Jamshedpur Checking: हेलमेट चेकिंग के नाम पर पुलिस की बर्बरता, जनता में बढ़ा आक्रोश!
जमशेदपुर में हेलमेट चेकिंग के नाम पर पुलिस की बर्बरता बढ़ती जा रही है। आम जनता को परेशान किया जा रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश है। क्या प्रशासन इस पर कार्रवाई करेगा? जानें पूरी खबर।

जमशेदपुर: शहर की सड़कों पर हेलमेट चेकिंग के नाम पर पुलिस का अत्याचार अब आम जनता के लिए सिरदर्द बन चुका है। आम लोगों को सुरक्षा देने वाली पुलिस अब खौफ का पर्याय बनती जा रही है, जहां बेवजह रोक-टोक, गाड़ियों की जब्ती और बदसलूकी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्वी सिंहभूम जिला प्रवक्ता आकाश शाह ने इस पुलिसिया रवैये की कड़ी निंदा की है और प्रशासन से इस मामले में सुधार की मांग की है।
हेलमेट चेकिंग के नाम पर उत्पीड़न!
शहर के कई इलाकों से खबरें आ रही हैं कि हेलमेट पहनने के बावजूद वाहन चालकों को रोका जा रहा है। अगर किसी के दस्तावेज़ में मामूली कमी होती है, तो पुलिस उसे अपराधी की तरह ट्रीट कर रही है। यही नहीं, कई जगहों पर महिलाओं और बुजुर्गों से भी अमानवीय व्यवहार की शिकायतें मिली हैं।
साकची गोलचक्कर, मानगो चौक, बिष्टुपुर और आदित्यपुर ब्रिज जैसी जगहों पर पुलिसिया दबंगई देखी गई।
कई मामलों में हेलमेट पहने हुए लोगों को भी रोका गया, सिर्फ वाहन चेकिंग के नाम पर।
पर्व-त्योहारों के दौरान भी पुलिस की सख्ती जारी, जिससे जनता में नाराजगी बढ़ रही है।
आपातकालीन स्थिति में निकले लोगों को भी नहीं मिल रही राहत, एंबुलेंस और ज़रूरी सेवाओं तक को रोका जा रहा है।
बर्बरता की हदें पार, महिला हुई जख्मी!
पुलिस चेकिंग के दौरान मानगो चौक पर एक महिला घायल हो गई, जब बाइक सवार को जबरन रोका गया और संतुलन बिगड़ने से हादसा हो गया। कई और लोग भी इस तरह के घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि पुलिस अचानक वाहनों को रोकती है, जिससे ड्राइवर डिसबैलेंस होकर गिर जाते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
इतिहास भी गवाह है: पहले भी पुलिस चेकिंग बनी थी हादसों की वजह!
यह पहला मामला नहीं है जब पुलिस चेकिंग से हादसे हो रहे हैं।
- 2018 में बिष्टुपुर में एक युवक पुलिस चेकिंग से बचने के चक्कर में दुर्घटना का शिकार हुआ था और उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
- 2021 में मानगो ब्रिज पर अचानक ब्रेक लगाने के कारण एक बाइक सवार युवक ट्रक के नीचे आ गया था।
ऐसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि गलत तरीके से की गई चेकिंग जनता के लिए खुद एक खतरा बन जाती है।
पुलिस की ज़रूरत, लेकिन जनता के साथ सम्मान भी ज़रूरी!
सड़क पर नियमों का पालन करना जरूरी है, लेकिन पुलिस का दबंग रवैया जनता के अंदर नकारात्मकता और डर भर रहा है। लोगों का कहना है कि चेकिंग सही तरीके से होनी चाहिए, न कि आम जनता को अपराधी समझकर।
जनता की मांग: प्रशासन करे बदलाव!
जनता दल (यूनाइटेड) के प्रवक्ता आकाश शाह ने एसएसपी से अपील की है कि हेलमेट चेकिंग के नाम पर जनता के उत्पीड़न को तुरंत रोका जाए।
- पुलिस को सख्ती के साथ-साथ संवेदनशीलता भी दिखानी होगी।
- चेकिंग के दौरान महिलाओं और बुजुर्गों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए।
- आपातकालीन परिस्थितियों में वाहन चालकों को न रोका जाए।
- सड़कों पर चेकिंग पॉइंट्स को सही तरीके से चिन्हित किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
क्या होगा आगे?
अगर पुलिस का यही रवैया जारी रहा, तो जनता में आक्रोश बढ़ता रहेगा। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द सही दिशा में कदम उठाने की जरूरत है, ताकि ट्रैफिक नियमों का पालन भी हो और जनता को अनावश्यक परेशानियों का सामना भी न करना पड़े।
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