Exam Report Card Issue: मोतीलाल नेहरू स्कूल में बच्चों का परीक्षा रिपोर्ट कार्ड रोकने पर विवाद, क्या है पूरी सच्चाई?
मोतीलाल नेहरू स्कूल के बच्चों के परीक्षा रिपोर्ट कार्ड रोकने पर गहरा विवाद, जानिए स्कूल प्रबंधन पर उठे सवाल और अभिभावकों की चिंता।
Maharag School में पिछले कुछ दिनों से मोतीलाल नेहरू पारीक स्कूल को लेकर एक बड़ा विवाद उभरकर सामने आया है। स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि वे कुछ कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को उनके वार्षिक परीक्षा के रिपोर्ट कार्ड नहीं दे रहे हैं। इसके साथ ही, क्लास X में पढ़ रहे बच्चों को भी उनके वार्षिक परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जा रहा है, जिससे अभिभावकों में गहरी चिंता और आक्रोश व्याप्त है।
यह मामला तब सामने आया जब कुछ अभिभावकों ने शिकायत की कि उनके बच्चों को स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना किसी ठोस कारण के उनके परीक्षा रिपोर्ट कार्ड नहीं दिए जा रहे हैं। इसके साथ ही, वार्षिक परीक्षा के लिए बच्चों को बाहर रखा जा रहा है। इस मुद्दे ने न केवल स्कूल में बल्कि पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना दिया है। इस स्थिति ने स्कूल के प्रति अभिभावकों के विश्वास को भी हिला दिया है।
क्या है मामला?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मोतीलाल नेहरू पारीक स्कूल में कुछ कमजोर और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के बच्चों को उनकी परीक्षा के रिपोर्ट कार्ड नहीं दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, क्लास X के विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में भाग लेने से भी रोका जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर अभिभावकों ने कई बार स्कूल प्रबंधन से इस पर स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन प्रबंधन ने कोई ठोस उत्तर नहीं दिया।
अभिभावकों का कहना है कि वे किसी तरह अपने बच्चों की स्कूल फीस का 25% से 30% तक भुगतान करने के बावजूद, स्कूल प्रबंधन ने उनकी किसी भी मदद से इनकार किया है। इसके अलावा, उन्हें यह भी बताया गया है कि यदि वे स्कूल फीस का पूरा भुगतान नहीं करेंगे तो उनके बच्चों को परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। यह स्थिति स्कूल के शिक्षा नीति और न्याय संगत प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाती है।
क्या कहता है स्कूल प्रबंधन?
स्कूल प्रबंधन की ओर से फिलहाल कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, अभिभावकों का आरोप है कि नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को शुल्क में छूट मिलनी चाहिए, लेकिन स्कूल प्रबंधन इस पर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। इससे अभिभावकों में गहरी निराशा और आक्रोश है।
अब आगे क्या होगा?
अभिभावकों ने शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और स्कूल प्रबंधन को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुल्क में छूट देने का निर्देश दें। इसके अलावा, उन्होंने यह भी मांग की है कि स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कमजोर वर्ग के बच्चों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए और उन्हें परीक्षा में शामिल होने का पूरा अधिकार मिले।
इस मुद्दे को लेकर जल्द ही एक प्रशासनिक बैठक आयोजित की जा सकती है, जिसमें शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन के बीच चर्चा की जाएगी।
क्या कहता है इतिहास?
शिक्षा के अधिकार और विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा हमेशा से एक संवेदनशील मुद्दा रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) ने इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिसमें शुल्क छूट और शिक्षा का समान अधिकार जैसी बातें शामिल हैं। लेकिन इस नीति को सही तरीके से लागू करना और सभी संस्थानों में समान रूप से इसका पालन कराना एक चुनौती बनी हुई है।
मोतीलाल नेहरू पारीक स्कूल में बच्चों के रिपोर्ट कार्ड रोकने और परीक्षा में भाग लेने से वंचित करने का मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि हमें बच्चों के शिक्षा अधिकार को लेकर और भी अधिक संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है। अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या स्कूल प्रबंधन को बच्चों के अधिकार मिल पाते हैं या नहीं।
अभिभावक और छात्रों का संघर्ष इस बात का संकेत है कि हमें शिक्षा में समानता और समाज के सभी वर्गों को समान अवसर देने के लिए और भी सख्त नियमों की आवश्यकता है।
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