Mahakumbh News 2025: महाकुंभ में 50 करोड़ के पार पहुंचा श्रद्धालुओं का आंकड़ा, जानिए यूपी सरकार को कितना हुआ अभी तक लाभ
महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 करोड़ पार कर गया है। ये वो आंकड़ा है। इसमें से कई देशों की आबादी भी नहीं होगी। वहीं यूपी सरकार का खजाना भी खूब भरा है।

महाकुंभ मेला लेटेस्ट न्यूज: अगर किसी भी धर्म की आस्था का आकलन करना हो तो सनातन धर्म का करिए। क्योंकि महाकुंभ मेले में जो इतिहास रचा गया है। वो शायद ही कभी आगे हो सकता है। दरअसल महाकुंभ को लेकर आस्था कम होने का नाम नहीं ले रही है। संगम की रेती पर चल रहे महाकुम्भ के महज 33 वें दिन ही स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 50 करोड़ के पार जा पहुंचा। ये अपने आपमें एक अनूठा कीर्तिमान है। तीर्थराज प्रयागराज की संगम धरती पर बीते 13 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक लोगों की आस्था ने सबकुछ बयां कर दिया। अभी कुंभ मेले को 12 दिन शेष बचे है। ऐसे में ये आंकड़ा 60 करोड़ के ऊपर भी जा सकता है। वहीं महाकुंभ मेले से यूपी सरकार का खजाना भी खूब भर रहा है।
यूपी सरकार को कितना फायदा होगा
प्रयागराज की धरती पर आस्था का ऐसा सैलाब देखने को मिलेगा। यह किसी ने सोचा भी नहीं था। देश ही नहीं विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं ने महाकुंभ मेले की ना सिर्फ रौनक बढ़ाई बल्कि अर्थव्यवस्था को भी चार चांद लगा दिए। केंद्र से लेकर यूपी सरकार पूरी ताकत झोंककर इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में जुटी थी। जो सफल भी हुई। सरकार ने प्रयागराज सिटी के रिनोवेशन में कुल 1500 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। जिस पर सरकार ने अनुमान लगाया कि महाकुंभ मेले से सरकार को अभी तक तीन लाख करोड़ रुपए का लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग सरकार पर हमला करते थे कि मेले में पांच से छह हजार करोड़ खर्च कर दिए। ये आंकड़े ही उनका जवाब हैं।
कई बड़े देशों की आबादी भी पड़ी फीकी
प्रयागराज महाकुंभ मेले में सिर्फ 33 दिनों में 50 करोड़ श्रद्धालुओं की मौजूदगी ये बताती है कि कई पावरफुल देशों की आबादी भी इसके आगे फीकी पड़ रही है। इसमें अमेरिका, रूस, पाकिस्तान, इंडोनेशिया, ब्राजील, बांग्लादेश , मैक्सिको और यूरोपियन देशों की भी इतनी आबादी नहीं है। ये आंकड़े बताते है कि महाकुंभ अब केवल एक पर्व ही नहीं बल्की यह सनातन धर्म का एक प्रतीक बन चुका है। मां गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम ने श्रद्धा और आस्था के ओत प्रोत और साधु संतों , श्रद्धालुओ, कल्पवासियों,स्नान करने वाले लोगों की आस्था अब शिखर पर है। अभी तक सबसे ज्यादा लोग 8 करोड़ मौन अमावस्या में आए है। जबकि 3.5 करोड़ लोग मकर संक्रांति, बसंत पंचमी 2.5 करोड़ और माघ पूर्णिमा पर 2.6 करोड़ श्रद्धालुओ ने स्नान कर इतिहास रचा है।
आस्था के संगम पर सब एक समान
जब से महाकुंभ मेले की शुरुआत हुई है तो गरीब से लेकर अमीर, बच्चे से लेकर बुजुर्ग , और महिलाओं की उपस्थित आस्था के मंच पर एक समान होती है। यहां कोई भेदभाव नहीं होता। संगम की नगरी पर हर कोई एक समान खुद को समझता हैं। महाकुंभ मेले में बॉलीवुड की बड़ी बड़ी हस्तियों से लेकर उद्योगपति अडानी और अंबानी भी आस्था के मंच पर एकत्रित हुए है। पक्ष और विपक्ष के राजनेता भी स्नान कर एकजुटता का संदेश दिया है
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