Medininagar Shock: बालिका गृह के संचालक और काउंसर को जेल, यौन शोषण का खुलासा
मेदिनीनगर में बालिका गृह से बच्चियों के यौन शोषण का मामला सामने आया। संचालक राम प्रताप गुप्ता और काउंसर प्रियंका कुमारी गिरफ्तार। पढ़ें पूरी कहानी।
मेदिनीनगर में बालिका गृह से बच्चियों के यौन शोषण की घटना ने पूरे जिले को हैरान कर दिया है। 72 वर्षीय राम प्रताप गुप्ता और 26 वर्षीय प्रियंका कुमारी, बालिका गृह के संचालक और काउंसर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह मामला पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की और दोषियों को पकड़ लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता की पहल और पुलिस की कार्रवाई
मानवाधिकार कार्यकर्ता संध्या ने शनिवार को बालिका गृह में बच्चियों से घरेलू काम कराने और उनके यौन शोषण की घटना को सदर एसडीएम के ध्यान में लाया। इसके बाद एसडीएम ने एक टीम का गठन किया, जिसने मामले की जांच की। जांच में शिकायत की पुष्टि हुई और तत्काल बालिका गृह को सील कर दिया गया। बच्चियों को सखी वन स्टॉप सेंटर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बालिका गृह का इतिहास और समस्याएं
2023 में, पलामू जिला 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की उपाध्यक्ष विमला कुमारी ने बालिका गृह में व्यापक अनियमितता का मामला उठाया था। तत्कालीन उपायुक्त ने उपविकास आयुक्त के माध्यम से जांच कराई, लेकिन उस समय कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। बालिका गृह का संचालन तब भी राम प्रताप गुप्ता की संस्था द्वारा ही किया जा रहा था। इस घटना के बाद सुरक्षा कारणों से बालिका गृह को मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के शाहपुर मोहल्ले से सुदना पूर्वी क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया था।
घटना का विवरण: दीपावली और छठ के बीच की रात
मानवाधिकार कार्यकर्ता संध्या ने बताया कि बच्चियों ने उन्हें बताया कि दीपावली और छठ के बीच की रात में राम प्रताप गुप्ता ने उन्हें घर ले जाकर घरेलू काम कराया और इसी दौरान यौन शोषण की घटना हुई। संचालक का घर बैंक कॉलोनी में स्थित था, जहां बच्चियों को ले जाकर उनका शोषण किया जाता था।
अधिकारी और समाज कल्याण विभाग की भूमिका
रांची के विभागीय समाज कल्याण विभाग के अवर सचिव विकास कुमार ने रविवार को मेदिनीनगर का दौरा किया और मामले की गहनता से जांच की। उन्होंने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की। इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया गया कि बच्चियों को पूरी सुरक्षा मिले और उनका कल्याण सुनिश्चित किया जाए।
इतिहास में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति
यह पहली बार नहीं है जब ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। भारत में बालिका गृहों और अनाथालयों में समय-समय पर बाल अधिकारों के उल्लंघन की घटनाएं होती रही हैं। प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने कई बार प्रयास किए हैं, लेकिन कई मामलों में दोषियों को दंडित करने में कठिनाई हुई है।
आगे की कार्रवाई और उम्मीदें
पुलिस और प्रशासन की ओर से कार्रवाई तेज़ की जा रही है ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। जांच के बाद न्यायालय में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बालिका गृह में रह रही बच्चियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा अब सरकार की प्राथमिकता होगी।
क्या आपको लगता है कि प्रशासन इस बार पूरी तरह से अपराधियों को दंडित कर पाएगा? अपने विचार साझा करें।
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