर ट्रेनी (JET) भर्ती का नोटिस वायरल हुआ। इसमें आवेदन लिंक और स्कैनर कोड भी दिया गया था, लेकिन जब कंपनी ने जांच कराई तो सच्चाई चौंकाने वाली निकली।
- नोटिस पूरी तरह फर्जी था।
- लिंक गलत था, जिस पर क्लिक करने से कोई आवेदन नहीं खुलता था।
- स्कैनर कोड में कोई वैध जानकारी नहीं थी।
- यह भर्ती पहले 2024 में निकली थी, जिसे जालसाजों ने साल बदलकर 2025 कर दिया और दोबारा पोस्ट कर दिया।
कंपनी ने जारी किया बयान, बताया भर्ती फर्जी!
NINL और टाटा स्टील की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि यह पूरी तरह गुमराह करने वाली और झूठी खबर है।
कंपनी ने न तो किसी भर्ती की घोषणा की है, न ही किसी थर्ड पार्टी एजेंसी को यह काम सौंपा है।
लोगों को सतर्क रहने और किसी भी फर्जी नोटिस पर भरोसा न करने की सलाह दी गई है।
क्यों किया गया ये फर्जीवाड़ा?
इस तरह के फर्जी नोटिस जारी कर बेरोजगार युवाओं को ठगना आम होता जा रहा है। जालसाज ऐसे झूठे नोटिस निकालकर आवेदन शुल्क, प्रोसेसिंग फीस या डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर पैसों की ठगी करते हैं।
ऐसे धोखाधड़ी से बचें!
सिर्फ कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही किसी भर्ती की जानकारी लें।
कोई भी संदिग्ध लिंक या स्कैनर कोड पर क्लिक करने से बचें।
कंपनी की HR टीम से कन्फर्म करें कि कोई भर्ती चल रही है या नहीं।
अगर कोई आपसे पैसे मांगता है, तो समझ लें कि यह फर्जीवाड़ा है।
इतिहास भी गवाह है, ऐसे घोटाले पहले भी हुए हैं!
भारत में फर्जी भर्तियों का यह पहला मामला नहीं है।
- 2021 में भी टाटा स्टील की फर्जी भर्ती के नाम पर हजारों युवाओं से ठगी हुई थी।
- 2019 में कोल इंडिया और भेल जैसी कंपनियों की फर्जी भर्तियों के नाम पर बड़ा घोटाला हुआ था।
- हर साल हजारों युवा नौकरी की तलाश में ठगे जाते हैं, क्योंकि बेरोजगारी के कारण वे किसी भी भर्ती पर भरोसा कर लेते हैं।
अब सवाल उठता है - कब तक चलते रहेंगे ऐसे फर्जीवाड़े?
क्या सरकार इस पर सख्त कदम उठाएगी?
क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे जालसाजों पर लगाम लगेगी?
क्या बेरोजगार युवाओं को ठगने वालों को सजा मिलेगी?
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