Pahalgam Operation: आतंकी हमले के बाद कश्मीर में चला जबरदस्त सर्च अभियान, 175 संदिग्ध दबोचे
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। जानिए कैसे 175 संदिग्धों को हिरासत में लेकर नेटवर्क ध्वस्त किया जा रहा है।
22 अप्रैल 2025 की काली रात ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तबाही का मंजर छोड़ दिया। बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ 26 निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि पूरे क्षेत्र में भय का माहौल पैदा कर दिया। इस दर्दनाक घटना के बाद अब घाटी में आतंक के खिलाफ सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।
क्या हुआ था बैसरन मैदान में?
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने अचानक पर्यटकों पर गोलियां बरसा दी थीं। हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक मारे गए, जबकि कई अन्य घायल हो गए। यह हमला कश्मीर में बीते वर्षों के सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक बन गया।
ऑपरेशन की बड़ी कार्रवाई
इस हमले के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सेना, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर अनंतनाग जिले समेत कई संवेदनशील इलाकों में व्यापक तलाशी और घेराबंदी अभियान शुरू कर दिया है।
अब तक 175 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया जा चुका है, जिनसे आतंकवादी गतिविधियों में सहायता के आरोप में पूछताछ की जा रही है।
पुलिस का कहना है कि हमारा मकसद किसी भी संभावित आतंकी खतरे को जड़ से समाप्त करना और इलाके में स्थायी शांति बहाल करना है।
तलाशी का दायरा बढ़ा
तलाशी अभियान न केवल अनंतनाग बल्कि पुंछ और राजौरी जैसे सीमावर्ती जिलों तक फैल गया है। जम्मू-राजौरी-पुंछ राजमार्ग पर वाहनों की गहन जांच हो रही है और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
अधिकारियों ने अतिरिक्त मोबाइल व्हीकल चेक पोस्ट (MVCPs) भी स्थापित किए हैं ताकि किसी भी आतंकवादी घुसपैठ या मूवमेंट को तुरंत रोका जा सके।
जनता से सहयोग की अपील
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति के बारे में तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को सूचित करें। सार्वजनिक सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, पुलिस ने कहा कि सामान्य जीवन को बाधित करने की किसी भी साजिश को विफल किया जाएगा।
इतिहास पर एक नजर
कश्मीर घाटी का इतिहास ऐसे दर्दनाक हमलों से भरा पड़ा है। 2017 में अमरनाथ यात्रा पर हुए आतंकी हमले में भी निर्दोष श्रद्धालु मारे गए थे। इस बार भी आतंकियों ने पर्यटन सीजन को निशाना बनाकर कश्मीर की शांति और अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाने की कोशिश की है।
हर बार सुरक्षा बलों ने मजबूत प्रतिक्रिया दी है और इस बार भी ऑपरेशन तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
सेना प्रमुख की बड़ी बैठक
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचकर सुरक्षा हालात की समीक्षा की।
जनरल को नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम उल्लंघन की कोशिशों और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों की जानकारी दी गई। सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।
क्या है आगे की रणनीति?
पुलिस और सेना ने घने वन क्षेत्रों में पेट्रोलिंग और एंबुश ऑपरेशन्स तेज कर दिए हैं, जहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।
सुरक्षा बलों का लक्ष्य है - आतंकवादी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना और घाटी में भरोसा फिर से बहाल करना।
विशेष टीमें लगातार इनपुट इकट्ठा कर रही हैं और अगले कुछ दिनों में और भी बड़ी कार्रवाइयों की संभावना जताई जा रही है।
अब पूरा देश कश्मीर घाटी की तरफ देख रहा है, जहां सुरक्षा बल इतिहास दोहराने जा रहे हैं - आतंक के खिलाफ एक और निर्णायक जंग जीतने के लिए।
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