Kishan Diwas 2024: जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?

Kishan Diwas 2024: जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व? चौधरी चरण सिंह, भारतीय कृषि सुधारों के नायक, और उनके योगदान का सम्मान करते हुए किसान दिवस मनाया जाता है। जानें, जमींदारी उन्मूलन और ऋण मुक्ति जैसे उनके ऐतिहासिक कदमों की कहानी।

Dec 23, 2024 - 06:33
Dec 23, 2024 - 06:52
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Kishan Diwas 2024:  जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?
Kishan Diwas-2024: जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?

Kishan Diwas 2024:  जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां खेती भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के योगदान को सम्मानित करता है। उनकी किसान-हितैषी नीतियों ने भारतीय ग्रामीण समाज को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस वर्ष किसान दिवस का विषय है: “स्थायी कृषि के लिए किसानों को सशक्त बनाना”, जो किसानों को आधुनिक तकनीकों और संसाधनों से लैस करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

चौधरी चरण सिंह: एक किसान नेता

साल 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में जन्मे चौधरी चरण सिंह का जीवन पूरी तरह से किसानों के कल्याण के लिए समर्पित रहा। वह एक साधारण किसान परिवार से थे, लेकिन उनकी सोच और नीतियों ने भारतीय कृषि में क्रांतिकारी बदलाव लाए।

संघर्ष और नेतृत्व की कहानी

  • चौधरी चरण सिंह का परिवार 1857 की क्रांति में सक्रिय था, जिसने उनके अंदर संघर्ष की भावना को जन्म दिया।
  • स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के दौरान उन्हें 1929 और 1940 में जेल भी जाना पड़ा।
  • स्वतंत्रता के बाद उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय क्रांति दल की स्थापना की और किसानों के मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की।

कृषि सुधारों के नायक

चौधरी चरण सिंह को उनके किसान-हितैषी नीतियों के कारण “किसानों का मसीहा” कहा जाता है।

1. जमींदारी उन्मूलन कानून (1952)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए चरण सिंह ने जमींदारी उन्मूलन कानून पारित किया।

  • इस कानून के तहत जमींदारों की अतिरिक्त जमीनें लेकर भूमिहीन किसानों को दी गईं।
  • इस कदम ने न केवल किसानों को सशक्त बनाया बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया।

2. ऋण मुक्ति विधेयक (1939)

उन्होंने 1939 में ऋण मुक्ति विधेयक पेश किया, जिससे किसानों को साहूकारों के शोषण से मुक्ति मिली।

  • इस विधेयक ने किसानों को उनके कर्ज के बोझ से राहत दी।

3. कृषि श्रमिकों के अधिकार

  • चरण सिंह ने 27,000 पटवारियों के सामूहिक इस्तीफे को स्वीकार किया और उनकी जगह आरक्षण नीति लागू करते हुए नए पटवारियों की नियुक्ति की।
  • यह कदम ग्रामीण प्रशासन में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया था।

4. कृषि और भूमि सुधारों पर लेखन

उन्होंने जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधारों पर कई किताबें लिखीं, जो आज भी कृषि नीतियों को समझने के लिए उपयोगी हैं।

प्रधानमंत्री के रूप में योगदान ( Kishan Diwas-2024:  जानिए क्यों मनाया जाता है किसान दिवस, क्या है इसका इतिहास और महत्व?)

चौधरी चरण सिंह ने 1979 से 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल भले ही छोटा था, लेकिन इस दौरान उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कई नीतियां बनाई।

मुख्य उपलब्धियां:

  • किसान ट्रस्ट (1978) की स्थापना की, जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
  • किसान-हितैषी योजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास लाने का प्रयास किया।

किसान दिवस: भारतीय किसानों का सम्मान

किसान दिवस का महत्व

किसान दिवस का मुख्य उद्देश्य किसानों के संघर्षों और योगदानों को पहचान दिलाना है।

  • यह दिन कृषि प्रधान राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में विशेष रूप से मनाया जाता है।
  • इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को अपनी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा करने का अवसर मिलता है।

प्रौद्योगिकी और नवाचार

किसान दिवस पर किसानों को वैज्ञानिक तकनीकों और आधुनिक उपकरणों से अवगत कराया जाता है, ताकि वे अपनी पैदावार को बढ़ा सकें और कृषि को अधिक लाभकारी बना सकें।

आज के किसानों की चुनौतियां

हालांकि चौधरी चरण सिंह के प्रयासों ने किसानों की स्थिति में सुधार किया, लेकिन आज भी किसान कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं:

  1. कर्ज का बोझ: साहूकारों और महंगे कर्ज से राहत की कमी।
  2. मौसम की मार: सूखा, बाढ़ और जलवायु परिवर्तन से फसलों पर असर।
  3. बाजार की पहुंच: किसानों को अपनी फसलों का उचित दाम नहीं मिलता।

किसान दिवस इन समस्याओं को पहचानने और उनके समाधान की दिशा में कदम उठाने का एक प्रयास है।

चौधरी चरण सिंह की प्रासंगिकता

चौधरी चरण सिंह की नीतियां आज भी भारतीय कृषि के लिए प्रेरणा हैं:

  • सामाजिक समानता: भूमि सुधार और जमींदारी उन्मूलन के माध्यम से।
  • आर्थिक सशक्तिकरण: ऋण मुक्ति और किसान अधिकारों की रक्षा।
  • शिक्षा और जागरूकता: किसान ट्रस्ट के माध्यम से ग्रामीण समुदायों को एकजुट करना।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।