Potka Celebration: स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, युवा पीढ़ी को दिया संघर्ष और समर्पण का संदेश
पोटका के तारा पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती मनाई गई। जानें कैसे इस कार्यक्रम ने युवाओं को प्रेरित किया और स्वामी विवेकानंद के विचारों को पुनः जीवित किया।
पोटका प्रखंड स्थित तारा पब्लिक स्कूल हरिवंश नगर हाता में स्वामी विवेकानंद जी की 162वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्राचार्य कमलेश मिश्र ने स्वामी विवेकानंद जी की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके की। यह आयोजन न केवल स्वामी विवेकानंद जी के योगदान को याद करने का एक अवसर था, बल्कि युवाओं को उनके विचारों और उनके मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने का भी एक महान अवसर बना।
स्वामी विवेकानंद की प्रेरक बातें
कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य कमलेश मिश्र ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों को साझा करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवाओं से कहा था कि यदि वे अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित हो जाएं, तो वे समाज और राष्ट्र की तस्वीर बदल सकते हैं। उनकी बातों ने युवाओं में नए जोश और आत्मविश्वास का संचार किया। उन्होंने विद्यार्थियों से यह अपील की कि हम सभी स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरणा लेकर यह संकल्प लें कि हम उनके बताए मार्ग पर चलेंगे और अपने जीवन को सार्थक बनाएंगे।
वक्तव्य में गूंजे स्वामी विवेकानंद के विचार
स्वामी विवेकानंद पर वक्तव्य देने के लिए शिक्षक दुर्गा प्रसाद दास को आमंत्रित किया गया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के संघर्ष और उनके महान कार्यों को साझा किया। उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए एक आदर्श था। उनके विचार आज भी हर युवा के दिल में गूंजते हैं। उनका संदेश था कि जीवन में संघर्ष के बिना कोई सफलता नहीं मिलती। उनका जीवन और उनके विचार आज भी हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।
स्कूल के शिक्षकों का योगदान
इस कार्यक्रम में कई शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। शिक्षक अर्जुन झा, शिक्षिका संगीता सरदार, संगीता पाल, नमिता सरदार, सुषमा भकत, शिल्पा बारिक, वर्षा मिश्रा, पानमुनी भुमिज, मनीषा नामता सहित कई अन्य शिक्षक इस आयोजन में शामिल हुए। इन सभी ने कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया और विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम का संचालन मिहिर गोप ने किया, जो स्वयं स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरित हैं। उन्होंने पूरे आयोजन को सुचारू रूप से संचालित किया और विद्यार्थियों के बीच स्वामी विवेकानंद के जीवन और उनके कार्यों के बारे में जागरूकता फैलाई। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन अंबुज प्रमाणिक ने किया और सभी का आभार व्यक्त किया।
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