Jamshedpur Real Heros : नेवी की कहानी, वीरों की जुबानी: जमशेदपुर से निकले भारत के नौसेना नायक
नेवी की कहानी, वीरों की जुबानी: जमशेदपुर के नौसेना नायकों की अनसुनी कहानियां। सोमालिया ऑपरेशन से लेकर विक्रांत के ऐतिहासिक युद्ध तक, भारतीय नौसेना के इन वीर जवानों की साहसिक गाथाओं को पढ़ें।
नेवी की कहानी, वीरों की जुबानी: जमशेदपुर से निकले भारत के नौसेना नायक
नेवी दिवस (3 दिसंबर) पर भारत की समुद्री ताकत और उसके वीर जवानों को सलाम। जमशेदपुर के ऐसे ही कुछ नौसेना नायकों की अनसुनी कहानियां आपके सामने लेकर आए हैं, जिन्होंने देश की रक्षा और गर्व को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। ये कहानियां न केवल रोमांच से भरपूर हैं, बल्कि भारतीय नौसेना की अदम्य साहस और रणनीतिक कुशलता का परिचय भी कराती हैं।
सामोलिया सरकार ने घुटने टेके: सिद्धनाथ सिंह की अदम्य गाथा
जमशेदपुर के बाराद्वारी निवासी सिद्धनाथ सिंह, भारतीय नौसेना के पेटी ऑफिसर, 1994 में शक्ति टैंकर पर तैनात हुए। उनके साहसिक कार्यों में से एक 1998 की घटना है, जब पाकिस्तान बॉर्डर के पास रडार फेल होने से उनकी टीम पाकिस्तानी जहाज द्वारा कैप्चर कर ली गई। इस संकट से उबरने का अनुभव जितना डरावना था, उतना ही रोमांचक भी।
इसके अलावा, 1994 में सोमालिया ऑपरेशन में उनके नेतृत्व ने भारतीय नौसेना की ताकत का लोहा मनवाया। जब सोमालिया सरकार ने भारतीय जहाज और हथियारों को छोड़कर जाने का आदेश दिया, तब चार भारतीय जहाजों ने उन्हें चारों तरफ से घेरकर उनकी योजना विफल कर दी। मिसाइलें और फाइटर हेलीकॉप्टर तैयार देखकर सोमालिया ने घुटने टेक दिए। सिद्धनाथ की बहादुरी का यह किस्सा आज भी गर्व से सुनाया जाता है।
विक्रांत की दास्तान: वरुण कुमार ने रचा इतिहास
जमशेदपुर के वरुण कुमार, भारतीय नौसेना के पेटी ऑफिसर, विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर का हिस्सा रहे। विक्रांत ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जब पाकिस्तान ने इसे निशाना बनाने के लिए अमेरिका से गाजी पनडुब्बी खरीदी, भारतीय नौसेना ने राजपूत जहाज से हमला कर गाजी को समुद्र में डुबो दिया। विक्रांत के डेक से उड़े विमानों ने चटगांव और कॉक्स बाजार पर पाकिस्तानी जहाजों को नेस्तनाबूद कर दिया। वरुण कुमार इसे भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी जीत मानते हैं।
ऑपरेशन सुकुन: संजय कुमार सिंह का अडिग साहस
बागबेड़ा निवासी संजय कुमार सिंह भारतीय नौसेना के पेटी ऑफिसर रहे और 15 वर्षों तक सेवा दी। उन्होंने कई प्रमुख अभियानों जैसे ऑपरेशन सुकुन और ऑपरेशन पराक्रम में भाग लिया। उनके विशेषज्ञ कौशल ने उन्हें आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस वज्रकोष जैसे प्रतिष्ठित जहाजों का हिस्सा बनाया।
संजय बताते हैं कि नौसेना में सेवा का हर दिन सीखने और चुनौतियों से भरा रहा। उनकी भूमिका रूसी वाहनों के विशेषज्ञ चालक और मिशन रणनीति तैयार करने में रही। उनका जीवन देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
संचार योद्धा: सुखविंदर सिंह की प्रेरक कहानी
टेल्को के खड़ंगझाड़ निवासी सुखविंदर सिंह ने 15 वर्षों तक नौसेना में वायरलेस कम्युनिकेशन अधिकारी के रूप में सेवा दी। उनकी सबसे खास पोस्टिंग आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर हुई, जहां उन्होंने भारत के समुद्री व्यापार की रक्षा में योगदान दिया।
सुखविंदर कहते हैं कि नौसेना का हिस्सा बनने के बाद उन्हें दुनिया की विविध संस्कृतियों और तकनीकों को समझने का मौका मिला। उनका काम युद्ध के दौरान जहाजों की संचार प्रणाली बनाए रखना था, जो युद्ध का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है।
नौसेना की शान और हमारे नायक
जमशेदपुर के ये वीर भारतीय नौसेना की अद्वितीय परंपरा और गौरव का हिस्सा रहे हैं। उनकी कहानियां साहस, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति का प्रतीक हैं। नेवी दिवस पर इन्हें नमन करते हुए हम सभी गर्व से कहते हैं कि भारत के पास ऐसी नौसेना और उसके नायक हैं, जो हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।
हमें गर्व है हमारी नौसेना पर, और उन वीरों पर जो इसे गौरवशाली बनाते हैं।
What's Your Reaction?