Dimna Lake Tragedy: डिमना लेक में फिर हुआ दर्दनाक हादसा, युवक की डूबने से मौत!
डिमना झील में बुधवार दोपहर एक युवक की डूबने से मौत हो गई। सुरक्षा इंतज़ामों की कमी और लापरवाही पर सवाल उठे। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की नाकामी पर नाराज़गी जताई।
डिमना लेक में बुधवार दोपहर एक बार फिर बड़ा हादसा हो गया। दोपहर करीब 12 बजे गिरिडीह निवासी 21 वर्षीय कृष्णा राणा की डूबने से मौत हो गई। कृष्णा अपने आठ दोस्तों के साथ घूमने आया था। सभी दोस्त कारपेंटर का काम करते हैं।
जानकारी के अनुसार, कुल नौ युवक लेक में घूमने पहुंचे थे। इनमें से छह दोस्त नहाने के लिए पानी में उतरे। शुरुआत में सभी सामान्य रूप से नहा रहे थे। लेकिन जब कृष्णा आख़िरी में पानी में उतरा तो अचानक गहरे पानी में चला गया और डूबने लगा।
डूबते हुए देख उसके दोस्तों ने तुरंत मदद की कोशिश की। लेकिन न तो तैराकी आती थी और न ही कोई सुरक्षा उपकरण मौजूद थे। गहराई के कारण वे कृष्णा को बाहर नहीं निकाल सके और किनारे लौट आए।
घबराए दोस्तों ने तुरंत स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना दी। लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पुलिस मौके पर देर से पहुंची। राहत कार्य की बजाय पुलिस कर्मी केवल औपचारिक पूछताछ करते रहे। समय बीतता गया और तब तक युवक का पता नहीं चल सका।
काफी देर बाद स्थानीय मछुआरों ने अपनी नाव और जाल से पानी में तलाश शुरू की। अंततः उन्होंने कृष्णा का शव पानी से बाहर निकाला। मौजूद लोगों का कहना है कि यदि समय पर बचाव दल पहुँच जाता तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
यह पहली बार नहीं है जब डिमना झील में ऐसा हादसा हुआ हो। इससे पहले भी कई युवक और पर्यटक नहाते समय डूब चुके हैं। बावजूद इसके यहाँ कोई स्थायी सुरक्षा इंतज़ाम नहीं हैं। न तो लाइफगार्ड तैनात हैं, न चेतावनी बोर्ड लगे हैं और न ही सुरक्षा घेराबंदी की गई है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि झील में रोजाना सैकड़ों लोग आते हैं, फिर भी सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई। यदि लाइफ जैकेट, प्रशिक्षित गार्ड और बोटिंग सुरक्षा होती तो ऐसे हादसे टाले जा सकते थे।
इस घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि हर हादसे के बाद केवल औपचारिकता क्यों निभाई जाती है। पर्यटन को बढ़ावा देने की बातें तो की जाती हैं, लेकिन सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जाता।
स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि झील में स्थायी लाइफगार्ड तैनात किए जाएँ, चेतावनी बोर्ड लगाए जाएँ और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ ताकि आगे से ऐसी दुखद घटनाएँ न हों। पुलिस की जांच जारी है और प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
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