Delhi Honor: Yoga Institute of the Year बना लखनऊ का 'योगकुलम', जानिए कैसे जीता ये ऐतिहासिक अवार्ड!
लखनऊ के योगकुलम इंस्टिट्यूट को INNACI Academic Excellence Awards 2024 में 'Yoga Institute of the Year' का सम्मान मिला। जानिए, कैसे 12 साल की मेहनत ने दिलाया यह गौरवशाली पुरस्कार।
Lucknow Achievement: लखनऊ का योगकुलम इंस्टिट्यूट एक बार फिर सुर्खियों में है। संस्थान के संस्थापक श्री मनीष प्रताप सिंह को INNACI Academic Excellence Awards 2024 में "Yoga Institute of the Year" का प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
दिल्ली में आयोजित इस भव्य सम्मान समारोह में यह सम्मान उन्हें भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के सुपुत्र श्री अनिल शास्त्री द्वारा प्रदान किया गया।
यह सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि योग शिक्षा में योगकुलम की 12 साल की कड़ी मेहनत, समर्पण और उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है।
कैसे मिली ये ऐतिहासिक सफलता?
योगकुलम इंस्टिट्यूट की शुरुआत 2012 में मनीष प्रताप सिंह जी ने की थी, जिनका उद्देश्य था योग शिक्षा को आम लोगों तक पहुँचाना। योग को सिर्फ एक अभ्यास नहीं, बल्कि जीवन शैली के रूप में स्थापित करने का उनका सपना था।
बीते 12 वर्षों में, योगकुलम ने न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। संस्थान ने हजारों छात्रों को प्रशिक्षित किया और कई योग शिक्षकों को भी तैयार किया।
सम्मान के पीछे की प्रेरणा – लाल बहादुर शास्त्री जी की विरासत
दिल्ली में आयोजित इस सम्मान समारोह का महत्व इसलिए और बढ़ जाता है क्योंकि यह पुरस्कार भारत के महानतम नेताओं में से एक लाल बहादुर शास्त्री जी के पुत्र द्वारा प्रदान किया गया।
शास्त्री जी का जीवन सादगी, सत्य और समर्पण का प्रतीक रहा है। उन्होंने "जय जवान, जय किसान" का नारा देकर देश को प्रेरित किया।
योगकुलम का दर्शन भी इन्हीं मूल्यों पर आधारित है – अनुशासन, साधना और शिक्षा।
क्या है योगकुलम की खासियत?
योगकुलम इंस्टिट्यूट अपने विज्ञान आधारित योग शिक्षण के लिए जाना जाता है।
- आधुनिक और प्राचीन योग का समावेश: योगकुलम में पारंपरिक योग आसनों के साथ-साथ आधुनिक स्वास्थ्य सिद्धांतों का समावेश किया जाता है।
- प्रमाणित योग शिक्षक: यहां प्रशिक्षित योग शिक्षक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणित हैं।
- फ्रेंचाइजी नेटवर्क: योगकुलम ने भारत और विदेशों में कई फ्रेंचाइज़ी खोली हैं, जो इसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
मनीष प्रताप सिंह का विजन और भविष्य की योजनाएं
संस्थापक मनीष प्रताप सिंह ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा:
"यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरे योगकुलम परिवार का है। हमारी टीम, छात्रों और फ्रेंचाइज़ी पार्टनर्स की मेहनत ने इसे संभव बनाया है।"
उन्होंने आगे बताया कि योगकुलम का उद्देश्य भारत के कोने-कोने में योग शिक्षा को पहुंचाना है। 2025 तक संस्थान का लक्ष्य 50+ फ्रेंचाइज़ी सेंटर्स खोलने का है।
भारत में योग शिक्षा का ऐतिहासिक महत्व
भारत में योग का इतिहास 5000 वर्षों से भी अधिक पुराना है।
- पतंजलि ने योग को योगसूत्रों में एक व्यवस्थित विज्ञान के रूप में परिभाषित किया।
- विवेकानंद ने इसे पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय बनाया।
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) भी भारत की देन है।
एक नई प्रेरणा
योगकुलम इंस्टिट्यूट का यह सम्मान सिर्फ एक संस्थान की उपलब्धि नहीं, बल्कि योग शिक्षा के प्रसार और भारतीय संस्कृति की समृद्धि का प्रतीक है।
यह पुरस्कार हमें याद दिलाता है कि मेहनत, समर्पण और अनुशासन के साथ कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।
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