सरायकेला में अवैध पार्किंग पर ट्रैफिक पुलिस की कड़ी कार्रवाई, 67 हजार से अधिक का जुर्माना वसूला
सरायकेला-खरसावां जिले में अवैध पार्किंग के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस का सख्त अभियान। कंपनी गेट पर अवैध रूप से खड़े वाहनों से 67,300 रुपये का जुर्माना वसूला गया। जानें पूरी खबर।
सरायकेला-खरसावां जिले में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी और अवैध पार्किंग के खिलाफ जिला पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। शनिवार को ट्रैफिक पुलिस ने एसपी के निर्देश पर सरायकेला-कांड्रा मार्ग पर स्थित कोलाबिरा के आरकेएफएल यूनिट पांच के मुख्य गेट के पास अवैध रूप से खड़े वाहनों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया। इस दौरान अवैध पार्किंग में खड़े वाहनों से 67,300 रुपये का जुर्माना वसूला गया।
ट्रैफिक प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि बार-बार चेतावनी देने और जुर्माना लगाने के बावजूद भी कंपनी प्रबंधन द्वारा नियमों की अनदेखी की जा रही है। बाहर से आने वाले वाहनों को कंपनी के मुख्य गेट के पास ही पार्क कराया जा रहा है, जिससे सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ रही है।
उन्होंने आगे बताया कि ट्रैफिक नियमों का पालन न करने पर पुलिस प्रशासन की बदनामी हो रही है। राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में अवैध पार्किंग करते पकड़े गए तो वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। हिमालयन कंपनी को भी नोटिस जारी किया गया है, क्योंकि उसके पास भी मुख्य सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग रही हैं।
ट्रैफिक प्रभारी ने कहा कि प्रशासन ने कई बार कंपनी मालिकों को पत्राचार कर यातायात नियमों का पालन करने की अपील की है, लेकिन बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसी कारण मजबूरन पुलिस को सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं और बाहर से आने वाले वाहनों से जुर्माना वसूला जा रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़कों पर वाहनों की अवैध पार्किंग के कारण न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। लोग पुलिस प्रशासन के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इस तरह की सख्त कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि सड़कें सुरक्षित और यातायात सुगम बना रहे।
सरायकेला-खरसावां जिले में ट्रैफिक पुलिस का यह अभियान इस बात का संकेत है कि वे यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। अब देखना होगा कि प्रशासन की इस सख्ती का असर आने वाले दिनों में कैसे पड़ता है और क्या कंपनियां ट्रैफिक नियमों का पालन करने लगेंगी।
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