Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 की सही तारीख और पूजा मुहूर्त, जानें क्यों है ये रात सबसे खास?

महाशिवरात्रि 2025 कब है? 26 या 27 फरवरी? जानें महाशिवरात्रि पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत के नियम और इस रात जागरण के फायदे। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय।

Feb 19, 2025 - 19:18
Feb 19, 2025 - 19:43
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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 की सही तारीख और पूजा मुहूर्त, जानें क्यों है ये रात सबसे खास?
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 की सही तारीख और पूजा मुहूर्त, जानें क्यों है ये रात सबसे खास?

महाशिवरात्रि 2025 का पर्व कब मनाया जाएगा—26 फरवरी या 27 फरवरी? इस सवाल ने भक्तों के बीच जिज्ञासा बढ़ा दी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि 2025 का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है, जिससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि केवल एक उपवास और पूजा का दिन नहीं, बल्कि ऊर्जा और शक्ति संचार की रात होती है? इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, और इस रात जागरण करने से व्यक्ति को आत्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है। आइए जानते हैं इस खास पर्व की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्त्व।

महाशिवरात्रि 2025: तिथि और चार पहर के शुभ मुहूर्त

इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025, बुधवार को मनाई जाएगी। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाले इस पर्व का पूजन चार प्रहरों में किया जाता है।

महाशिवरात्रि पूजा के चार शुभ मुहूर्त:
प्रथम प्रहर: 06:15 PM - 09:20 PM
द्वितीय प्रहर: 09:20 PM - 12:30 AM
तृतीय प्रहर: 12:30 AM - 03:40 AM
चतुर्थ प्रहर: 03:40 AM - 06:50 AM

विशेष: इस दिन रात्रि जागरण और चारों प्रहर में भगवान शिव का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और मंत्र जाप करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

 पौराणिक कथा:
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था। इसी कारण यह पर्व शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक माना जाता है। शिव पुराण के अनुसार, जो भक्त इस दिन व्रत रखता है और रात्रि जागरण करता है, वह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है।

 वैज्ञानिक कारण:
महाशिवरात्रि की रात को मानव शरीर में ऊर्जा का विशेष प्रवाह होता है। इस दिन ध्यान और साधना करने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यही कारण है कि ऋषि-मुनि इस रात को विशेष ध्यान और जागरण का महत्व बताते हैं।

महाशिवरात्रि 2025: पूजा विधि और उपाय

स्नान और संकल्प: सुबह जल्दी उठकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
शिवलिंग का अभिषेक: गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।
रात्रि जागरण और मंत्र जाप: "ॐ नमः शिवाय" और "महामृत्युंजय मंत्र" का जाप करें।
शिव चालीसा और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
चार प्रहर की पूजा करें: हर प्रहर में जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें।

महाशिवरात्रि व्रत: क्या खाएं और क्या न खाएं?

व्रत में खाएं:
 फल, दूध, दही, ड्राई फ्रूट्स, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू की पूड़ी, साबूदाना खिचड़ी।
 जूस, मखाने की खीर, शकरकंद।

व्रत में न खाएं:
 लहसुन, प्याज, तामसिक भोजन, नमक, मांस-मदिरा, चावल, उड़द की दाल।

महाशिवरात्रि की रात जागरण के फायदे

 इस रात जागरण करने से मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है।
 ध्यान और मंत्र जाप करने से ऊर्जा का संचार होता है।
 शिव पुराण के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात जागरण करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और शिव कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है। इस दिन व्रत, जागरण, रुद्राभिषेक और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है। तो इस महाशिवरात्रि, भगवान शिव की आराधना करिए और उनकी कृपा प्राप्त करिए!

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।