Dhanbad Tragedy: विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुराल वालों पर हत्या का आरोप
धनबाद में एक विवाहिता की मौत पर उसके ससुराल वालों और पति पर हत्या का गंभीर आरोप लगा है। जानें, शादी के बाद से ही किस तरह प्रताड़ना झेल रही थी विवाहिता।
धनबाद के धैया इलाके में एक विवाहिता की संदिग्ध मौत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। लाहबनी काली मंदिर के पास रहने वाली मुन्नी देवी की मौत पर उसकी मां अनिता ने पति और ससुराल वालों पर हत्या का गंभीर आरोप लगाया है।
शादी के बाद से शुरू हुई थी प्रताड़ना
हजारीबाग विष्णुगढ़ निवासी अनिता के अनुसार, उनकी बेटी मुन्नी देवी का विवाह 2012 में दिनेश प्रसाद सोनार से हुआ था।
- शादी के बाद की स्थिति:
शादी के तुरंत बाद से ही मुन्नी को ससुराल में शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। - नशे में हिंसा:
अनिता ने बताया कि दिनेश अक्सर नशे की हालत में रहता और अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता था। - चलने में हो जाती थी असमर्थ:
हिंसा की घटनाओं के बाद मुन्नी की हालत इतनी खराब हो जाती थी कि उसे मायके भेजकर इलाज करवाना पड़ता था।
पुलिस से की गई थी शिकायत, फिर भी नहीं रुकी प्रताड़ना
मुन्नी ने ससुराल वालों की प्रताड़ना के खिलाफ धनबाद महिला थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।
- महिला थाना की शिकायत:
शिकायत के बावजूद ससुराल वालों का व्यवहार और अधिक हिंसक हो गया। - पति का फरार होना:
हर बार हिंसा के बाद मुन्नी का पति दिनेश अपनी बहन के घर फुसरो भाग जाता था, जिससे स्थिति और भी कठिन हो जाती थी।
मौत से पहले मिली थी बीमारी की सूचना
अनिता ने बताया कि उन्हें सोमवार सुबह सूचना दी गई कि उनकी बेटी बहुत बीमार है।
- जब वह एसएनएमएमसीएच (शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज और अस्पताल) पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि मुन्नी की मौत हो चुकी है।
- मां का बयान:
"मेरी बेटी को ससुराल में लगातार प्रताड़ित किया गया और आखिरकार उसकी हत्या कर दी गई," अनिता ने सरायढेला पुलिस को दिए बयान में कहा।
ससुराल वालों पर हत्या का आरोप
अनिता ने पति दिनेश प्रसाद सोनार, सास शांति देवी, ससुर पूरण सिंह, ननद देववंती देवी, और भैंसूर कैलाश प्रसाद समेत अन्य पर हत्या का आरोप लगाया है।
- मौत के बाद पुलिस कार्रवाई:
धनबाद पुलिस ने अनिता की शिकायत पर ससुराल वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
घरेलू हिंसा और महिला अधिकार: झारखंड का सच
झारखंड में घरेलू हिंसा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
- आंकड़े बताते हैं:
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू हिंसा के मामलों में झारखंड शीर्ष राज्यों में आता है। - महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की चिंता:
विशेषज्ञों का मानना है कि कानून होने के बावजूद महिलाओं को न्याय दिलाने में कई बार प्रशासन और सामाजिक दबाव विफल हो जाते हैं।
पुलिस की अगली कार्रवाई पर सबकी नजर
इस मामले में पुलिस ने कहा है कि पूरी जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
- जनता की प्रतिक्रिया:
स्थानीय निवासियों ने पुलिस से तेजी से जांच और कार्रवाई की मांग की है। - मां की गुहार:
अनिता ने कहा, "मैं अपनी बेटी के लिए न्याय चाहती हूं। दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।"
आपकी राय:
क्या घरेलू हिंसा के खिलाफ कानून पर्याप्त है? क्या ससुराल में हो रही प्रताड़ना को रोकने के लिए सामाजिक बदलाव की जरूरत है? अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें।
धनबाद में विवाहिता की मौत से जुड़ा यह मामला एक बार फिर से घरेलू हिंसा और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है। समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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