New ISRO Chief : ISRO के नए प्रमुख बने रॉकेट वैज्ञानिक V नारायणन, जानें उनके करियर की खास बातें
रॉकेट वैज्ञानिक V नारायणन को ISRO का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। जानें उनकी विशेषज्ञता और भविष्य की योजनाओं के बारे में इस रिपोर्ट में।
नई दिल्ली: “जहाँ चाह, वहाँ राह”, यही सोच और मेहनत ने भारतीय अंतरिक्ष संगठन ISRO में रॉकेट वैज्ञानिक V नारायणन को नया प्रमुख बना दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) को नया नेतृत्व मिला है। रॉकेट वैज्ञानिक डॉ. वी नारायणन को आगामी 14 जनवरी से ISRO का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। वह एस सोमनाथ का स्थान लेंगे, जो अगले सप्ताह अपने तीन साल के कार्यकाल को समाप्त कर रहे हैं।
नियुक्ति का आधिकारिक आदेश: "कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने श्री वी नारायणन, निदेशक, लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर, वालियामाला को सचिव, विभाग अंतरिक्ष और स्पेस कमिशन के अध्यक्ष के रूप में दो साल के लिए नियुक्त करने की मंजूरी दी है।"
नारायणन का बयान: इस बड़ी जिम्मेदारी के लिए नारायणन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि ISRO के पास देश को और अधिक प्रौद्योगिकी में योगदान देने का अवसर है। उन्होंने कहा, "हमारे पास ISRO के कुशल कर्मचारियों, तकनीकी विशेषज्ञों और प्रबंधन टीम का समर्थन है, जिससे हम प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए 'विकसित राष्ट्र' के लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।"
ISRO में योगदान: 1969 से ISRO ने भारत के विकास में अहम योगदान दिया है, और इसे दुनिया भर में एक प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी के रूप में स्थापित किया है। नारायणन के नेतृत्व में, ISRO आगे बढ़ने के लिए कई महत्वाकांक्षी मिशनों पर काम करेगा, जैसे चंद्रयान-4 और भारत का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में नए प्रयोग।
नारायणन का करियर: डॉ. वी नारायणन के पास ISRO में लगभग 40 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट की दिशा में अहम योगदान दिया और GSLV Mk III के C25 चरण के सफल विकास की जिम्मेदारी ली। उनका मानना है कि ISRO के पास एक सशक्त और उत्साही टीम है, जो देश को उच्च तकनीकी और अंतरिक्ष विज्ञान में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।
विशेषज्ञता: नारायणन का मुख्य क्षेत्र रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन है। उन्होंने अपनी शुरुआत 1984 में की थी और तब से लेकर अब तक उन्होंने कई प्रमुख भूमिकाएँ निभाईं। उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSSC) में सॉलिड प्रोपल्शन और आगमेंटेड सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (ASLV) पर काम किया, और बाद में क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम टेक किया।
भविष्य के मिशन: नारायणन ने अपने अगले मिशनों का खाका तैयार किया है, जिसमें SpaDex जैसे महत्वाकांक्षी प्रयोग और PSLV की योजना है। उनका कहना है कि ISRO जल्द ही पहला मानवरहित रॉकेट G1 लॉन्च करेगा, जो अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।
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