Haryana Road Accident: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा, एक ही गांव की 6 महिलाओं की दर्दनाक मौत
हरियाणा के नूंह में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार पिकअप ने सड़क पर सफाई कर रहीं 6 दलित महिलाओं समेत 7 सफाई कर्मचारियों को कुचल दिया। जानिए कैसे घटी ये दर्दनाक घटना और क्या है अब तक की कार्रवाई।
हरियाणा के नूंह जिले से एक ऐसी दर्दनाक खबर आई है, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर शनिवार की सुबह एक तेज रफ्तार पिकअप वाहन ने सफाई कर रहे सात मजदूरों को कुचल दिया। इस हादसे में छह दलित महिलाएं और एक युवक अपनी जान गंवा बैठे, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की खबर फैलते ही पूरे गांव में मातम छा गया है और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
कैसे हुआ हादसा?
यह भयावह हादसा थाना फिरोजपुर झिरका सीमा के अंतर्गत इब्राहिमबास गांव के पास सुबह करीब 10 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क किनारे सफाई कर रहे कर्मचारियों पर अचानक से एक अनियंत्रित पिकअप वाहन चढ़ दौड़ा। पलक झपकते ही सात लोग सड़क पर बिखर गए। घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन एक घायल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
कौन थे पीड़ित?
हादसे में जान गंवाने वाले सभी लोग एक ही गांव के रहने वाले थे और सफाई कार्य में लगे हुए थे। मृतकों में छह महिलाएं थीं, जो दलित समुदाय से संबंध रखती थीं। इतिहास में देखें तो नूंह जैसे इलाकों में सफाई कार्य से जुड़े मजदूरों की सुरक्षा अक्सर उपेक्षित रही है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण देश के सबसे बड़े और आधुनिक राजमार्गों में गिना जाता है, फिर भी सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी सामने आई है।
घटना के बाद माहौल
हादसे के तुरंत बाद पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग भारी आक्रोशित हैं। लोगों ने प्रशासन से मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा और घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की मांग की है।
इस एक्सप्रेसवे के इतिहास पर नजर डालें तो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को देश के सबसे तेज रफ्तार और सुरक्षित राजमार्गों में गिना जाता है। लेकिन बीते कुछ महीनों में यहां कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें अक्सर तेज रफ्तार और लापरवाही को कारण बताया गया है। अब सवाल उठता है कि जब इतने बड़े प्रोजेक्ट्स पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं, तो मजदूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम क्यों नहीं किए जाते?
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और पिकअप ड्राइवर की तलाश शुरू कर दी गई है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि पिकअप वाहन बेकाबू होकर सफाई कर्मचारियों पर चढ़ा। अभी तक ड्राइवर फरार है और उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
स्थानीय नेताओं और समाज का रुख
घटना के बाद कई सामाजिक संगठनों और नेताओं ने मृतकों के परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त की है। साथ ही यह मांग उठाई गई है कि सफाई कर्मियों के लिए काम के दौरान सुरक्षा मानक तय किए जाएं और उनके लिए बीमा जैसी योजनाएं लागू की जाएं।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विकास की चमक के पीछे मजदूरों की सुरक्षा कब प्राथमिकता बनेगी? दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसे बड़े प्रोजेक्ट की चमक तब ही सार्थक होगी, जब उसमें काम करने वालों की जान की भी उतनी ही कीमत समझी जाए।
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