Tamil Nadu Mystery: मंदिर में गिरी दानपेटी, iPhone पर मालिक का अधिकार खत्म मंदिर प्रशासन ने लौटाने से किया इनकार

तमिलनाडु के थिरुपुरुर मंदिर में एक भक्त का आईफोन गलती से दानपेटी में गिरा, लेकिन मंदिर प्रशासन ने फोन लौटाने से इनकार कर दिया। जानें इस चौंकाने वाली घटना की पूरी कहानी।

Dec 22, 2024 - 15:12
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Tamil Nadu Mystery: मंदिर में गिरी दानपेटी, iPhone पर मालिक का अधिकार खत्म मंदिर प्रशासन ने लौटाने से किया इनकार
Tamil Nadu Mystery: मंदिर में गिरी दानपेटी, iPhone पर मालिक का अधिकार खत्म मंदिर प्रशासन ने लौटाने से किया इनकार

तमिलनाडु: थिरुपुरुर मंदिर से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। यहां एक भक्त का कीमती आईफोन गलती से दानपेटी में गिर गया, और जब उसने उसे वापस पाने की कोशिश की, तो मंदिर प्रशासन ने इसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया।

यह चौंकाने वाली घटना चर्चा का विषय बन गई है, जहां भक्त और प्रशासन के बीच कानूनी और धार्मिक दावों को लेकर असमंजस बना हुआ है।

घटना कैसे हुई?

थिरुपुरुर मंदिर, जो अपने प्राचीन इतिहास और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है, में यह घटना तब हुई जब एक भक्त पूजा के दौरान दानपेटी के पास खड़ा था।

  • गलती से उसका कीमती आईफोन दानपेटी (हुंडी) में गिर गया।
  • युवक ने तुरंत मंदिर प्रशासन से संपर्क कर फोन वापस करने का अनुरोध किया।

मंदिर प्रशासन का जवाब

मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा कि,

“हुंडी में डाली गई हर वस्तु अब मंदिर की संपत्ति बन जाती है।”

युवक को सिर्फ फोन का सिम कार्ड और डाटा निकालने की अनुमति दी गई, लेकिन फोन वापस देने से इनकार कर दिया गया।

क्या कहता है इतिहास और परंपरा?

भारत में प्राचीन मंदिरों में दानपेटी (हुंडी) की परंपरा सदियों पुरानी है।

  • दान का उद्देश्य मंदिर के रखरखाव और धार्मिक कार्यों के लिए संसाधन जुटाना होता है।
  • ऐतिहासिक रूप से, हुंडी में डाली गई चीजों को भगवान का दान माना जाता है।
  • लेकिन आधुनिक समय में, कीमती वस्तुओं और तकनीकी उपकरणों पर इस परंपरा का कैसे लागू किया जाए, इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

कानूनी नजरिया: किसका है फोन?

मामले ने एक कानूनी बहस को जन्म दिया है।

  1. भक्त का दावा है कि फोन गलती से गिरा और वह उसका निजी सामान है।
  2. मंदिर प्रशासन का तर्क है कि हुंडी में गिराई गई चीजें वापस नहीं की जा सकतीं।

वकीलों का मानना है कि अगर मामला कोर्ट तक जाता है, तो इच्छा और गलती में फर्क को आधार बनाकर फैसला लिया जा सकता है।

युवक की प्रतिक्रिया

युवक ने अपने आईफोन के लिए बार-बार प्रार्थना की, लेकिन उसकी हर विनती को ठुकरा दिया गया।

  • उसने कहा,

“मैंने गलती से फोन गिरा दिया था, यह मेरी मेहनत की कमाई है। कृपया इसे लौटाएं।”

हालांकि, मंदिर प्रशासन अपनी जगह पर अडिग रहा।

सोशल मीडिया पर उठा मामला

घटना के बाद यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

  • कई लोग मंदिर प्रशासन के फैसले का समर्थन कर रहे हैं।
  • वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि यह अन्यायपूर्ण है और फोन को लौटाया जाना चाहिए।

मंदिरों की संपत्ति से जुड़े रोचक मामले

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब हुंडी में गिरी चीजें विवाद का कारण बनी हों।

  • 2018 में, एक भक्त ने सोने की चेन गलती से दानपेटी में डाल दी थी, लेकिन प्रशासन ने उसे वापस कर दिया।
  • 2021 में, केरल के एक मंदिर में दानपेटी से 50 लाख रुपये मूल्य के हीरे मिले, जिन्हें भगवान का प्रसाद मानकर संचित कर लिया गया।

क्या है समाधान?

ऐसी घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि:

  1. दान और गलती में फर्क को स्पष्ट किया जाए।
  2. मंदिर प्रशासन को हुंडी में गिरी गलती की चीजों पर अलग नीति बनानी चाहिए।
  3. भक्तों को हुंडी के पास सावधान रहने की सलाह दी जाए।

थिरुपुरुर मंदिर में हुआ यह मामला दिखाता है कि परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। क्या गलती से गिराई गई चीजें भगवान की संपत्ति मानी जाएंगी, या उन्हें वापस किया जाएगा? यह बहस अब न केवल तमिलनाडु, बल्कि पूरे देश के लिए एक ज्वलंत मुद्दा बन गई है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।