Ranchi Sexual Harassment: Private School में 4 वर्षीय बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न, स्कूल की लापरवाही ने बढ़ाई चिंता!

रांची के एक प्राइवेट स्कूल में 4 वर्षीय बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया। बच्चे की मां ने एफआईआर दर्ज कराने में परेशानियों का सामना किया, जबकि स्कूल प्रबंधन ने कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस ने आरोपी कैब ड्राइवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

Dec 19, 2024 - 16:56
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Ranchi Sexual Harassment: Private School में 4 वर्षीय बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न, स्कूल की लापरवाही ने बढ़ाई चिंता!
Ranchi Sexual Harassment: Private School में 4 वर्षीय बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न, स्कूल की लापरवाही ने बढ़ाई चिंता!

झारखंड की राजधानी रांची में एक प्राइवेट स्कूल में चार वर्षीय बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोपी कैब ड्राइवर को पुलिस ने POCSO Act के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन घटना के बाद स्कूल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही ने इस मामले को और भी जटिल बना दिया है।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना बीआईटी मेसरा ओपी थाना क्षेत्र के स्पेक्ट्रम ग्लोबल स्कूल की है, जहां नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाले एक बच्चे ने अपनी मां को स्कूल के कैब ड्राइवर द्वारा की गई गंदी हरकतों के बारे में बताया। बच्चे ने अपनी मां को बताया कि ड्राइवर ने उसे स्कूल के रास्ते में शारीरिक रूप से परेशान किया।

जब बच्चे की मां ने स्कूल प्रबंधन से शिकायत की, तो स्कूल प्रशासन ने किसी भी प्रकार की एक्शन लेने से मना कर दिया। इसके बाद, मां ने बीआईटी मेसरा ओपी में शिकायत दर्ज करने के लिए कदम उठाए, लेकिन उन्हें दो दिनों तक परेशान होना पड़ा। शिकायत दर्ज कराने में देरी हुई और पुलिस ने भी मामले में तुरंत एक्शन नहीं लिया।

क्या कहती है बच्ची की मां?

बच्ची की मां का कहना है कि उन्हें पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि कई बार पुलिस ने उनके बच्चे से बयान लिया और एफआईआर दर्ज की, लेकिन स्कूल प्रबंधन और आरोपी के खिलाफ किसी ठोस कार्रवाई का वादा नहीं किया गया।

बच्ची की मां का आरोप है कि पुलिस ने स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश की और इस मामले को कमजोर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पुलिस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करने में जानबूझकर ढिलाई बरती।

झारखंड बाल संरक्षण आयोग की भूमिका

झारखंड राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य उज्ज्वल प्रकाश तिवारी ने कहा कि यह घटना आयोग के ध्यान में लाई गई है। उन्होंने कहा कि आयोग इस मामले की गंभीरता से जांच करेगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग इस घटना के दोषियों को सजा दिलवाने के लिए संघर्ष करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।

रांची में इससे पहले भी हुई थी ऐसी घटना

रांची में यह पहली घटना नहीं है, जब स्कूलों में बच्चों के साथ इस तरह की गंदगी सामने आई हो। कुछ दिन पहले ही, रांची में एक स्कूल के छात्रों के साथ सरेआम छेड़छाड़ का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इस मामले में आरोपी फिरोज को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और इसके साथ ही पुलिस की लापरवाही के आरोप में छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया।

क्या है बच्चों की सुरक्षा की स्थिति?

रांची और झारखंड में बच्चों के खिलाफ होने वाली यौन उत्पीड़न और शारीरिक शोषण की घटनाओं ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा कितनी प्रभावी है। कई स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम न होने के कारण ऐसी घटनाएं आम हो रही हैं।

स्कूल और पुलिस पर उठे सवाल

इस घटना ने स्कूल प्रशासन और पुलिस विभाग दोनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जब एक बच्चे से यौन उत्पीड़न की शिकायत की जाती है, तो उसे गंभीरता से लेना जरूरी है। लेकिन स्पेक्ट्रम ग्लोबल स्कूल और बीआईटी मेसरा ओपी पुलिस ने इस मामले में इतनी लापरवाही दिखाई, जिससे यह मामला और भी जटिल हो गया।

यह घटना न केवल रांची बल्कि पूरे झारखंड में बच्चों की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से उठाती है। अगर स्कूल और पुलिस प्रशासन समय रहते कार्रवाई करते, तो शायद इस घटना को रोका जा सकता था। अब समय आ गया है कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए कठोर नियम लागू किए जाएं और पुलिस प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारियों को समझे।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।