Jamshedpur Odisha Governor: रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का हुआ अंतिम संस्कार, पूर्व सीएम फूट-फूट कर रो पड़े!

ओडिशा के कार्यवाहक राज्यपाल रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का अंतिम संस्कार, भावुक हुए रघुवर दास, जानें शोक सभा के भावुक पल।

Jan 1, 2025 - 19:28
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Jamshedpur Odisha Governor: रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का हुआ अंतिम संस्कार, पूर्व सीएम फूट-फूट कर रो पड़े!
Jamshedpur Odisha Governor: रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का हुआ अंतिम संस्कार, पूर्व सीएम फूट-फूट कर रो पड़े!

जमशेदपुर (ओडिशा गवर्नर): झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के कार्यवाहक राज्यपाल रघुवर दास के लिए बुधवार का दिन एक भावुक और शोकपूर्ण दिन था। उनकी बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन 31 दिसंबर को टीएमएच (टाटा मेमोरियल अस्पताल) में हुआ था, और आज उनके अंतिम संस्कार के दौरान रघुवर दास भावुक हो उठे। प्रेमबती देवी की अंत्येष्टि जमशेदपुर स्थित सीतारामडेरा गांधी श्मशान घाट पर सनातनी विधि के अनुसार की गई। इस दौरान रघुवर दास, अपने पुत्र ललित दास के साथ, उनके अंतिम यात्रा में शामिल हुए और पैदल ही श्मशान घाट तक पहुंचे।

भावुक अंतिम विदाई

रघुवर दास अपनी बड़ी बहन प्रेमबती देवी को अंतिम विदाई देने के दौरान अत्यधिक भावुक हो गए थे। उनके साथ उनकी परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं, जिन्होंने अपने बहन को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अदृश्य यात्रा पर भेजा। प्रेमबती देवी की शव यात्रा एग्रिको आवास से निकलकर रघुवर दास के आवास तक आई, जहां उनके परिवार और मित्रों ने इस दुःख की घड़ी में उनका साथ दिया। रघुवर दास और उनके परिवार के अन्य सदस्य शहीद श्मशान घाट की ओर बढ़ते हुए पैदल चल रहे थे, जहां उनके साथ झारखंड भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी इस शोकसभा में शामिल हुए।

मुखाग्नि देने के बाद की भावुक स्थिति

अंतिम संस्कार के समय, रघुवर दास ने अपनी बहन को मुखाग्नि दी, लेकिन जब उन्होंने चिता पर सिर रखा, तो वह फूट-फूट कर रो पड़े। उनके आंसू यह दर्शाते थे कि इस कठिन समय में कभी ना भरने वाला शून्य उनके दिल में था। रघुवर दास अपनी बड़ी बहन को याद कर भावुक हो गए थे। इस दौरान उनके साथ मौजूद कई लोग जैसे पवन अग्रवाल, दिनेश कुमार, कमलेश सिंह, खेमलाल चौधरी, और चंद्रशेखर मिश्रा ने उन्हें ढांढस बंधाया और शांति प्रदान करने की कोशिश की।

अंत्येष्टि की सनातनी विधि

प्रेमबती देवी की अंत्येष्टि सनातनी तरीके से संपन्न की गई। इस प्रक्रिया में शरीर को अग्नि के हवाले किया गया, जो एक हिंदू परंपरा का हिस्सा है। रघुवर दास के नेतृत्व में यह संपूर्ण समारोह पारंपरिक तरीके से हुआ, जहां पर परिजनों और शुभचिंतकों ने इस शोक में भाग लिया।

समाज और परिवार की शोकसभा

रघुवर दास और उनका परिवार इस दुखद घड़ी में अपने परिजनों, दोस्तों और समर्थकों से घिरा हुआ था। अंतिम संस्कार स्थल पर भा.ज.पा. के कई वरिष्ठ नेता जैसे अमरप्रीत सिंह काले, विनोद सिंह, अभय सिंह, शिवशंकर सिंह, और कुलवंत सिंह बंटी भी पहुंचे और शहीदों की इस पारंपरिक यात्रा में हिस्सा लिया। इन सभी लोगों ने प्रेमबती देवी की आत्मा की शांति की कामना की और उनके परिवार के साथ इस कठिन समय में खड़े होने का वचन दिया।

परमात्मा से प्रार्थना

अंतिम संस्कार के बाद वहां उपस्थित सभी लोगों ने एकजुट होकर परमात्मा से प्रार्थना की कि प्रेमबती देवी की आत्मा को शांति मिले। साथ ही, उन्होंने रघुवर दास और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करने के लिए भी प्रार्थना की। लोग उनके साथ दुख साझा कर रहे थे, और यह समय किसी के लिए भी असहनीय था, लेकिन रघुवर दास के परिजनों ने इस कठिन वक्त में एक दूसरे का साथ दिया।

रघुवर दास का शोक और धैर्य

रघुवर दास के लिए यह व्यक्तिगत क्षति बहुत बड़ी थी। उनके नेतृत्व में झारखंड और ओडिशा में कई राजनीतिक बदलाव हुए थे, लेकिन इस क्षण में वह एक भाई की भूमिका में थे, जिसने अपनी बहन को अलविदा कहा। उन्होंने इस शोकपूर्ण समय में भी एक संयमित और समर्पित नेता की तरह खुद को संभालते हुए परिवार के साथ शोक व्यक्त किया।

रघुवर दास की बड़ी बहन प्रेमबती देवी का निधन झारखंड और ओडिशा के लिए एक बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति थी। उनका अंतिम संस्कार पारंपरिक विधियों के अनुसार बड़े सम्मान के साथ किया गया, जिसमें रघुवर दास ने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया। इस दुखद घड़ी में रघुवर दास और उनके परिवार के साथ राजनीतिक और सामाजिक नेता भी खड़े रहे, और एकजुट होकर इस शोक में शामिल हुए।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।