Jharkhand Vidhansabha : रबींद्रनाथ महतो बने स्पीकर, नया इतिहास रचा
झारखंड विधानसभा में रबींद्रनाथ महतो ने निर्विरोध स्पीकर पद संभाला, और सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। जानें इस महत्वपूर्ण दिन की पूरी जानकारी।
झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन एक नया इतिहास रचा गया जब रबींद्रनाथ महतो को दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। यह चुनाव निर्विरोध हुआ, जिससे उनकी लोकप्रियता और विश्वास को दर्शाया गया। मंगलवार को हुई इस प्रक्रिया में सभा की कार्यवाही 11 दिसंबर, बुधवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्पीकर पद का चुनाव:
दूसरे दिन की कार्यवाही की शुरुआत विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से हुई। नल से विधायक रबींद्रनाथ महतो को सर्वसम्मति से स्पीकर पद पर चुना गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी ने उन्हें सम्मानपूर्वक आसन पर बिठाया। यह पहला मौका है जब झारखंड के गठन के बाद कोई विधानसभा अध्यक्ष लगातार दूसरी बार इस पद पर चुना गया है।
स्पीकर के विचार और उम्मीदें:
स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अपनी जीत पर सभी दलों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे आप सभी से अपेक्षा है कि सदन निर्बाध रूप से चले और किसी प्रकार का गतिरोध न हो।" उन्होंने यह भी कहा कि वे सदन की गरिमा को बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश करेंगे और हर विधायक को अपनी बात रखने का समान अवसर देंगे।
सियासी दिग्गजों की प्रतिक्रियाएं:
बाबूलाल मरांडी ने रबींद्रनाथ महतो को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब भी कोई विधायक सदन में मामला उठाए, उसका समाधान होना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इससे नए विधायकों में आत्मविश्वास पैदा होगा। संसदीय कार्यमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी स्पीकर के निर्विरोध चुनाव पर सभी सदस्यों की ओर से उन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, "रबींद्रनाथ महतो ने सदन की गरिमा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। राज्य के समग्र विकास में सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।"
इतिहास में एक नया मोड़:
रबींद्रनाथ महतो का स्पीकर बनने का यह दूसरा मौका है, और यह झारखंड के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे पहले, झारखंड की विधानसभा में कोई भी अध्यक्ष लगातार दो बार चुने जाने का रिकॉर्ड नहीं बना सका।
झारखंड विधानसभा का महत्व:
झारखंड विधानसभा की यह घटना राज्य की राजनीति में एक नई मिसाल पेश करती है। यह स्पीकर चुनाव एक बार फिर दर्शाता है कि विभिन्न दलों में आपसी सहमति और सहयोग की भावना बनी हुई है, जो राज्य के विकास के लिए बेहद आवश्यक है।
आगे की कार्रवाई:
स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने अपनी जिम्मेदारी संभालने के बाद कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि सदन की कार्यवाही निष्पक्ष और व्यवस्थित रहे। उन्होंने सभी सदस्यों से सहयोग की उम्मीद जताई और कहा कि उनकी प्राथमिकता होगी कि सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा और निर्णय जल्द से जल्द किए जाएं।
झारखंड विधानसभा के इतिहास में रबींद्रनाथ महतो का स्पीकर के रूप में दूसरी बार निर्विरोध चुनाव एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की राजनीति में सहमति और स्थिरता की आवश्यकता को समझा जा रहा है। यह घटनाक्रम झारखंड के लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत बनाने में सहायक होगा।
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