Saudi Execution: सऊदी अरब में 2024 में 100 से ज्यादा विदेशियों को फांसी, जानिए क्यों बढ़े ये आंकड़े!

सऊदी अरब में 2024 में 100 से ज्यादा विदेशियों को फांसी की सजा दी गई। जानिए इस साल के आंकड़े और सजा के पीछे की वजहों को लेकर उठ रहे सवाल।

Nov 18, 2024 - 10:51
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Saudi Execution: सऊदी अरब में 2024 में 100 से ज्यादा विदेशियों को फांसी, जानिए क्यों बढ़े ये आंकड़े!
Saudi Execution: सऊदी अरब में 2024 में 100 से ज्यादा विदेशियों को फांसी, जानिए क्यों बढ़े ये आंकड़े!

सऊदी अरब में 2024 में एक चौंकानेवाले आंकड़े सामने आए हैं। इस साल अब तक 100 से अधिक विदेशी नागरिकों को फांसी की सजा दी जा चुकी है। यह आंकड़ा पिछले कुछ वर्षों से कहीं अधिक है, और इसे लेकर मानवाधिकार संगठनों ने गंभीर चिंता जताई है। 16 नवंबर को यमनी नागरिक को ड्रग्स तस्करी के आरोप में मौत की सजा दी गई, जिससे इस साल की फांसी के आंकड़ों में और भी इजाफा हुआ। अब सवाल यह उठता है कि आखिर सऊदी अरब में विदेशी नागरिकों को फांसी क्यों दी जा रही है और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं?

क्या है सऊदी अरब में फांसी का बढ़ता आंकड़ा?

2024 में सऊदी अरब ने 100 से ज्यादा विदेशी नागरिकों को फांसी दी है, जबकि 2022 और 2023 में यह आंकड़ा क्रमशः 34 था। अगर हम पिछले तीन वर्षों की तुलना करें तो यह आंकड़ा लगभग तीन गुना बढ़ चुका है। इस साल के नवंबर तक 101 नागरिकों को फांसी दी जा चुकी है, और दिसंबर में भी यह संख्या बढ़ने की संभावना है। यह वृद्धि विशेष रूप से चिंता का विषय बन गई है।

किसे दी जाती है फांसी की सजा?

सऊदी अरब में फांसी की सजा आमतौर पर ड्रग्स तस्करी, हत्या, आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों के लिए दी जाती है। 2024 में जिन विदेशी नागरिकों को मौत की सजा दी गई, उनमें पाकिस्तान, यमन, सीरिया, नाइजीरिया, मिस्र, जॉर्डन और इथियोपिया जैसे देशों के लोग शामिल हैं। इन लोगों पर ड्रग्स तस्करी के आरोप थे, और उन्हें सऊदी अरब में कानून का उल्लंघन करने के कारण सजा दी गई।

ESOHR की चिंता और आलोचना

यूरोपियन-सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ESOHR) ने इस बढ़ते आंकड़े पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संगठन के कानूनी निदेशक ताहा अल-हज्जी का कहना है कि यह पहली बार है जब सऊदी अरब ने एक ही साल में इतनी बड़ी संख्या में विदेशियों को फांसी की सजा दी है। ESOHR के अनुसार, सऊदी अरब में विदेशी कैदियों को न्याय मिलने में कई समस्याएं आती हैं, क्योंकि कई मामलों में इन्हें बड़े ड्रग तस्करों का शिकार बना लिया जाता है और आरोपियों को सही तरीके से न्याय नहीं मिल पाता।

क्या विदेशी नागरिकों को सऊदी अरब में न्याय मिलता है?

सऊदी अरब में विदेशी नागरिकों के खिलाफ सजा-ए-मौत के मामलों में अक्सर यह आरोप लगता है कि उन्हें पूरी तरह से न्याय नहीं मिलता। संगठन का मानना है कि कई विदेशी नागरिकों को सजा देने से पहले उन्हें कानूनी प्रक्रिया का सही से पालन नहीं किया जाता। विशेष रूप से, ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों को सजा दी जाती है, और इनमें से कई मामलों में आरोपियों को सही ढंग से अपने बचाव का मौका नहीं मिलता।

क्यों बढ़ी है फांसी की सजा?

एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि आखिर सऊदी अरब में इस साल फांसी की सजा का आंकड़ा इतना क्यों बढ़ा? कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि सऊदी सरकार ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद जैसे गंभीर अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। हालांकि, यह कड़ा रुख मानवाधिकार संगठनों के लिए चिंता का विषय बन चुका है, जो इसे विदेशी नागरिकों के खिलाफ अत्यधिक सजा के रूप में देखते हैं।

क्या है इसका प्रभाव?

सऊदी अरब में फांसी की सजा का बढ़ता आंकड़ा न केवल उन देशों के लिए चिंताजनक है, जिनके नागरिकों को सजा दी जा रही है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी सवाल खड़े कर रहा है। क्या यह एक संकेत है कि सऊदी अरब में न्याय की प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है? क्या यह राजनीतिक या आर्थिक दबाव का परिणाम है, या फिर सऊदी सरकार ने इसे अपनी आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक तरीका माना है?

सऊदी अरब में 2024 में विदेशी नागरिकों को फांसी की सजा देने के बढ़ते आंकड़े एक गंभीर मुद्दा बन गए हैं। मानवाधिकार संगठनों की चिंता और सवालों के बीच यह मामला राजनीतिक, कानूनी और मानवीय दृष्टिकोण से और भी जटिल हो गया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि सऊदी अरब में इन मामलों पर किस तरह का रुख अपनाया जाता है और क्या विदेशी नागरिकों के लिए न्याय प्रक्रिया में कोई बदलाव होगा।

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