Jharkhand Electricity Hike: टाटा पावर ने बिजली दरों में प्रति यूनिट 5 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव दिया, उपभोक्ताओं से मांगे गए सुझाव

टाटा पावर ने झारखंड में बिजली दरों में प्रति यूनिट 5 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव दिया। जानिए क्यों बढ़ रही है बिजली की कीमत और क्या है उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया।  

Mar 1, 2025 - 16:16
Mar 1, 2025 - 16:27
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Jharkhand Electricity Hike: टाटा पावर ने बिजली दरों में प्रति यूनिट 5 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव दिया, उपभोक्ताओं से मांगे गए सुझाव
Jharkhand Electricity Hike: टाटा पावर ने बिजली दरों में प्रति यूनिट 5 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव दिया, उपभोक्ताओं से मांगे गए सुझाव

रांची, झारखंड: टाटा पावर ने झारखंड में बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (JSERC) को प्रति यूनिट बिजली की दर में 5 पैसे की वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर विचार करने से पहले JSERC ने शुक्रवार को गोलमुरी क्लब में जनसुनवाई आयोजित की, जिसमें उपभोक्ताओं से सुझाव लिए गए।  

 क्यों बढ़ाई जा रही है बिजली दर?  
टाटा पावर ने जनसुनवाई में बताया कि झारखंड सरकार ने अक्टूबर 2021 से प्रति टन कोयले के उपयोग पर 100 रुपये का अतिरिक्त सेस लगा दिया है। इससे कंपनी को यूनिट 2 में 11.18 करोड़ रुपये और यूनिट 3 में 8.72 करोड़ रुपये (कुल 19.90 करोड़ रुपये) का राजस्व नुकसान हो रहा है। इस नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी ने बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।  

जनसुनवाई में क्या हुआ?  
जनसुनवाई की अध्यक्षता JSERC के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार और सदस्य विधि महेंद्र कुमार ने की। इस दौरान टाटा पावर के अधिकारियों ने बिजली दरों में वृद्धि के कारणों को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि कोयले पर अतिरिक्त सेस के कारण कंपनी को भारी नुकसान हो रहा है, जिसकी भरपाई के लिए दरों में वृद्धि जरूरी है।  

प्लांट-मशीनरी का मूल्यांकन  
JSERC के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार ने कहा कि टाटा पावर की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसलिए, कंपनी की प्लांट-मशीनरी का मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आगे बिजली उत्पादन के लिए उपयोगी होगी या नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्लांट की औसत आयु 25 साल होती है, लेकिन टाटा पावर ने टाटा स्टील के साथ 30 साल का समझौता किया है।  

प्रदूषण नियंत्रण पर सवाल  
जनसुनवाई के दौरान यह भी सामने आया कि टाटा पावर ने अब तक प्रदूषण को रोकने के लिए फ्यूल गैस डी-सल्फराइजेशन (एफजीडी) तकनीक नहीं लगाई है। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में इस तकनीक को लगा लिया जाएगा।  

मानवाधिकार आयोग के सदस्य जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि एफजीडी तकनीक न लगाने के कारण जनता फ्लाई ऐश डस्ट से परेशान है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि चीन से आयातित स्टील के कारण टाटा स्टील का माल नहीं बिक रहा है और इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है।  

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया  
जनसुनवाई में शामिल उपभोक्ताओं ने बिजली दरों में वृद्धि के प्रस्ताव पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ उपभोक्ताओं ने कहा कि बिजली दरों में वृद्धि से उन पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जबकि कुछ ने कहा कि अगर यह वृद्धि बिजली की गुणवत्ता और आपूर्ति में सुधार के लिए है, तो यह स्वीकार्य है।  

  
टाटा पावर का बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव झारखंड के उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा मुद्दा है। JSERC अब उपभोक्ताओं के सुझावों और टाटा पावर के तर्कों के आधार पर अपना निर्णय लेगा। अगर आप इस मामले से जुड़ी ताजा अपडेट चाहते हैं, तो हमारे साथ जुड़े रहें। 

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।