Odisha में Atrocity: आदिवासी युवती से अमानवीय व्यवहार, गुस्से में आदिवासी संगठन
ओडिशा के बोलांगीर जिले में आदिवासी युवती के साथ अमानवीय घटना, आरोपी ने की मारपीट और किया मानव मल खाने को मजबूर। आदिवासी संगठनों का उग्र प्रदर्शन।
21 नवंबर 2024: ओडिशा के बोलांगीर जिले से एक शर्मनाक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। 20 वर्षीय आदिवासी युवती के साथ मारपीट करने और उसे जबरन मानव मल खाने को मजबूर करने का मामला उजागर हुआ है। इस घटना के बाद आदिवासी संगठनों में आक्रोश फैल गया है और जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
पुलिस ने घटना पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, लेकिन मुख्य आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस का दावा है कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है।
घटना का पूरा विवरण
यह घटना 16 नवंबर की है और बोलांगीर जिले के जूराबंधा गांव में हुई।
- आदिवासी युवती ने अपने खेत में एक गैर-आदिवासी व्यक्ति द्वारा ट्रैक्टर चलाने का विरोध किया।
- आरोपी ने इसपर युवती के साथ मारपीट की।
- मामला यहीं खत्म नहीं हुआ; आरोपी ने कथित तौर पर युवती को मानव मल खाने को मजबूर किया।
कैसे हुई यह घटना?
युवती ने शिकायत दर्ज कराई है कि वह उस दिन तालाब से नहाकर घर लौट रही थी।
- गांव के ही अभय बाघ ने उसे रोका और उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
- जब युवती ने इसका विरोध किया, तो उसने उसकी छाती पर हमला किया, जिससे वह जमीन पर गिर गई।
- आरोपी ने न केवल मारपीट की, बल्कि उसके चेहरे पर मानव मल भी लगा दिया और उसे खाने पर मजबूर किया।
जब युवती की मां उसे बचाने पहुंचीं, तो अभय बाघ ने उनपर भी हमला करने की कोशिश की।
आदिवासी संगठन आक्रोशित, बढ़ा प्रदर्शन
इस घटना के बाद से आदिवासी संगठनों में भारी आक्रोश है।
- विभिन्न आदिवासी अधिकार संगठनों ने घटना के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया।
- संगठनों ने मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।
- आदिवासी संगठनों का कहना है कि यह घटना सिर्फ एक महिला के साथ अन्याय नहीं है, बल्कि आदिवासी समुदाय के खिलाफ सामाजिक भेदभाव की गहरी समस्या को उजागर करती है।
इतिहास में ऐसे मामले
ओडिशा समेत भारत के अन्य हिस्सों में आदिवासी समुदायों पर होने वाले अत्याचार कोई नई बात नहीं हैं।
- झारखंड (2019): आदिवासी युवक के साथ मारपीट कर उसे चोरी का आरोपी बनाया गया और हत्या कर दी गई।
- मध्य प्रदेश (2021): आदिवासी महिला को उसके ही गांव में सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
भारत में आदिवासियों के खिलाफ इस तरह के अत्याचार सामाजिक असमानता और कानून व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर करते हैं।
पुलिस की प्रतिक्रिया
बंगामुंडा थाने के प्रभारी ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर आरोपी की तलाश जारी है।
- पुलिस ने युवती के बयान के आधार पर सख्त धाराओं में केस दर्ज किया है।
- तकनीकी सहायता से आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने का दावा किया गया है।
कानूनी और सामाजिक प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने फिर से भारत में आदिवासी समुदायों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों की गंभीरता को उजागर किया है।
- अगर इस मामले में आरोपी को जल्द सजा नहीं मिली, तो यह न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ा करेगा।
- आदिवासी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर न्याय नहीं मिला, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि आदिवासी समुदायों पर अत्याचार को रोकने के लिए न केवल कानूनी सुधार की जरूरत है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
ओडिशा की इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। यह मामला सिर्फ एक महिला के साथ अन्याय का नहीं है, बल्कि सामाजिक भेदभाव और आदिवासी समुदाय के प्रति घृणा का जीता-जागता उदाहरण है। अब देखना होगा कि आरोपी को कब तक गिरफ्तार किया जाता है और पीड़िता को न्याय कैसे मिलता है।
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