IND vs BAN 300वें विकेट का जश्न: रवींद्र जडेजा ने बांग्लादेश के खिलाफ रचा इतिहास, बने दोहरे कीर्तिमान के बादशाह
रवींद्र जडेजा ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 300वां विकेट लेकर रचा इतिहास। जानें कैसे भारतीय ऑलराउंडर ने कपिल देव और आर अश्विन के रिकॉर्ड की बराबरी की और बने सबसे तेज एशियाई क्रिकेटर। बुमराह और सिराज की तिकड़ी ने कैसे बांग्लादेशी बल्लेबाजों को पस्त कर दिया? पढ़ें पूरी रोमांचक कहानी।
कानपुर: जब टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा मैदान पर उतरे, किसी ने नहीं सोचा था कि वे इतिहास रचने की कगार पर खड़े हैं। बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में, उन्होंने वह हासिल किया जिसे देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी सांसें रोके बैठे थे—जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का 300वां विकेट झटककर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया।
बारिश से बाधित खेल में दिखा भारतीय जादू
दो दिन का खेल बारिश की भेंट चढ़ने के बाद चौथे दिन का खेल नई ऊर्जा से भरपूर था। भारत ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया, और जैसे ही खालिद अहमद का विकेट गिरा, पूरा स्टेडियम जडेजा के लिए तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। खालिद अहमद के आउट होते ही, बांग्लादेश की पहली पारी 233 रनों पर समाप्त हो गई, और जडेजा ने इस दौरान अपने 300 टेस्ट विकेट पूरे कर लिए। यह सिर्फ एक उपलब्धि नहीं थी, यह क्रिकेट की दुनिया में उनकी कड़ी मेहनत और संकल्प का प्रमाण था।
इतिहास में नाम दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय ऑलराउंडर
जडेजा ने खुद को एक विशिष्ट क्लब में शामिल किया। वे कपिल देव और आर अश्विन के बाद ऐसे तीसरे भारतीय खिलाड़ी बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 300 विकेट और 3000 रन दोनों बनाए। यह उनकी ऑलराउंड क्षमता का सबूत है, जो न केवल गेंदबाजी बल्कि बल्लेबाजी में भी खासा योगदान देती है।
300 विकेट: सबसे तेज एशियाई और दुनिया में दूसरे सबसे तेज
जडेजा ने इस उपलब्धि को 17428 गेंदों में पूरा किया, जिससे वे आर अश्विन (15636 गेंदें) के बाद दूसरे सबसे तेज भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं, बल्कि वे इंग्लैंड के महान ऑलराउंडर इयान बॉथम के बाद दुनिया के दूसरे सबसे तेज खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने 3000 रन और 300 विकेट का दोहरा कीर्तिमान हासिल किया है। इसके साथ ही जडेजा ने सबसे तेज एशियाई खिलाड़ी बनने का भी गौरव हासिल किया।
बुमराह और सिराज की तिकड़ी से बांग्लादेश को झटका
चौथे दिन की शुरुआत ही भारत के लिए शानदार रही। जसप्रीत बुमराह ने मुशफिकुर रहीम को जल्दी पवेलियन भेजकर बांग्लादेश पर दबाव बना दिया। मोमिनुल हक ने जरूर संघर्ष किया और एक शानदार शतक जड़कर बांग्लादेश की उम्मीदों को जीवित रखा, लेकिन भारतीय फील्डरों का दमखम देखते ही बन रहा था। जब लिटन दास का हवा में लहराता हुआ कैच रोहित शर्मा ने पकड़ लिया, तो बांग्लादेश की उम्मीदें और भी धूमिल हो गईं।
शानदार फील्डिंग के बीच शाकिब का विकेट
इसके बाद मोहम्मद सिराज ने भी अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए शाकिब अल हसन का शानदार कैच लपका। भारतीय गेंदबाजों की हर चाल बांग्लादेशी बल्लेबाजों को चकित कर रही थी, और इस बार सिराज ने हसन महमूद का विकेट भी अपने नाम किया।
जडेजा का आखिरी वार
मोमिनुल हक का प्रयास उनकी टीम को मजबूती देने के लिए पर्याप्त नहीं था। जसप्रीत बुमराह की सटीक गेंदबाजी ने मेहंदी हसन और तैजुल इस्लाम को पवेलियन की राह दिखाई, जबकि जडेजा ने पारी का अंत करते हुए बांग्लादेश की पहली पारी को समेटा। इस लम्हे ने जडेजा को न केवल गेंदबाजी में एक बड़ा सितारा साबित किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि वे बड़े मौकों के खिलाड़ी हैं।
इस शानदार प्रदर्शन के साथ रवींद्र जडेजा ने भारतीय क्रिकेट में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में उनकी ताकत और प्रभाव का प्रमाण है। उनकी इस सफलता ने न केवल भारतीय प्रशंसकों का दिल जीता बल्कि एक नए कीर्तिमान का भी आगाज किया।
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