Ranchi Fraud: ठग निशांत के खिलाफ दर्ज हुआ नया केस, 23 लाख के मेडिकल एडमिशन के नाम पर ठगी
रांची में ठग निशांत के खिलाफ एक और केस दर्ज, 23.53 लाख रुपये की ठगी के बाद गिरफ्तारी। जानिए पूरी खबर और ठगी के मामले में क्या हुआ नया खुलासा।
रांची में ठगी की एक और बड़ी घटना सामने आई है, जिसमें एक ठग ने मेडिकल कॉलेज एडमिशन के नाम पर 23.53 लाख रुपये की ठगी की। यह मामला रांची के जगन्नाथपुर थाने में दर्ज किया गया है, जहां ठग निशांत कुमार सिंह को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
आरोपी निशांत पर आरोप है कि उसने दूरदर्शन केंद्र में कार्यरत दिवाकर दिव्य दिनेश से मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के नाम पर मोटी रकम वसूल की। इसके बाद जब पीड़ित ने आरोपी से नामांकन की जानकारी मांगी, तो ठग ने उसे धोखा दिया और फरार हो गया।
क्या हुआ था घटना में?
यह पूरी घटना 2022 की है, जब दिवाकर दिव्य दिनेश और निशांत कुमार सिंह के बीच पहली बार संपर्क हुआ था। दिवाकर के एक मित्र ओमप्रकाश झा के कर्मचारी की बेटी के लिए निशांत ने मेडिकल कॉलेज में नामांकन कराने का प्रस्ताव दिया था। आरोपी ने दावा किया कि केजीएमयू, लखनऊ में नामांकन के लिए 24 लाख रुपये की राशि लगेगी।
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संपर्क और सौदा:
निशांत ने दिवाकर को भरोसा दिलाया कि वह उनकी बेटी का नामांकन करवाएगा और बदले में 23.53 लाख रुपये की राशि मांगी। दिवाकर ने आरोपी के झांसे में आकर यह राशि दे दी, लेकिन कुछ समय बाद जब नामांकन नहीं हुआ, तो दिवाकर को शक हुआ। -
फर्जी चेक और फरारी:
दिवाकर ने आरोपी पर दबाव बनाया, लेकिन निशांत ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया और बाद में 23 लाख रुपये का चेक भेजा, जो बाउंस हो गया। इसके बाद आरोपी फरार हो गया और दिवाकर ने अरगोड़ा थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
यह मामला पहले जगन्नाथपुर थाने में दर्ज हुआ था, लेकिन जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया। अब अरगोड़ा थाने की पुलिस आरोपी निशांत कुमार सिंह को रिमांड पर लेने की योजना बना रही है। पुलिस जल्द ही न्यायालय में आवेदन देकर रिमांड पर आरोपी को लाने का प्रयास करेगी।
इतिहास में ठगी के बढ़ते मामले
झारखंड में ठगी के मामलों की संख्या में पिछले कुछ सालों में तेजी से वृद्धि हुई है। विशेष रूप से मेडिकल और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में एडमिशन के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आए हैं।
- झारखंड में ठगी का इतिहास:
झारखंड में पिछले कुछ वर्षों में ठगी के ऐसे कई मामलों की पुष्टि हुई है, जहां ठगों ने लोकल और बाहर से आए लोगों को फंसाकर मोटी रकम वसूली। इनमें कृषि, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों के नाम पर धोखाधड़ी की गई है।
पुलिस के मुताबिक ठगों का तरीका
पुलिस के अनुसार, ठगों का तरीका बहुत ही स्मार्ट होता है। वे पहले तो प्रभावित व्यक्ति से एक अच्छा रिश्ता बनाते हैं और फिर उसे बड़े वादों के जाल में फंसा लेते हैं। खासकर मेडिकल कॉलेज एडमिशन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की मदद से ठग बिना किसी शक के लोगों से पैसे ऐंठ लेते हैं।
पुलिस अधिकारी का बयान:
"हमें सूचना मिली थी कि आरोपी निशांत ने इस ठगी को बड़े ही चालाकी से अंजाम दिया था। अब हम इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगे।"
क्या कर सकते हैं लोग?
- जागरूकता:
ऐसे मामलों से बचने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक रहने की आवश्यकता है। किसी भी व्यक्ति से बहुत बड़ी रकम देने से पहले उसकी वैधता की जांच जरूर करें। - सुरक्षा उपाय:
अगर आप किसी शैक्षिक संस्थान से संबंधित मामले में पैसा देने जा रहे हैं, तो उस संस्थान की प्रमाणिकता को सुनिश्चित करें।
ठगी से बचने के उपाय
ठगी की इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि समाज में ठगों के गिरोह सक्रिय हैं और उनके द्वारा लोगों को धोखा देना अब एक सामान्य बात बन चुकी है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि वे जल्द ही आरोपी को रिमांड पर लेकर मामले की पूरी सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे। इस प्रकार की ठगी से बचने के लिए जागरूक रहना और उचित सावधानियां बरतना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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