विश्व आदिवासी दिवस पर विशाल जनसभा: बिष्टूपुर गोपाल मैदान में आदिवासी छात्र एकता का आयोजन
विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को बिष्टूपुर गोपाल मैदान में आदिवासी छात्र एकता द्वारा विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस जनसभा का थीम स्वदेशी युवा आत्मनिर्णय के लिए परिवर्तन है।
आदिवासी छात्र एकता की ओर से विश्व आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को बिष्टूपुर गोपाल मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा। इस जनसभा का थीम "स्वदेशी युवा आत्मनिर्णय के लिए परिवर्तन" होगा। इस महत्वपूर्ण जानकारी को आदिवासी छात्र एकता के जोसाई मार्डी, संस्थापक सह मुख्य संरक्षक इंदर हेंब्रम, संयोजक हेमेंद्र हांसदा, और अध्यक्ष हरिमोहन टुडू ने साझा किया।
वक्ताओं ने कहा कि "आदिवासी बचेगा तो दुनिया बचेगी।" दक्षिण अफ्रीका के बाद भारत में आदिवासियों की आबादी सर्वाधिक है। 9 अगस्त को बिष्टूपुर का गोपाल मैदान नगाड़ों की छाप से गूंजेगा। इस दिन आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक वेश-भूषा में पहुंचेंगे। इस बीच 25 स्टॉल भी लगाए जाएंगे जिनमें खान-पान, आदिवासी साहित्य, वेश-भूषा, आदिवासी पारंपरिक वाद्य यंत्र, और पुस्तकें शामिल होंगी।
जनसभा में आदिवासी समाज के प्रखर विद्वान, छात्र, सामाजिक नेता और बुद्धिजीवी शामिल होंगे। ये सभी आदिवासियों की दशा और दिशा पर अपने विचार साझा करेंगे। प्रमुख उपस्थितियों में संताल, हो, मुंडा, भूमिज, उरांव, माहली, और अन्य आदिवासी समाजों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस आयोजन में नंदलाल सरदार, राज बांकिरा, स्वपन सरदार, गुरुचरण सोरेन, जयपाल मुंडा, चांदराय मार्डी, प्रभाकर हांसदा, बाबूलाल माझी, विष्णु मुर्मू, गोपाल किस्कू, और दुलाल हांसदा भी उपस्थित रहेंगे।
विश्व आदिवासी दिवस पर इस विशाल जनसभा का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना है। यह आयोजन आदिवासी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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