शहीद खुदीराम बोस बलिदान दिवस पर विशेष: विकलांगों को सहायता सामग्री वितरित, ग्रामीणों को दी गई स्वतंत्रता सेनानी की जानकारी

संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने परसुडीह के हालुदबनी पाड़ाटोला में शहीद खुदीराम बोस बलिदान दिवस पर विकलांगों को सहायता सामग्री वितरित की और ग्रामीणों को स्वतंत्रता सेनानी की जीवनी से अवगत कराया।

Aug 12, 2024 - 13:21
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शहीद खुदीराम बोस बलिदान दिवस पर विशेष: विकलांगों को सहायता सामग्री वितरित, ग्रामीणों को दी गई स्वतंत्रता सेनानी की जानकारी
शहीद खुदीराम बोस बलिदान दिवस पर विशेष: विकलांगों को सहायता सामग्री वितरित, ग्रामीणों को दी गई स्वतंत्रता सेनानी की जानकारी

संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने परसुडीह क्षेत्र के अंतर्गत हालुदबनी पाड़ाटोला में शहीद खुदीराम बोस के बलिदान दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को सहायता सामग्री प्रदान करना और ग्रामीणों को स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की जीवनी से अवगत कराना था।

इस विशेष अवसर पर संस्था के अध्यक्ष मुनमुन चक्रवर्ती ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में लोग शहीद खुदीराम बोस की बहादुरी और उनके बलिदान के बारे में भली-भांति परिचित हैं। बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी इस महान स्वतंत्रता सेनानी की कहानी जानते हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में, विशेष रूप से हालुदबनी पाड़ाटोला जैसे इलाकों में, बहुत से लोग खुदीराम बोस के बारे में कम जानकारी रखते हैं।

संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ने इस कमी को दूर करने के लिए शहीद खुदीराम बोस के बलिदान दिवस के अवसर पर ग्रामीण बस्ती में एक जनजागृति अभियान चलाने का निर्णय लिया। इस अभियान के तहत, ग्रामीणों को खुदीराम बोस के जीवन और उनके बलिदान के बारे में बताया गया।

कार्यक्रम के दौरान, विकलांग व्यक्तियों को उनकी आवश्यकता के अनुसार स्टिक, स्केचर, बैसाखी, और कान की मशीनें वितरित की गईं। मुनमुन चक्रवर्ती ने कहा कि जिन विकलांग व्यक्तियों ने हमें अपनी समस्याओं के बारे में बताया था, उनके लिए इस विशेष दिन को चुनकर सहायता सामग्री का वितरण किया गया। इसका उद्देश्य न केवल उन्हें राहत प्रदान करना था, बल्कि इस दिन को यादगार बनाना और शहीद खुदीराम बोस के बलिदान को ग्रामीण क्षेत्रों में भी सम्मानित करना था।

इस आयोजन के माध्यम से ग्रामीणों के बीच देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना को जागृत करने का प्रयास किया गया। यह कार्यक्रम इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को खुदीराम बोस जैसे महान नायक के बारे में जानने का अवसर मिला, जिनका नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।

संस्कृति सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के इस प्रयास की सभी ने सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को जीवित रखने का प्रयास किया गया है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।