70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: 'आट्टम' बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सूरज बड़जात्या सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, ऋषभ शेट्टी और नित्या मेनन ने मारी बाजी!

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में मलयालम फिल्म 'आट्टम' ने जीता सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार, जबकि सूरज बड़जात्या ने 'ऊंचाई' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का खिताब अपने नाम किया। जानें इस साल के विजेताओं की पूरी सूची!

Aug 16, 2024 - 15:59
70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: 'आट्टम' बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सूरज बड़जात्या सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, ऋषभ शेट्टी और नित्या मेनन ने मारी बाजी!
70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार: 'आट्टम' बनी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म, सूरज बड़जात्या सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, ऋषभ शेट्टी और नित्या मेनन ने मारी बाजी!

सिनेमा प्रेमियों के लिए 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा के साथ ही एक बार फिर से बड़ी खबरें सामने आई हैं। इस साल का सबसे बड़ा अवार्ड यानी सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार मलयालम फिल्म 'आट्टम: द प्ले' ने अपने नाम किया है। फिल्म ने न केवल दर्शकों का दिल जीता बल्कि जूरी का भी ध्यान आकर्षित किया।

लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत थी! सूरज आर. बड़जात्या ने हिंदी फिल्म 'ऊंचाई' के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता, जो कि उनके करियर का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी निर्देशन शैली ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे सिनेमा की दुनिया में एक अद्वितीय हस्ताक्षर हैं।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' के लिए ऋषभ शेट्टी को दिया गया। ऋषभ की बेहतरीन अदाकारी ने उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार का हकदार बनाया। दूसरी ओर, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का सम्मान साझा करते हुए नित्या मेनन को तमिल फिल्म 'तिरुचित्रंबलम' और मानसी पारेख को गुजराती फिल्म 'कच्छ एक्सप्रेस' के लिए यह पुरस्कार मिला। दोनों अभिनेत्रियों ने अपने-अपने किरदारों में जान डाल दी और यह पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत का प्रतिफल है।

हिंदी फिल्म 'गुलमोहर' जिसमें शर्मिला टैगोर और मनोज बाजपेयी ने मुख्य भूमिकाएं निभाई, उसे सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार दिया गया। मनोज बाजपेयी ने भी एक विशेष उल्लेख से सम्मानित किया गया, जो उनकी उत्कृष्ट अदाकारी का प्रमाण है।

संगीत प्रेमियों के लिए, यह साल भी खास रहा। ए आर रहमान ने मणिरत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन-पार्ट 1' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (पृष्ठभूमि संगीत) का पुरस्कार जीता, जबकि प्रीतम ने 'ब्रह्मास्त्र-पार्ट 1' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (गीत) का खिताब हासिल किया।

नीना गुप्ता को 'ऊंचाई' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला, और पवन मल्होत्रा को हरियाणवी फिल्म 'फौजा' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का सम्मान दिया गया।

70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा में मलयालम फिल्म 'आट्टम: द प्ले' को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का खिताब मिला है, जबकि हिंदी फिल्म 'ऊंचाई' के लिए सूरज आर. बड़जात्या को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के रूप में सम्मानित किया गया।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार तमिल फिल्म 'तिरुचित्रंबलम' के लिए नित्या मेनन और गुजराती फिल्म 'कच्छ एक्सप्रेस' के लिए मानसी पारेख ने साझा किया।

सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार कन्नड़ फिल्म 'कांतारा' के लिए ऋषभ शेट्टी को मिला।

नीना गुप्ता को 'ऊंचाई' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का खिताब मिला, जबकि पवन मल्होत्रा को हरियाणवी फिल्म 'फौजा' के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार दिया गया।

'गुलमोहर' फिल्म, जिसमें शर्मिला टैगोर और मनोज बाजपेयी ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं, को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा, बाजपेयी को विशेष उल्लेख से भी नवाजा गया।

ए आर रहमान को मणिरत्नम की फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन-पार्ट 1' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (पृष्ठभूमि संगीत) का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला। प्रीतम को 'ब्रह्मास्त्र-पार्ट 1' के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (गीत) का पुरस्कार दिया गया।

पुरस्कार विजेताओं की पूरी सूची:

  • सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म: आट्टम
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: ऋषभ शेट्टी, कांतारा
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: नित्या मेनन (तिरुचित्रंबलम) और मानसी पारेख (कच्छ एक्सप्रेस)
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: सूरज बड़जात्या, ऊंचाई
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री: नीना गुप्ता, ऊंचाई
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता: पवन मल्होत्रा, फौजा
  • सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन फिल्म: कांतारा
  • सर्वश्रेष्ठ डेब्यू: फौजा, प्रमोद कुमार
  • सर्वश्रेष्ठ तेलुगु फिल्म: कार्तिकेय 2
  • सर्वश्रेष्ठ तमिल फिल्म: पोन्नियिन सेलवन – पार्ट 1
  • सर्वश्रेष्ठ पंजाबी फिल्म: बाग़ी दी धी
  • सर्वश्रेष्ठ उड़िया फिल्म: दमन
  • सर्वश्रेष्ठ मलयालम फिल्म: सऊदी वेलक्का
  • सर्वश्रेष्ठ मराठी फिल्म: वाल्वी
  • सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फिल्म: केजीएफ: चैप्टर 2
  • सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म: गुलमोहर
  • सर्वश्रेष्ठ तिवा फिल्म: सिकाईसल
  • सर्वश्रेष्ठ बंगाली फिल्म: कबेरी अंतर्दहन
  • सर्वश्रेष्ठ असमिया फिल्म: एमुथी पुथी
  • सर्वश्रेष्ठ एक्शन निर्देशन: केजीएफ: चैप्टर 2
  • सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी: तिरुचित्रंबलम
  • सर्वश्रेष्ठ गीत: फौजा
  • सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन: प्रीतम (गीत), ए आर रहमान (पृष्ठभूमि संगीत)
  • सर्वश्रेष्ठ मेकअप: अपराजितो
  • सर्वश्रेष्ठ वेशभूषा: कच्छ एक्सप्रेस
  • सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिज़ाइन: अपराजित
  • सर्वश्रेष्ठ संपादन: आट्टम
  • सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइन: पोन्नियिन सेलवन – पार्ट 1
  • सर्वश्रेष्ठ पटकथा: आट्टम
  • सर्वश्रेष्ठ संवाद: गुलमोहर
  • सर्वश्रेष्ठ महिला प्लेबैक सिंगर: सऊदी वेलक्का, बॉम्बे जयश्री
  • सर्वश्रेष्ठ छायांकन: पोन्नियिन सेलवन – पार्ट 1
  • सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार: श्रीपथ, मल्लीकापुरम
  • सर्वश्रेष्ठ फिल्म (एवीजीसी): ब्रह्मास्त्र
  • सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म: अयना
  • सर्वश्रेष्ठ डेब्यू फिल्म: मध्यांतर
  • सर्वश्रेष्ठ जीवनी/इतिहास/संकलन फिल्म: आंकी एक मोहनजो दारो
  • सर्वश्रेष्ठ कला/संस्कृति फिल्म: रंग विभोगा/वरसा
  • सर्वश्रेष्ठ स्क्रिप्ट: मोनो नो अवेयर
  • सर्वश्रेष्ठ कथाकार: मर्मर्स ऑफ द जंगल
  • सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (गैर-फीचर): फुरसत
  • सर्वश्रेष्ठ संपादन (गैर-फीचर): मध्यांतर
  • सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइन (गैर-फीचर): यान
  • सर्वश्रेष्ठ छायांकन (गैर-फीचर): मोनो नो अवेयर
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशन (गैर-फीचर): फ्रॉम द शैडो
  • सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म: सुन्योता
  • सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म: द कोकोनट ट्री
  • सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म (सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को बढ़ावा देने वाली): ऑन द ब्रिंक सीजन 2: घड़ियाल
  • सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री: मर्मर्स ऑफ द जंगल

फिल्म लेखन

  • सर्वश्रेष्ठ आलोचक: दीपक दुआ
  • सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक: किशोर कुमार: द अल्टिमेट बायोग्राफी

यह पुरस्कार उन सभी कलाकारों और निर्माताओं के लिए एक बड़ा सम्मान है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया है। 70वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की इस शानदार सूची ने साबित कर दिया कि भारतीय सिनेमा में कितनी विविधता और प्रतिभा है।

Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।