Saraikela Animal Attacks: सर्पदंश, कुत्ता काटने से बढ़ी परेशानियां, 618 लोग घायल

सरायकेला में सर्पदंश, कुत्ता काटने और जानवरों के हमलों में इजाफा, अस्पताल पहुंचते ही इलाज। पढ़ें पूरी खबर!

Jan 4, 2025 - 11:21
Jan 4, 2025 - 12:18
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Saraikela Animal Attacks: सर्पदंश, कुत्ता काटने से बढ़ी परेशानियां, 618 लोग घायल
Saraikela Animal Attacks: सर्पदंश, कुत्ता काटने से बढ़ी परेशानियां, 618 लोग घायल

सरायकेला, 4 जनवरी 2025: सरायकेला-खरसावां जिले में सर्पदंश, कुत्तों के काटने और अन्य जानवरों के हमलों की घटनाओं में इस साल इजाफा हुआ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, सालभर में 220 लोग सर्पदंश, 618 लोग कुत्तों के काटने और 240 लोग अन्य जानवरों जैसे बंदर, बिल्ली, और भालू के हमलों का शिकार हुए हैं। ये आंकड़े सरायकेला सदर अस्पताल में दर्ज किए गए हैं, जहां सभी घायलों का इलाज किया गया और वे स्वस्थ हो गए।

कुत्ते के हमले से बढ़ी चिंता, 62 लोग शिकार बने

वर्ष 2024 के अंत में, सरायकेला शहरी क्षेत्र में एक कुत्ते ने 62 लोगों को काट लिया। ये घटनाएं दिसंबर महीने में घटीं, जब एक कुत्ता सड़कों पर घूमते हुए लोगों को शिकार बना रहा था। अस्पताल पहुंचे घायलों को तुरंत वैकसीन दी गई और इलाज शुरू किया गया। यह संख्या सरायकेला में कुत्तों के काटने के मामलों का एक बड़ा हिस्सा बनी।

सांप का काटना, ईंट भट्ठे में काम करने वाले मजदूर पर हमला

सिर्फ कुत्ते ही नहीं, सांप के हमले की भी कई घटनाएं सामने आईं। एक उदाहरण है रोहित मछुआ (19) का, जो सीनी के एक ईंट भट्ठे में काम कर रहा था। शुक्रवार सुबह जब वह मिट्टी में पानी दे रहा था, तभी एक सांप ने उसे काट लिया। घटना के तुरंत बाद रोहित को सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया। डॉक्टरों ने उसे एंटीवेनम दी और स्थिति को नियंत्रण में किया। रोहित की हालत स्थिर बताई जा रही है।

क्यों बढ़ रहे हैं इन हमलों की घटनाएं?

सरायकेला जिले में बढ़ते इन हमलों के कारणों पर विशेषज्ञों ने कई पहलुओं पर विचार किया है। सबसे पहले, संवेदनशील इलाकों में लोग अधिक खतरे में होते हैं, जहां बेजुबान जानवरों की मौजूदगी होती है। कुत्ते और सांप इस क्षेत्र में आम पाए जाते हैं, और यह मनुष्यों को अधिक निशाना बना रहे हैं।

जानवरों का आक्रामक व्यवहार अब एक चिंता का विषय बन चुका है, खासकर उन इलाकों में जहां लोग जंगल के पास या खुले स्थानों पर काम करते हैं। घरेलू और जंगली जानवरों के बीच बढ़ते संघर्षों की वजह से भी इन हमलों की संख्या में इजाफा हुआ है।

रैबीज से बचाव के लिए खास दवा

सीएस डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इम्यूनोग्लोबुलिन (IGG) दवा सरायकेला में उपलब्ध है, जो कुत्ता काटने की घटना में बहुत कारगर है। यह दवा रैबीज वायरस के खिलाफ शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है और विष को शरीर में फैलने से रोकती है। यह दवा झारखंड के बाकी जिलों में उपलब्ध नहीं है, जो सरायकेला को इस समस्या से निपटने में एक महत्वपूर्ण लाभ देती है।

क्या करें जब कोई जानवर काटे?

अगर किसी को कुत्ता या सांप काटे तो तुरंत निकटतम अस्पताल में जाएं। सरायकेला सदर अस्पताल में वैकसीन और एंटीवेनम का उपचार उपलब्ध है, जो घायलों की जान बचाने के लिए बेहद जरूरी है। इन हमलों के बाद घायलों को जल्द से जल्द उपचार मिलना आवश्यक होता है।

जानवरों के हमलों से सुरक्षा के उपायों की जरूरत

सरायकेला-खरसावां जिले में सर्पदंश और कुत्ता काटने के मामलों में बढ़ोतरी के बाद, यह जरूरी हो गया है कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस समस्या पर ध्यान दे और सुरक्षा उपायों को लागू करें।

साथ ही, लोगों को इन जानवरों से बचने के उपायों पर भी जागरूक किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी गांवों में रैबीज वैक्सीनेशन का अभियान तेजी से चलाया जाए ताकि कुत्तों और अन्य जानवरों के हमलों से बचाव किया जा सके।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।