Jamshedpur Launch: छात्रों ने लिखी 'स्वच्छता संवाद', जानें स्वच्छ भारत मिशन से कैसे जुड़ी है यह पहल
जमशेदपुर में उप नगर आयुक्त और टाटा स्टील यूआईएसएल ने 43 छात्रों द्वारा लिखित पुस्तक "स्वच्छता संवाद" का अनावरण किया। यह पुस्तक स्वच्छ भारत मिशन के साथ जुड़ी छात्रों की रचनात्मकता और योगदान को दर्शाती है।
जमशेदपुर: 26 दिसंबर 2024 को जमशेदपुर में पर्यावरण संरक्षण और युवाओं की रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। टाटा स्टील यूआईएसएल ने पोटली प्रोडक्शंस और द हाइफन के सहयोग से छात्रों द्वारा लिखित पुस्तक "स्वच्छता संवाद" का अनावरण किया। यह पुस्तक स्वच्छ भारत मिशन की प्रेरणा से तैयार की गई है और स्वच्छता के प्रति युवाओं की प्रतिबद्धता और विचारशीलता को प्रस्तुत करती है।
पुस्तक 'स्वच्छता संवाद' की खासियत
इस अभूतपूर्व पहल में जमशेदपुर जिले के 25 स्कूलों के 43 प्रतिभावान छात्रों ने भाग लिया। पुस्तक को खासतौर पर स्वच्छता प्रथाओं, पर्यावरण संरक्षण और समाज में बदलाव के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए लिखा गया है। छात्रों ने अपनी रचनात्मकता के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है।
लॉन्च कार्यक्रम का आयोजन
कार्यक्रम में उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार और टाटा स्टील यूआईएसएल के महाप्रबंधक (टाउन ओ एंड एम) रवींद्र कुमार सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने पुस्तक का अनावरण करते हुए इसे एक प्रेरणादायक पहल बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगी।
युवाओं का योगदान और शुरुआत का सफर
यह परियोजना शहर भर में आयोजित निबंध प्रतियोगिताओं के साथ शुरू हुई, जिसमें 3,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इन निबंधों के माध्यम से छात्रों ने स्वच्छता से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधानों पर अपने विचार साझा किए।
रचनात्मक कार्यशाला का महत्व
पोटली प्रोडक्शंस की संस्थापक दीपाली रैना के नेतृत्व में 43 छात्रों का चयन किया गया, जिन्हें एक रचनात्मक लेखन कार्यशाला में भाग लेने का अवसर मिला। इस कार्यशाला ने छात्रों को कहानी कहने की कला और संवाद कौशल में निपुण बनाया।
स्वच्छ भारत मिशन और 'स्वच्छता संवाद' का जुड़ाव
स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह पहल स्वच्छता और हरित भविष्य के निर्माण में युवाओं की भागीदारी को दर्शाती है। पुस्तक "स्वच्छता संवाद" केवल एक साहित्यिक कृति नहीं है, बल्कि यह समाज में स्वच्छता के प्रति एक आंदोलन को प्रोत्साहित करने का माध्यम है।
इतिहास और प्रेरणा
स्वच्छता अभियान महात्मा गांधी के सपनों का हिस्सा था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में मिशन का रूप दिया। इस अभियान के अंतर्गत देशभर में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। "स्वच्छता संवाद" उसी दिशा में एक रचनात्मक प्रयास है, जो युवाओं को इस आंदोलन का सक्रिय हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है।
भविष्य की योजना
पुस्तक के लॉन्च के बाद, इसका वितरण शहर के विभिन्न स्कूलों और पुस्तकालयों में किया जाएगा। इसके साथ ही, टाटा स्टील यूआईएसएल ने छात्रों के साथ मिलकर स्वच्छता पर और भी कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।
समाज में संदेश
यह पहल यह साबित करती है कि स्वच्छता केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर व्यक्ति, खासतौर पर युवाओं की भूमिका है। "स्वच्छता संवाद" समाज को यह संदेश देता है कि अगर युवा अपनी सोच और कार्यों को सही दिशा में लगाएं, तो समाज में बड़े बदलाव संभव हैं।
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