Kanpur Blanket Donation Drive: मुक्ति की ओर एक नया कदम!
देखिए कैसे कानपुर में सर्दी से बचाव के लिए मुक्तिका पब्लिकेशन ने अपने ऐतिहासिक कम्बल दान अभियान के जरिए सैकड़ों जरूरतमंदों की मदद की।
कानपुर, 17 दिसंबर: ठंड के बढ़ते असर के साथ, कानपुर में एक अनोखा और दिल छूने वाला आयोजन हुआ। मुक्तिका पब्लिकेशन (सुकून के पल) ने सर्दी से राहत पाने के लिए 'कम्बल दान महादान' कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों जरूरतमंदों को ठंड से बचने के लिए कम्बल वितरित किए गए। यह कार्यक्रम शहरवासियों के लिए एक संदेश है, और यह दिखाता है कि समाज में एकजुटता और सहानुभूति से हम किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकते हैं।
सर्दी से बचने के लिए एक पहल
दिसंबर आते ही ठंड अपने चरम पर पहुंच जाती है, और इस ठंड में गरीब और बेघर लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसे देखते हुए मुक्तिका पब्लिकेशन के संस्थापक, श्री अजय कुमार द्विवेदी ने एक नई शुरुआत की। इस पहल के तहत, 'सुकून के पल' अभियान के माध्यम से जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने का कार्य शुरू किया गया, और इसकी शुरुआत हुई 'कम्बल दान महादान' कार्यक्रम से।
आशीर्वाद से शुरू हुआ सफर
इस आयोजन की शुरुआत आनंदेश्वर धाम परमट कानपुर से हुई, जहां सभी ने बाबा के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया। फिर वहां से जरूरतमंदों को कम्बल दान करने का सिलसिला शुरू हुआ। इस मौके पर श्री अजय कुमार द्विवेदी, प्रदीप द्विवेदी, अलका दुबे, अनुष्का दुबे, प्रदीप यादव सहित अन्य समाजसेवी उपस्थित थे, जिन्होंने अपने हाथों से कम्बल वितरित किए। इस आयोजन ने सभी को एकता और सहयोग की शक्ति का अहसास कराया।
कानपुर के हनुमान मंदिर में मदद की दूसरी लहर
इसके बाद, हनुमान मंदिर किदवई नगर में भी जरूरतमंदों के बीच कम्बल वितरित किए गए। इस आयोजन में सिर्फ कानपुर के लोग ही नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग जुड़े थे। उन्होंने इस नेक कार्य में सहयोग किया और इसे और भी विस्तृत बनाने का आह्वान किया। विभिन्न राज्यों से आए हुए लोगों ने अपनी शुभकामनाएं दी और भविष्य में इस तरह के आयोजनों को बढ़ावा देने की बात की।
संस्थापक का संदेश और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के बाद, मुक्तिका पब्लिकेशन के संस्थापक श्री अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि इस तरह के आयोजन आगे भी होते रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य सिर्फ सर्दी से राहत नहीं देना, बल्कि समाज में एकजुटता और मानवता को बढ़ावा देना है। श्री द्विवेदी ने इस पहल को और भी विस्तृत करने के लिए सभी से सहयोग की अपील की।
उन्होंने कहा, "हमारा उद्देश्य सिर्फ जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना नहीं है, बल्कि समाज में एक बदलाव लाना है। हम भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे और हर व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने का प्रयास करेंगे।"
समाज में एक सकारात्मक बदलाव
यह आयोजन सिर्फ एक मदद नहीं बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। जब हम एक-दूसरे की मदद करते हैं, तो समाज में एकता और प्यार की भावना मजबूत होती है। मुक्तिका पब्लिकेशन ने इस आयोजन के माध्यम से यह साबित कर दिया कि ठंड से बचने के लिए केवल कम्बल ही नहीं, बल्कि एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन भी बेहद महत्वपूर्ण है।
कम्बल दान महादान कार्यक्रम एक प्रेरणादायक पहल थी, जिसने न केवल ठंड से राहत दी, बल्कि समाज में एकजुटता का संदेश भी दिया। इस प्रकार के आयोजनों की जरूरत समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमेशा बनी रहती है। हम सभी को ऐसे आयोजनों का समर्थन करना चाहिए ताकि और ज्यादा लोग ऐसे नेक कार्यों में भागीदार बन सकें और हर किसी तक मदद पहुंचाई जा सके।
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