जब हिटलर को भी झुका दिया था मेजर ध्यानचंद के जज़्बे ने: पूर्व सैनिकों ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय खेल दिवस पर जमशेदपुर में पूर्व सैनिकों ने मेजर ध्यानचंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके देशप्रेम और स्वाभिमान की मिसाल को याद किया। जानिए, कैसे हॉकी के जादूगर ने हिटलर को भी किया था प्रभावित।

Aug 29, 2024 - 14:05
Aug 29, 2024 - 17:54
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जब हिटलर को भी झुका दिया था मेजर ध्यानचंद के जज़्बे ने: पूर्व सैनिकों ने दी श्रद्धांजलि
जब हिटलर को भी झुका दिया था मेजर ध्यानचंद के जज़्बे ने: पूर्व सैनिकों ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर द्वारा महान हॉकी खिलाड़ी और भारतीय सेना के वीर सिपाही मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह कार्यक्रम जमशेदपुर के एग्रिको ट्रांसपोर्ट मैदान में प्रातः 7.30 बजे आयोजित किया गया था, जिसमें कई पूर्व सैनिक शामिल हुए।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नौसेना सैनिक अमर नाथ जी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, जिन्हें उनके अनुशासन और समर्पण के लिए जाना जाता है। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कुमार पांडे ने किया, जिन्होंने ध्यानचंद की महानता और उनके देशप्रेम की मिसाल को याद किया।

ध्यानचंद की जयंती पर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए, प्रवीण कुमार पांडे ने कहा, "खिलाड़ी अनुशासन और पदक का पर्याय होते हैं, लेकिन ध्यानचंद जैसे महान खिलाड़ी ने देशप्रेम और स्वाभिमान के लिए हिटलर जैसे तानाशाह को भी जवाब दिया था।" उन्होंने बताया कि ध्यानचंद ने न केवल अपने खेल से बल्कि अपने देशप्रेम से भी दुनिया को चौंका दिया था।

कार्यक्रम के दौरान मंजीत सिंह ने ध्यानचंद के उस ऐतिहासिक क्षण को भी साझा किया जब हिटलर ने उनकी हॉकी कौशल से प्रभावित होकर उन्हें जर्मनी की सेना में उच्च पद का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया, "जब हिटलर आश्चर्यचकित हुआ, तो उसने ध्यानचंद को अपनी सेना में उच्च पद देने का प्रस्ताव दिया, लेकिन ध्यानचंद ने अपने देशप्रेम के कारण इसे ठुकरा दिया। यही सच्चा देशप्रेम और स्वाभिमान है, जो ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर बनाता है।"

इस कार्यक्रम में कई गणमान्य पूर्व सैनिक जैसे वरुण कुमार, अवधेश कुमार, सुखविंदर सिंह, बिरजू, गणेश, योगेश कुमार, सत्यप्रकाश, नवीन कुमार, निर्मल कुमार आदि उपस्थित थे, जिन्होंने मेजर ध्यानचंद के देशप्रेम और स्वाभिमान की भावना को सलाम किया और उनकी स्मृति को नमन किया।

इस आयोजन ने न केवल मेजर ध्यानचंद की स्मृति को ताजा किया बल्कि देशप्रेम और अनुशासन के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसे हर खिलाड़ी और नागरिक को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।

मेजर ध्यानचंद का जीवन और उनकी उपलब्धियाँ हमें सिखाती हैं कि खेल केवल एक खेल नहीं होता, बल्कि यह देशप्रेम और सम्मान का प्रतीक भी हो सकता है।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।