Ranchi Meeting: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेफ्टिनेंट जनरल की शिष्टाचार भेंट, चर्चा के मायने जानिए

रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेफ्टिनेंट जनरल वाईएस अहलावत और मेजर परमवीर सिंह डागर ने शिष्टाचार मुलाकात की। जानें, इस भेंट के पीछे छिपे संभावित संदेश और इसके मायने।

Dec 26, 2024 - 17:09
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Ranchi Meeting: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेफ्टिनेंट जनरल की शिष्टाचार भेंट, चर्चा के मायने जानिए
Ranchi Meeting: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेफ्टिनेंट जनरल की शिष्टाचार भेंट, चर्चा के मायने जानिए

रांची: Meeting में लेफ्टिनेंट जनरल की मुख्यमंत्री से खास मुलाकात। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आज उनके आवासीय कार्यालय में भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिष्टाचार भेंट की। लेफ्टिनेंट जनरल वाईएस अहलावत (एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, जीओसी-17 कोर) और मेजर परमवीर सिंह डागर (वीएसएम, जीओसी-23 इन्फैंट्री डिवीजन) ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

क्या है इस मुलाकात का महत्व?

लेफ्टिनेंट जनरल और मुख्यमंत्री के बीच हुई इस भेंट को औपचारिक जरूर बताया गया है, लेकिन इसका महत्व इससे कहीं अधिक हो सकता है। सेना और राज्य प्रशासन के बीच संवाद न केवल सुरक्षा बल्कि क्षेत्रीय विकास से जुड़े मुद्दों पर भी अहम भूमिका निभाता है।

भारतीय सेना और झारखंड का गहरा संबंध

झारखंड का भारतीय सेना के साथ एक ऐतिहासिक जुड़ाव है। यहां के हजारों युवा सेना में अपनी सेवाएं देते हैं और अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं। लेफ्टिनेंट जनरल वाईएस अहलावत का 17 कोर, जिसे "स्ट्राइक कोर" के नाम से जाना जाता है, देश की रणनीतिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। वहीं, 23 इन्फैंट्री डिवीजन सीमावर्ती क्षेत्रों में ऑपरेशनल तैयारियों के लिए जिम्मेदार है।

मुख्यमंत्री और सेना के बीच तालमेल

झारखंड जैसे खनिज संपदा से भरपूर राज्य में सेना और प्रशासन के बीच सहयोग का महत्व और भी बढ़ जाता है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सेना और सुरक्षा बलों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस मुलाकात को भविष्य में क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास योजनाओं के दृष्टिकोण से देखा जा सकता है।

संभावित विषय

हालांकि, इस भेंट को शिष्टाचार मुलाकात बताया गया है, लेकिन संभावना है कि इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण, सेना के लिए भूमि आवंटन, और युवाओं को सेना में भर्ती के लिए प्रोत्साहन जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई हो।

इतिहास की झलक

मुख्यमंत्री और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मुलाकातें पहले भी होती रही हैं। 2018 में भी झारखंड सरकार ने सेना को कुछ क्षेत्रीय मुद्दों पर समर्थन देने का आश्वासन दिया था। इन मुलाकातों का उद्देश्य राज्य और सेना के बीच तालमेल बढ़ाना और विकास की नई संभावनाओं पर काम करना होता है।

जनता की उम्मीदें

झारखंड के लोग इस प्रकार की बैठकों को सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से सकारात्मक मानते हैं। राज्य में नक्सलवाद की समस्या और सीमावर्ती सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सेना का साथ प्रशासन को मजबूत बनाता है।

आगे का कदम

इस मुलाकात के बाद संभावना है कि राज्य प्रशासन और सेना के बीच समन्वय को और मजबूत किया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखंड सरकार सेना के साथ मिलकर राज्य में विकास और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर सकती है।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।