Potka: बालसभा में उठी शौचालय और पानी की गंभीर समस्या, जानिए और क्या मुद्दे उठाए गए!

Potka में बाल सभा के दौरान बच्चों ने स्कूल की समस्याओं पर चर्चा की, जिसमें शौचालय, पानी की समस्या, खेल सामग्री की कमी और सफाई की आवश्यकता प्रमुख थे। जानें बच्चों के द्वारा उठाए गए मुद्दे और उनका समाधान!

Feb 18, 2025 - 20:19
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Potka: बालसभा में उठी शौचालय और पानी की गंभीर समस्या, जानिए और क्या मुद्दे उठाए गए!
Potka: बालसभा में उठी शौचालय और पानी की गंभीर समस्या, जानिए और क्या मुद्दे उठाए गए!

Potka: बालसभा के दौरान टांगराईन पंचायत में स्कूल की बुनियादी समस्याओं को लेकर 38 विद्यार्थियों ने अपनी आवाज उठाई। यह सभा यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन (युवा) संस्था के सहयोग से आयोजित की गई, जिसमें पंचायत सचिव की उपस्थिति में अध्यक्ष का चुनाव भी हुआ। संजना पात्रो को इस सभा का अध्यक्ष चुना गया और उन्होंने अपने साथियों के मुद्दों को सामने रखा।

स्कूल में पानी और शौचालय की समस्या

बाल सभा में प्रमुख रूप से शौचालयों में पानी की समस्या उठाई गई। बच्चों ने बताया कि स्कूल में शौचालयों में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण उनकी स्वच्छता प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, बच्चों ने कूड़ेदान की कमी का भी मुद्दा उठाया, जिससे स्कूल परिसर में सफाई के प्रति असावधानी का वातावरण बन रहा है।

अन्य प्रमुख समस्याएँ

बाल सभा में अन्य समस्याएं भी सामने आई, जिनमें खेल सामग्री की कमी, स्कूल के गेट से लेकर स्कूल तक पेवर्स ब्लॉक की व्यवस्था, नलकूप की मरम्मत, सफाई कर्मचारी की कमी और महिला शिक्षक की आवश्यकता प्रमुख थीं। बच्चों ने इन समस्याओं को उठाते हुए अपने शिक्षकों और स्कूल प्रशासन से इनका समाधान करने की अपील की।

इतिहास और शिक्षा का महत्व

शिक्षा का अधिकार हमारे समाज में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। खासकर, हमारे ग्रामीण इलाकों में बच्चों को स्वस्थ्य वातावरण में शिक्षा प्राप्त हो, यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। स्वच्छता की स्थिति, उचित पानी की उपलब्धता, और खेल सामग्री बच्चों के विकास में सहायक होती है। अगर इन बुनियादी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास में रुकावट आ सकती है। यह समस्याएं केवल टांगराईन पंचायत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई अन्य गांवों में भी ऐसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।

चंद्रकला मुंडा और खेलाराम माहली की भूमिका

बाल सभा को सफल बनाने में ग्राम सभा सशक्तिकरण के कार्यकर्ताओं चंद्रकला मुंडा और खेलाराम माहली की अहम भूमिका रही। इन दोनों ने बच्चों को अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया और उन्हें सही तरीके से अपनी समस्याओं को सामने लाने का मौका दिया। यह कदम ग्राम सभा सशक्तिकरण के दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

भविष्य की दिशा

आज के बच्चों की समस्याओं का समाधान भविष्य में हमारे समाज की स्थिरता और विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा। यदि इन समस्याओं को समय रहते हल किया गया, तो इन बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित होगा, और वे भविष्य में समाज का अहम हिस्सा बनेंगे। हम सभी को मिलकर इन मुद्दों को हल करने की दिशा में काम करना होगा।

क्यों जरूरी है ऐसे आयोजन?

इस तरह के आयोजन बच्चों को अपनी आवाज उठाने का अवसर देते हैं, साथ ही उन्हें यह समझने का मौका मिलता है कि उनके हक और समस्याओं का समाधान जरूरी है। बाल सभा जैसी पहलें बच्चों को स्वावलंबी और सशक्त बनाने में मदद करती हैं। यह बच्चे भविष्य में समाज के जागरूक नागरिक बनकर उभरते हैं।

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Manish Tamsoy मनीष तामसोय कॉमर्स में मास्टर डिग्री कर रहे हैं और खेलों के प्रति गहरी रुचि रखते हैं। क्रिकेट, फुटबॉल और शतरंज जैसे खेलों में उनकी गहरी समझ और विश्लेषणात्मक क्षमता उन्हें एक कुशल खेल विश्लेषक बनाती है। इसके अलावा, मनीष वीडियो एडिटिंग में भी एक्सपर्ट हैं। उनका क्रिएटिव अप्रोच और टेक्निकल नॉलेज उन्हें खेल विश्लेषण से जुड़े वीडियो कंटेंट को आकर्षक और प्रभावी बनाने में मदद करता है। खेलों की दुनिया में हो रहे नए बदलावों और रोमांचक मुकाबलों पर उनकी गहरी पकड़ उन्हें एक बेहतरीन कंटेंट क्रिएटर और पत्रकार के रूप में स्थापित करती है।