Ranchi Military Conference 2025 : Ranchi सैन्य महासम्मेलन 2025: पूर्व सैनिकों की शक्ति और राष्ट्रहित पर बड़ी चर्चा!
"रांची में आयोजित अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सैन्य महासम्मेलन में झारखंड के 10 जिलों के 800 से अधिक पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। जानिए इस ऐतिहासिक सम्मेलन में क्या हुआ और क्यों यह इतने महत्वपूर्ण था।"
रांची: सैन्य महासम्मेलन 2025 में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने एक ऐतिहासिक आयोजन किया, जो रांची के गुरूनानक स्कूल सभागार में 11 और 12 जनवरी को हुआ। यह सम्मेलन झारखंड के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 800 पूर्व सैनिकों और सैन्य मातृशक्ति के लिए एक बहुत बड़ा अवसर था, जिसमें राष्ट्रहित, समाजहित और सैन्य हित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
सम्मेलन में शामिल प्रमुख अतिथि और उनके योगदान
इस दो दिवसीय सम्मेलन में झारखंड प्रदेश के महामहिम राज्यपाल श्री संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वहीं, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ और जी ओ सी 23 माउंटेन डिवीजन, मेजर जनरल परमवीर सिंह डागर, वी एस एम ने भी इस आयोजन में अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज की। इसके अलावा, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी और वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एयर वाईस मार्शल एच पी सिंह, वीर चक्र, वी एस एम (वी) जैसे सम्मानित अतिथि भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।
राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य सहयोग पर जोर
कार्यक्रम का शुभारंभ लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी और एयर वाईस मार्शल एच पी सिंह ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। इस दौरान सभी उपस्थितजनों ने भारत माता को पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय गीत के साथ माँ भारती को वंदन किया। अपने उद्घाटन भाषण में, लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी ने कहा, “राष्ट्रीयता के मूल्यों को सर्वोपरि रखना आज सबसे बड़ी चुनौती है, और इसमें पूर्व सैनिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हमारे सैनिकों का योगदान देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा में अभूतपूर्व है।”
पूर्व सैनिकों की भूमिका पर महत्वपूर्ण चर्चा
प्रदेश अध्यक्ष कर्नल अखौरी रंजन सिन्हा ने अपने संबोधन में युवाओं और बच्चों के बीच देशभक्ति के मूल्य स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “हमें बच्चों के बीच भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की गाथा फैलानी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ी को अपनी सेना पर गर्व हो।” कर्नल सिन्हा ने सभी स्कूलों में जाकर यह संदेश देने का आह्वान किया कि राष्ट्र निर्माण में सैनिकों की भूमिका को पहचाना जाए।
सैनिकों के कल्याण पर चर्चा
सम्मेलन में उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अपने जिलों में किए गए कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। विभिन्न जिलों के पदाधिकारियों ने बताया कि कैसे सैनिकों के कल्याण और पुनर्वास के लिए संगठन द्वारा कई योजनाओं को अमल में लाया जा रहा है। कार्यक्रम में, सैन्य कल्याण, चिकित्सा सहायता और पुनर्वास से संबंधित विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई और उपस्थित सैनिकों को उनकी योजना के बारे में जानकारी दी गई।
सांस्कृतिक संध्या में जोश और उत्साह
कार्यक्रम के समापन के अवसर पर एक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें देशभक्ति के गीत और सैन्य गौरव से भरे हुए कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। यह संध्या सभी उपस्थितजनों के मन में देश के प्रति सम्मान और गौरव की भावना को और प्रगाढ़ कर गई।
महासम्मेलन की ऐतिहासिकता और संदेश
यह सम्मेलन सिर्फ सैन्य हितों के बारे में बात करने का मंच नहीं था, बल्कि यह एक ऐसा अवसर था जहां राष्ट्रीय एकता और समाज के लिए योगदान पर गहरी चर्चा हुई। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि पूर्व सैनिकों का योगदान न केवल सैन्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के हर पहलू में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। यह झारखंड प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसने पूरे राज्य को एकजुट होकर राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
इस आयोजन के सकारात्मक परिणाम अब न केवल सैनिकों की बेहतरी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं, बल्कि देशभक्ति और समाज सेवा की भावना को भी पूरे राज्य में फैलाने का काम कर रहे हैं।
यह सैन्य महासम्मेलन झारखंड में एक नया अध्याय जोड़ने के साथ-साथ पूरे देश को यह संदेश देता है कि जब सैनिक और नागरिक मिलकर राष्ट्र सेवा की दिशा में काम करते हैं, तो समाज और राष्ट्र दोनों की प्रगति सुनिश्चित होती है।
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