New Year school events: नवादा विद्यालय में नए साल का अनोखा जश्न, बच्चों ने किया सामाजिक कुरीतियों पर नाट्य प्रदर्शन
जानें कैसे नवादा के राजकीय बुनियादी विद्यालय में नए साल का पहला दिन अनोखे ढंग से मनाया गया, जिसमें बच्चों ने सामाजिक कुरीतियों पर नाट्य प्रदर्शन किया और विद्यालय का कैलेंडर भी तैयार किया।
नवादा, 1 जनवरी 2025 - राजकीय बुनियादी विद्यालय नारदीगंज में नए साल के पहले दिन का उत्सव एक नई और रचनात्मक ऊर्जा के साथ मनाया गया। इस विशेष दिन पर बच्चों ने न केवल उत्साह और खुशी का प्रदर्शन किया, बल्कि सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए भी एक अनोखा कदम उठाया।
विद्यालय के बच्चों ने अपने हाथों से बनाए गए नव वर्ष की शुभकामनाओं वाले कार्ड और बैलून से विद्यालय को सजाया, जिससे वातावरण में एक नई ताजगी और उल्लास फैल गया। लेकिन यह सिर्फ उत्सव नहीं था; इस दिन को और भी खास बनाने के लिए बच्चों ने सामाजिक कुरीतियों पर नाट्य प्रदर्शन भी किया।
सामाजिक मुद्दों पर नाट्य प्रदर्शन: बच्चों ने किया जागरूकता का काम
विद्यालय में आयोजित नाट्य प्रदर्शन में बच्चों ने दहेज प्रथा, बाल विवाह, भ्रूण हत्या, जेंडर रूढ़िवादिता, इंटरनेट के दुष्प्रभाव, और नशा मुक्ति जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया। इस प्रदर्शन के माध्यम से बच्चों ने इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और समाज में बदलाव की आवश्यकता को रेखांकित किया।
यह नाट्य प्रदर्शन बच्चों को न केवल मनोरंजन का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उन्हें समाज के गंभीर मुद्दों को समझने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने की प्रेरणा भी देता है। इस कार्यक्रम में बच्चों ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश दिया।
विद्यालय कैलेंडर बनाने की अनोखी पहल
नव वर्ष के अवसर पर बच्चों ने अपने विद्यालय का कैलेंडर भी बनाया। यह कैलेंडर बच्चों के टीमवर्क और संगठित काम की एक शानदार मिसाल पेश करता है। आठवीं कक्षा के छात्रों ने जनवरी-फरवरी और मार्च-अप्रैल के महीनों का कैलेंडर तैयार किया, जबकि सातवीं कक्षा के छात्रों ने मई-जून और जुलाई-अगस्त के महीनों के कैलेंडर बनाए। छठी कक्षा के छात्रों ने सितंबर-अक्टूबर और नवंबर-दिसंबर के महीनों का कैलेंडर तैयार किया।
इस कैलेंडर में शिक्षा विभाग की छुट्टियों को भी अंकित किया गया, जिससे छात्रों को वर्षभर की छुट्टियों की जानकारी मिल सके। यह कैलेंडर न केवल बच्चों की रचनात्मकता को दर्शाता है, बल्कि उन्हें टीम में काम करने का महत्त्व भी सिखाता है।
शिक्षकों की सराहनीय भूमिका
इस पूरे आयोजन में प्रभारी प्रधानाध्यापिका पल्लवी लिसा और सभी शिक्षकों का योगदान अत्यंत सराहनीय था। पल्लवी लिसा ने इस अवसर पर कहा, "इस तरह की गतिविधियों के माध्यम से बच्चे न केवल पढ़ाई में, बल्कि अपने व्यक्तित्व में भी विकास करते हैं। नाटक के माध्यम से वे सामाजिक कुरीतियों को समझते हैं, और कैलेंडर बनाने के दौरान वे टीम वर्क के महत्व को सीखते हैं।"
पूनम कुमारी, योगेंद्र कुमार, शमशाद आलम, रूबी राज, और अन्य शिक्षकों का योगदान भी अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा। इस कार्य में प्रशिक्षु शिक्षक ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कार्यक्रम को सफल बनाने में मदद की।
बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास
इस आयोजन से यह भी सिद्ध होता है कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए। बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास करना, उन्हें टीमवर्क और सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास दिलाना इस तरह की गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य है। इस आयोजन के माध्यम से बच्चों ने यह सीखा कि समाज के हर वर्ग के साथ मिलकर काम करने से ही हम किसी भी कार्यक्रम को सफल बना सकते हैं।
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