Ranchi Relief: हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पेशी पर रोक बरकरार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। 16 जनवरी 2025 तक पेशी पर रोक बरकरार रखते हुए ईडी को जवाब दाखिल करने के निर्देश। जानिए पूरी खबर।

Dec 17, 2024 - 10:06
 0
Ranchi Relief: हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पेशी पर रोक बरकरार
Ranchi Relief: हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पेशी पर रोक बरकरार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने 16 जनवरी 2025 तक एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी पर रोक बरकरार रखी है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत का यह फैसला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री ने एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। ईडी की शिकायत पर यह मामला खासा गरमा गया था।

क्या है मामला?

  1. ईडी की शिकायत और समन:
    ईडी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ समन की अवहेलना का आरोप लगाते हुए सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराया। सीजेएम कोर्ट ने मुख्यमंत्री को कई बार पेशी का आदेश दिया, लेकिन उन्होंने अनुपस्थित रहकर इन आदेशों का पालन नहीं किया।

  2. मामला स्थानांतरित:
    बाद में यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सार्थक शर्मा की अदालत ने मुख्यमंत्री को पेश होने का आदेश दिया, लेकिन वे यहां भी अनुपस्थित रहे।

  3. हाईकोर्ट में चुनौती:
    मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उन्हें अंतरिम राहत दी गई। अदालत ने फिलहाल पेशी पर रोक लगाते हुए मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2025 को निर्धारित की है।

राजनीतिक दृष्टिकोण और बढ़ती जटिलताएं

हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की जांच और अदालती कार्यवाही राजनीतिक गलियारों में चर्चित रही है।

  • भाजपा और विपक्ष के आरोप:
    भाजपा और अन्य विपक्षी दल इसे राजनीतिक ईंधन के रूप में देख रहे हैं।
  • मुख्यमंत्री का रुख:
    हेमंत सोरेन का कहना है कि ईडी की कार्रवाई केंद्र सरकार के दबाव में की जा रही है।

निशिकांत दुबे के खिलाफ मामला भी चर्चा में

इस बीच, झारखंड भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को भी हाईकोर्ट से राहत मिली है।

  • 2019 के चुनाव में भड़काऊ भाषण का आरोप:
    निशिकांत दुबे पर चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान देने का आरोप है। निचली अदालत में यह मामला ट्रायल के दौर में है।
  • हाईकोर्ट की रोक:
    निशिकांत ने इस ट्रायल को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जहां अदालत ने ट्रायल पर रोक बरकरार रखी। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 को होगी।

झारखंड में कानूनी लड़ाई का इतिहास

झारखंड में शीर्ष पदों पर बैठे राजनेताओं के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का इतिहास पुराना है।

  • 2009 का मामला:
    मधु कोड़ा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, जिसके चलते मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा।
  • 2013 में राजनीतिक उथल-पुथल:
    शिबू सोरेन को चुनावी हेरफेर के आरोपों का सामना करना पड़ा।

यह घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि झारखंड की राजनीति और अदालतें अक्सर एक-दूसरे के केंद्र में रहती हैं।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि हेमंत सोरेन को मिली यह राहत अस्थायी है।

  • प्रोफेसर अशोक वर्मा (कानूनी विश्लेषक):
    "हाईकोर्ट का यह फैसला राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ईडी के आरोपों पर अदालत की अगली कार्रवाई इस मामले की दिशा तय करेगी।"

आगे की राह

हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से मिली राहत ने फिलहाल उन्हें समय दिया है, लेकिन ईडी की जांच और अदालती कार्यवाही आने वाले दिनों में बड़ा मोड़ ले सकती है।

इससे झारखंड की राजनीतिक स्थिरता और मुख्यमंत्री की छवि पर असर पड़ना तय है। दूसरी ओर, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के मामले में भी अगली सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।

क्या ये अदालती लड़ाई झारखंड की राजनीति को प्रभावित करेगी? इसका जवाब 16 जनवरी की सुनवाई के बाद ही साफ हो सकेगा।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।