Ratu Market: खुलेआम बिक रही महुआ शराब, पुलिस की अनदेखी से बढ़ रही अव्यवस्था
झारखंड के रातू क्षेत्र में खुलेआम महुआ शराब की बिक्री हो रही है। बाजारों में महिलाएं और पुरुष बिना रोक-टोक शराब बेच रहे हैं, जिससे कानून-व्यवस्था प्रभावित हो रही है। पढ़ें पूरी खबर।
झारखंड के रातू क्षेत्र में खुलेआम महुआ शराब की बिक्री स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को उजागर कर रही है। क्षेत्र के हर बाजार, चाहे वह साप्ताहिक हो या दैनिक, महुआ शराब के अवैध कारोबार का गढ़ बन चुके हैं। यहां न केवल शराब बेची जा रही है, बल्कि इसके कारण सामाजिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
बाजारों में सुबह से शुरू होती है शराब बिक्री
रातू क्षेत्र के प्रमुख बाजारों, जैसे एसबीएल गेट और रातू चट्टी में, सुबह से ही शराब की बिक्री धड़ल्ले से होती है।
- एसबीएल गेट मार्केट: यहां सुबह लगने वाले बाजार में महुआ शराब की बिक्री सुबह से ही शुरू हो जाती है।
- रातू चट्टी डेली मार्केट: इस बाजार में देर रात तक शराब बिकती है।
इतना ही नहीं, रविवार बाजार में तो हालात और भी गंभीर हो जाते हैं। यहां 50 से अधिक महिला और पुरुष कतार में खड़े होकर महुआ शराब बेचते देखे जा सकते हैं।
शराबियों की बढ़ती हरकतें: महिलाओं को होती परेशानी
इन बाजारों में शराब की उपलब्धता ने शराबियों की गतिविधियों को और बढ़ावा दिया है।
- शराब पीकर बहकना: शराब पीने के बाद शराबियों को बाजार में मारपीट, गाली-गलौज करते देखा जाता है।
- महिलाओं की असुरक्षा: सड़क से गुजरने वाली महिलाओं को इन शराबियों के कारण अश्लील व्यवहार और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी कहते हैं कि कई बार शराबियों की हरकतों के कारण महिलाओं और बच्चों का बाजार जाना मुश्किल हो जाता है।
प्रशासन की चुप्पी: क्यों हो रही अनदेखी?
स्थानीय प्रशासन इन घटनाओं को देखकर भी चुप्पी साधे हुए है।
- कभी-कभी छापेमारी: पुलिस कभी-कभी शराब विक्रेताओं को भगाने की कोशिश करती है, लेकिन ये कार्रवाई दिखावटी ही साबित होती है।
- स्थायी समाधान का अभाव: बाजार में शराब की बिक्री और अव्यवस्था को रोकने के लिए स्थायी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
महुआ शराब: झारखंड की पारंपरिक पहचान या समस्या?
महुआ शराब झारखंड की पारंपरिक शराब है, जिसे महुआ के फूलों से बनाया जाता है।
- इतिहास: महुआ शराब आदिवासी समुदायों में उत्सवों और सामाजिक आयोजनों का हिस्सा रही है।
- आज की स्थिति: वर्तमान में इसका अवैध कारोबार क्षेत्र में अपराध और सामाजिक विकृति को बढ़ा रहा है।
स्थानीय लोगों का गुस्सा
क्षेत्र के लोग प्रशासन की चुप्पी से नाराज हैं।
- एक स्थानीय दुकानदार का कहना है:
"महुआ शराब ने बाजारों की छवि खराब कर दी है। बच्चों और महिलाओं के लिए बाजार जाना अब सुरक्षित नहीं रहा।" - एक महिला ग्राहक कहती हैं:
"प्रशासन को तुरंत कदम उठाना चाहिए। महिलाएं इन शराबियों के डर से बाजार में जाने से कतराती हैं।"
शराब कारोबार पर रोक लगाने की मांग
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से कठोर कदम उठाने की मांग की है।
- नियमित छापेमारी: बाजारों में शराब की बिक्री रोकने के लिए नियमित पुलिस गश्त होनी चाहिए।
- शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई: अवैध शराब बेचने वालों पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
- जागरूकता अभियान: शराब पीने के सामाजिक और आर्थिक दुष्प्रभावों पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
क्या कहता है कानून?
झारखंड में शराब की बिक्री के लिए सख्त नियम हैं, लेकिन इन बाजारों में उनकी अनदेखी आम बात है।
- क्या हो सकता है समाधान?
- अवैध शराब बिक्री पर लगाम लगाने के लिए स्थानीय प्रशासन को जागरूक और सक्रिय होना होगा।
- बाजार समितियों को भी इसमें सहयोग देना चाहिए।
आपकी राय:
क्या आपको लगता है कि प्रशासन इस समस्या को हल करने में नाकाम है? क्या महुआ शराब का अवैध कारोबार झारखंड की सामाजिक संरचना को नुकसान पहुंचा रहा है? नीचे कमेंट करके अपनी राय दें।
रातू क्षेत्र में खुलेआम हो रही महुआ शराब की बिक्री न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी कमजोर कर रही है। समय रहते प्रशासन और स्थानीय लोगों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।
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