Kandra Accident: सर्विस रोड पर मौत से टकराई मजदूर महिला, ऑटो की रॉन्ग साइड ने तोड़ी हड्डी
कांड्रा के पिंडराबेड़ा के पास सर्विस रोड पर रॉन्ग साइड से आ रहे ऑटो ने साइकिल सवार मजदूर महिला को टक्कर मार दी। महिला की बांह टूटी, अस्पताल में भर्ती। पढ़िए पूरी घटना का दिल दहला देने वाला विवरण।

कांड्रा, सरायकेला: झारखंड में रफ्तार और लापरवाही का मेल एक बार फिर आम इंसान की जिंदगी पर भारी पड़ा। इस बार शिकार बनीं मेहताबेड़ा निवासी सुकुरमणि मुर्मू, जो रोज़ की तरह अपनी साइकिल से गम्हरिया स्थित सिविल कंस्ट्रक्शन साइट पर ड्यूटी के लिए निकल रही थीं।
लेकिन टाटा-कांड्रा एक्सप्रेसवे के सर्विस रोड पर पिंडराबेड़ा के पास एक रॉन्ग साइड से आ रहे ऑटो ने उनकी उम्मीदों को कुचलते हुए उन्हें सड़क पर गिरा दिया, जिससे उनकी बांह टूट गई और वे गंभीर रूप से घायल हो गईं।
कैसे हुआ हादसा? चंद मिनटों में बिखर गई ज़िंदगी
शनिवार की सुबह की घटना है। रोज की तरह सुकुरमणि मुर्मू, जो पेशे से मजदूर हैं, गम्हरिया जा रही थीं। इसी बीच रामचंद्रपुर से सब्जी लेकर सीनी की ओर जा रहा एक पैसेंजर ऑटो, जो सर्विस रोड पर उल्टी दिशा में आ रहा था, ने उन्हें सामने से जोरदार टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी तेज थी कि साइकिल समेत महिला सड़क पर गिर गई और उसकी बांह की हड्डी टूट गई। मौके पर मौजूद राहगीरों ने बिना देर किए कांड्रा थाना और JARDCL एंबुलेंस को सूचना दी।
सड़क पर सब्जी, दर्द में महिला – और ऑटो चलता बना
घटना के बाद सबसे हैरान कर देने वाली बात यह थी कि ऑटो में सवार सब्जी विक्रेता महिला इलाज के लिए उतर गई, लेकिन ऑटो चालक को किसी ने नहीं रोका। हादसे के बाद ऑटो को जाने दिया गया, जो कहीं न कहीं स्थानीय सिस्टम की लापरवाही को उजागर करता है।
क्या यह लापरवाही नहीं कि एक घायल महिला को पीछे छोड़कर एक आरोपी वाहन बिना रोक-टोक के चला जाता है?
रॉन्ग साइड ड्राइविंग: एक पुरानी समस्या
झारखंड समेत भारत के कई हिस्सों में रॉन्ग साइड ड्राइविंग एक आम लेकिन खतरनाक चलन बन चुका है। टाटा-कांड्रा एक्सप्रेसवे, जो एक हाई-स्पीड कॉरिडोर है, उसके साथ की सर्विस रोड अकसर स्थानीय ड्राइवरों के लिए रॉन्ग साइड की सुविधा बन चुकी है।
कई बार शिकायतों के बावजूद, न पुलिस की निगरानी बढ़ी और न ही सख्ती हुई। परिणामस्वरूप, ऐसी दुर्घटनाएं अब रोजमर्रा का हिस्सा बनती जा रही हैं।
पुलिस की तत्परता लेकिन न्याय अधूरा
कांड्रा थाना पुलिस घटनास्थल पर समय पर पहुंच गई और घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन घटना के दोषी ऑटो को नहीं रोका गया।
यह गंभीर सवाल खड़ा करता है कि जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो दोषी वाहन को क्यों नहीं रोका गया? क्या किसी ने नंबर प्लेट नोट की? क्या CCTV जांच की जाएगी? फिलहाल पुलिस की तरफ से इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
महिला मजदूर: सबसे ज्यादा असुरक्षित वर्ग?
सुकुरमणि मुर्मू जैसी महिलाएं, जो दिन भर मेहनत करके परिवार का पेट पालती हैं, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है? न हेलमेट, न सुरक्षात्मक गियर, और न ही कोई सिस्टम जो उन्हें सड़क पर सुरक्षित रख सके।
इन मजदूरों की जिंदगी हमेशा सिस्टम की उदासीनता और लापरवाह ड्राइविंग के बीच झूलती रहती है।
यह सिर्फ एक हादसा नहीं, एक चेतावनी है
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि सड़कों पर सिर्फ गाड़ी चलाना ही जिम्मेदारी नहीं, बल्कि दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखना अनिवार्य है।
सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि:
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सर्विस रोड पर रॉन्ग साइड ड्राइविंग को रोकने के लिए नाके और बैरिकेडिंग लगाई जाए।
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ऐसे क्षेत्रों में CCTV निगरानी बढ़ाई जाए।
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दुर्घटना की स्थिति में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
जब तक ऐसा नहीं होता, सुकुरमणि मुर्मू जैसी कहानियां दोहराई जाती रहेंगी, और हम केवल रिपोर्ट बनाकर अफसोस जताते रहेंगे।
अब वक्त है, कार्रवाई का।
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