Mahakumbh Transformation: मिस वर्ल्ड से 'श्री लक्ष्मी' बनने तक, क्यों बदली इशिका तनेजा ने अपनी राह?
महाकुंभ 2025 में मिस वर्ल्ड टूरिज्म रह चुकी इशिका तनेजा (अब ‘श्री लक्ष्मी’) क्यों बनीं सनातनी? ग्लैमर छोड़कर अध्यात्म अपनाने की पूरी कहानी जानें!
महाकुंभ 2025 न सिर्फ आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बन रहा है, बल्कि यहां कई चर्चित चेहरे भी सुर्खियां बटोर रहे हैं। इनमें से एक नाम इशिका तनेजा का है, जो पहले मिस वर्ल्ड टूरिज्म और मिस इंडिया का खिताब जीत चुकी हैं। ग्लैमर की दुनिया से अध्यात्म की राह तक का उनका सफर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर एक मॉडल और अभिनेत्री कैसे ‘श्री लक्ष्मी’ बनीं और उन्होंने सनातन धर्म को अपनाने का फैसला क्यों किया?
ग्लैमर छोड़कर अध्यात्म की राह, क्या है वजह?
दिल्ली की रहने वाली इशिका तनेजा ने अपने करियर में कई बुलंदियां छूईं। मिस इंडिया जीतने से लेकर राष्ट्रपति पुरस्कार पाने तक, उन्होंने कई बॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में भी काम किया। लेकिन चमक-धमक और शोहरत के बीच भी उन्हें अधूरापन महसूस होता था।
इशिका का कहना है, "बाहरी सुंदरता की कोई सीमा नहीं होती, लेकिन आंतरिक सुंदरता और आत्मिक शांति सबसे जरूरी है।" यही कारण था कि उन्होंने ग्लैमर इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया और सनातन धर्म के प्रचार में जुट गईं।
गुरु दीक्षा के बाद बनीं ‘श्री लक्ष्मी’
इशिका तनेजा अब ‘श्री लक्ष्मी’ के नाम से पहचानी जाती हैं। उन्होंने द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती से गुरु दीक्षा ली और पूरी तरह से अध्यात्म की ओर मुड़ गईं। उनका मानना है कि सनातन धर्म को समझने के लिए सही गुरु का मार्गदर्शन बेहद आवश्यक है। "गुरु के आशीर्वाद से ही जीवन सही दिशा में आगे बढ़ता है," उन्होंने अपने इंटरव्यू में यह बात कही।
गर्व से सनातनी, लेकिन साध्वी नहीं!
इशिका तनेजा खुद को साध्वी नहीं मानतीं, लेकिन सनातन धर्म को अपनी पहचान बना चुकी हैं। उनका कहना है कि "सनातन धर्म में जो दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा है, वह दुनिया में कहीं और नहीं मिलती।" यही कारण है कि उन्होंने इस पथ को चुना और अब वह इसे आधुनिक और आकर्षक तरीके से युवाओं के बीच ले जाना चाहती हैं।
ग्लैमर वर्ल्ड में वापसी होगी या नहीं?
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे दोबारा ग्लैमर इंडस्ट्री में लौटेंगी, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, "अब मैं अपनी पुरानी दुनिया में कभी नहीं जाऊंगी!" हालांकि, अगर उन्हें कोई फिल्म प्रोड्यूस करने का मौका मिला, तो वे केवल सनातन धर्म पर आधारित फिल्में ही बनाएंगी।
क्या सनातन धर्म को बनाना होगा फैशनेबल?
इशिका तनेजा का मानना है कि सनातन धर्म को आधुनिक और आकर्षक बनाना बेहद जरूरी है। उनका कहना है, "भगवा को जब तक फैशनेबल तरीके से धारण नहीं करेंगे, तब तक युवा इसे अपनाने में संकोच करेंगे।" वे चाहती हैं कि युवतियां गर्व से साड़ी पहनें और सनातन धर्म को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
इतिहास के पन्नों में भी मिलती हैं ऐसी कहानियां!
ग्लैमर छोड़कर अध्यात्म अपनाने की यह पहली घटना नहीं है। पुराने समय में भी कई महान हस्तियों ने सांसारिक सुखों को त्यागकर अध्यात्म का रास्ता चुना।
- भगवान बुद्ध – राजकुमार सिद्धार्थ को जीवन के सुख-सुविधाओं के बावजूद शांति नहीं मिली, इसलिए उन्होंने संन्यास ले लिया।
- संन्यासी संत गोरखनाथ – उन्होंने भी सांसारिक मोह छोड़कर आध्यात्मिक यात्रा को अपनाया और योग परंपरा की नींव रखी।
- मीरा बाई – राजघराने की राजकुमारी होने के बावजूद उन्होंने अपने पूरे जीवन को श्रीकृष्ण की भक्ति में समर्पित कर दिया।
इशिका तनेजा का यह बदलाव इन्हीं ऐतिहासिक घटनाओं की आधुनिक झलक जैसा प्रतीत होता है।
महाकुंभ में क्या होगा उनका योगदान?
महाकुंभ 2025 में इशिका तनेजा (श्री लक्ष्मी) कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का हिस्सा बनने वाली हैं। वे सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उनका उद्देश्य युवाओं को आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित करना और सनातन धर्म को एक नया आयाम देना है।
क्या सनातन धर्म को अपनाना आज की नई सोच बन रही है?
ग्लैमर वर्ल्ड से अध्यात्म की ओर बढ़ने का यह ट्रेंड अब नया नहीं रहा। कई फिल्मी सितारे और मशहूर हस्तियां भी ध्यान, योग और सनातन धर्म को अपनाकर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आने वाले समय में यह एक नई सोच बनने जा रही है?
इशिका तनेजा का संदेश
इशिका तनेजा (श्री लक्ष्मी) ने अपने इंटरव्यू में कहा, "सनातन धर्म सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, यह जीवन जीने की एक पूरी पद्धति है। इसे अपनाना हमारे अस्तित्व को मजबूत बनाता है।"
महाकुंभ 2025 में कौन-कौन होंगे शामिल?
महाकुंभ 2025 में इशिका तनेजा के अलावा कई नामी हस्तियां, योग गुरु और आध्यात्मिक मार्गदर्शक शामिल होंगे।
क्या आप भी महाकुंभ 2025 में भाग लेने की योजना बना रहे हैं? सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से जुड़े इस अनोखे संगम का हिस्सा बनें और आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करें!
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