Rajnagar Accident: हाइवा से टकराई बाइक, मां-बेटे घायल, एम्बुलेंस न मिलने पर हुई परेशानियां
राजनगर में हाइवा से टकराई बाइक, मां-बेटे घायल। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल भेजा गया। जानें पूरी खबर और सड़क सुरक्षा पर क्या हो रहे हैं सवाल।
राजनगर में शुक्रवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक बाइक सवार मां-बेटे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा रानीगंज के पास हुआ, जब बाइक सवार देवाशीष मुखी और उनकी मां द्रौपदी मुखी एक खड़े हाइवा से टकरा गए। इस हादसे ने स्थानीय समुदाय के सामने न केवल सड़क सुरक्षा की समस्या को उजागर किया, बल्कि अस्पताल तक पहुंचने के लिए एम्बुलेंस की कमी को भी सामने ला दिया।
कैसे हुआ हादसा?
राजनगर के कृष्णापुर गांव निवासी 19 वर्षीय देवाशीष और उनकी मां द्रौपदी बाइक से अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वह रानीगंज गांव के पास पहुंचे, उनकी बाइक सीधे खड़े हाइवा से टकरा गई। हाइवा के पीछे इंडिकेटर लाइट और रिफलेक्टर जल नहीं रहे थे, जिससे यह हादसा हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों बाइक सवार गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए।
स्थानीय लोगों की मदद: एम्बुलेंस का इंतजार
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन, आधे घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। ऐसे में स्थानीय लोगों ने दोनों घायलों को अपनी बाइक पर लेकर राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) भेजा। हालांकि, घायलों का इलाज अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हो रहा है, लेकिन एम्बुलेंस सेवा की देरी ने उनके इलाज में बाधाएं उत्पन्न की।
हाइवा चालक की लापरवाही
हादसे के बाद यह भी सामने आया कि हाइवा के चालक ने सड़क पर खड़ी अपनी गाड़ी में आवश्यक सुरक्षा संकेतक नहीं लगाए थे। गाड़ी के पीछे का रिफलेक्टर भी जल नहीं रहा था, जिससे रात के समय यह हादसा हो गया। यदि गाड़ी का संकेतक जल रहा होता, तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी।
राजनगर के सड़क हादसों की बढ़ती चिंता
राजनगर और आसपास के इलाकों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। हादसों का मुख्य कारण न केवल वाहन चालकों की लापरवाही है, बल्कि सड़क सुरक्षा की कमी और स्थानीय प्रशासन की ओर से सुरक्षा उपायों का अभाव भी प्रमुख कारण है।
राजनगर में हादसों का इतिहास
राजनगर क्षेत्र में सड़क हादसों का इतिहास काफी पुराना है। यहां के मुख्य मार्गों पर अक्सर हादसे होते रहते हैं, खासकर उस वक्त जब सड़कें भीड़-भाड़ से भरी होती हैं। दुर्घटनाओं के कारणों में गाड़ी की तेज रफ्तार, खराब सड़कें, और गाड़ी में खराब लाइट्स का होना शामिल है।
सरायकेला में दूसरा सड़क हादसा
इसी दिन सरायकेला में भी एक और सड़क हादसा हुआ, जहां टेंपो ने साइकिल सवार वृद्ध को टक्कर मार दी। घटना सरायकेला-कांड्रा मार्ग के गौरांगडीह के पास हुई। बुजुर्ग राम प्रसाद बारीक (65) बाजार से लौट रहे थे, जब टेंपो ने उन्हें टक्कर मारी और मौके से फरार हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सरायकेला सदर अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।
सड़क सुरक्षा की जरूरत
इन दोनों घटनाओं ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया है। हर साल सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं, और इसका मुख्य कारण आमतौर पर गाड़ी की लापरवाही या सड़क सुरक्षा के उपायों का अभाव होता है। अब समय आ गया है कि प्रशासन सड़क सुरक्षा के नियमों को कड़े तरीके से लागू करे और स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए।
राजनगर और सरायकेला में हुए इन दो हादसों ने सड़क सुरक्षा की समस्या को फिर से उजागर किया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या वह सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाता है।
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