Naxal free Jharkhand: मार्च 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त करने का बड़ा लक्ष्य!
मार्च 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य। जानिए, किन जिलों में सक्रिय हैं नक्सली और पुलिस की क्या है रणनीति।
झारखंड में नक्सलवाद के खात्मे की तैयारी जोरों पर है! केंद्र सरकार ने राज्य को 31 मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का बड़ा लक्ष्य तय किया है। गृह मंत्रालय द्वारा झारखंड पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इस समय सीमा के भीतर राज्य को माओवादियों के हथियारबंद दस्तों से मुक्त कराया जाए।
इतिहास और वर्तमान स्थिति: झारखंड में नक्सलवाद की जड़ें 1980 के दशक में मजबूत हुईं, जब भाकपा माओवादी जैसे संगठन सक्रिय हुए। हालांकि, पिछले एक दशक में सुरक्षा बलों के सफल अभियानों के चलते नक्सल प्रभाव घटा है। अब केवल 5 जिले – गिरिडीह, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और पश्चिमी सिंहभूम – ही प्रभावित रह गए हैं। इनमें भी पश्चिमी सिंहभूम देश के 12 सबसे अधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल है।
सुरक्षा बलों का मिशन: हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में इस एजेंडे पर सहमति बनाई थी। इसके बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय को एक पत्र भेजा गया, जिसमें 2026 तक राज्य को नक्सल मुक्त करने का टास्क दिया गया। राज्य पुलिस के सीनियर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे इस लक्ष्य को समय पर पूरा करें।
खुफिया रिपोर्ट के इनपुट: पुलिस को खुफिया एजेंसियों से हाल ही में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा के नेतृत्व में 40-45 नक्सली पश्चिमी सिंहभूम के बाबूडेरा इलाके में कैंप कर रहे हैं। इनके साथ अनल, असीम मंडल और सुशांत जैसे शीर्ष नक्सली भी सक्रिय हैं।
इन जिलों में कमजोर पड़े नक्सली: झारखंड के गिरिडीह, गुमला, लोहरदगा और लातेहार जिलों में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है। हालांकि, पुलिस सतर्कता बरत रही है ताकि नक्सली दोबारा सक्रिय न हो सकें। वहीं, रांची, बोकारो, खूंटी, चतरा, सरायकेला-खरसावां और गढ़वा को नक्सल मुक्त घोषित किया जा चुका है।
सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति: राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल संयुक्त रूप से ऑपरेशन चला रहे हैं। जंगलों में बसे कैंपों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस ने क्षेत्र में ड्रोन और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
क्या 2026 तक झारखंड बनेगा नक्सल मुक्त? सरकार की मंशा और पुलिस की सक्रियता को देखकर लगता है कि 2026 तक झारखंड नक्सल मुक्त हो सकता है। हालांकि, यह तभी संभव होगा जब स्थानीय समुदायों का सहयोग भी मिले।
What's Your Reaction?