Surya Mall Fight : सूर्या मॉल में मारपीट का वायरल वीडियो: पिता-पुत्रों ने मैनेजर को कैसे पीटा?
सूर्या मॉल में मैनेजर विनोद सिंह के साथ हुई मारपीट का मामला, जिसमें पिता और दो बेटों ने घेरकर जमकर लात-घूंसे और चप्पल से मारा। जानें पूरा मामला और पुलिस की कार्रवाई।
धार्मिक स्थल से लेकर व्यवसायिक केंद्र तक, झारखंड में आए दिन कुछ न कुछ चर्चाओं में रहता है। हाल ही में धनबाद के सूर्या मॉल से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें मॉल के मैनेजर को पिता और उसके दो बेटों ने मिलकर बुरी तरह पीटा। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को हैरान किया, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है।
क्यों हुआ हंगामा?
घटना शनिवार सुबह करीब 11:30 बजे की है। मॉल के मैनेजर विनोद सिंह (43 वर्ष) जब फर्स्ट फ्लोर का निरीक्षण कर रहे थे, तो रंगोली बैंगल्स शॉप के पास पहुंचे। इस दौरान, दुकान के संचालक प्रशांत गुप्ता ने उन्हें आपत्तिजनक तरीके से रोका। विनोद ने प्रशांत को मना किया और उसे अपनी दुकान के भीतर जाने के लिए कहा। लेकिन प्रशांत ने न केवल विनोद को गुस्से में देखा, बल्कि अपनी दुकान के बाहर की स्थिति पर उसे चुपचाप रहने की सलाह दी। यह विवाद बढ़ते-बढ़ते उस दिन मारपीट में बदल गया।
कैसे हुआ हमला?
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, जैसे ही विनोद ने प्रशांत को रोकने की कोशिश की, प्रशांत के भाई रोहित गुप्ता और पिता राजेश गुप्ता ने भी उसे घेर लिया। तीनों ने मिलकर विनोद को जमीन पर गिरा दिया और उसे मारने लगे। स्टाफ ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उनकी एक न सुनी। इस दौरान प्रशांत ने विनोद को चप्पल से भी मारा। पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
स्मृति नगर चौकी के प्रभारी गुरविंदर संधू के मुताबिक, विनोद सिंह ने मारपीट की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ मारपीट और गाली-गलौज का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी है, ताकि इस घटना के सभी पहलुओं को स्पष्ट किया जा सके।
इतिहास में ऐसा पहले भी हुआ है
यह घटना झारखंड के व्यवसायिक विवादों की परंपरा में एक नई मिसाल पेश करती है। पिछली शताब्दियों में भी यहां व्यापारिक झगड़े अक्सर सड़क पर ही झड़ते रहे हैं। पिछले दशक में भी, झारखंड के मॉल्स और शॉपिंग सेंटर में कई बार ऐसी घटनाएं देखी गई हैं, जो किसी न किसी तरह से व्यापारिक और व्यक्तिगत विवादों से जुड़ी हुई हैं।
क्या सिखाती है ये घटना?
इस घटना से यह साफ है कि व्यवसायिक जगहों पर आपसी सम्मान और शांति बनाए रखना कितना जरूरी है। हिंसा के बजाय संवाद से समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है। अगर बातचीत से समाधान हो सके, तो विवादों का निवारण संभव है।
पाठकों के लिए सवाल: आपकी राय में, इस तरह की घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है? क्या आपको लगता है कि प्रशासन को इस पर stricter नियम बनाने चाहिए? अपने विचार हमें कमेंट में बताएं।
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