Jharkhand Shock: मालगाड़ी से लाखों का चावल चोरी, फिर सक्रिय हुआ गिरोह!

झारखंड में चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुवा और लोटापहाड़ के बीच मालगाड़ी से लाखों रुपये के चावल की चोरी हुई। संगठित गिरोह फिर सक्रिय होने से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।

Sep 12, 2025 - 14:35
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Jharkhand Shock: मालगाड़ी से लाखों का चावल चोरी, फिर सक्रिय हुआ गिरोह!
Jharkhand Shock: मालगाड़ी से लाखों का चावल चोरी, फिर सक्रिय हुआ गिरोह!

झारखंड में रेल सुरक्षा को चुनौती देने वाला एक बड़ा मामला सामने आया है। चक्रधरपुर रेल मंडल के सोनुवा और लोटापहाड़ स्टेशनों के बीच खड़ी मालगाड़ी से अज्ञात चोरों ने लाखों रुपये के चावल चोरी कर लिए। चोरों ने मालगाड़ी के तीन डिब्बों का लॉक तोड़कर दर्जनों बोरियां निकाल लीं।

घटना की जानकारी मिलते ही आरपीएफ टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। रेल ट्रैक और झाड़ियों से करीब 15–20 बोरियां बरामद की गईं। अधिकारियों ने बताया कि चोर बोरियों को रेल लाइन किनारे गिराकर वाहन के जरिए ले भागे। संदिग्धों और वाहनों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

संगठित गिरोह का हाथ!

अधिकारियों का मानना है कि इस चोरी में किसी बड़े गिरोह का हाथ है। कुछ साल पहले भी इसी रूट पर मालगाड़ियों को निशाना बनाया गया था। तब सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती के बाद घटनाएं कम हुई थीं। लेकिन अब फिर से गिरोह सक्रिय होने लगे हैं। यह रेल प्रशासन और सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय बन गया है।

पुराने मामले से जुड़ा हुआ है कनेक्शन

इस घटना के साथ टाटानगर गुड्स शेड से चावल चोरी का पुराना मामला भी चर्चा में है। इस केस में 1400 बोरी चावल चोरी हुए थे। आरपीएफ ने जांच कर दो रेलकर्मियों – सुपरवाइजर मुकेश कुमार और सूरज कुमार को आरोपी बनाया था। दोनों घाघीडीह जेल में बंद थे जिन्हें बुधवार को कोर्ट ने जमानत दे दी।

वहीं, FCI के दो अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। इससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चिंता

रेल अधिकारियों ने कहा है कि चोरी की वारदात संगठित गिरोह द्वारा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई है। रेलवे क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने भी गिरोह की तलाश के लिए कई टीमों को सक्रिय किया है।

जनता में बढ़ रहा डर

रेलवे में हो रही इन वारदातों ने यात्रियों और आसपास के लोगों में डर पैदा कर दिया है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो ऐसे अपराध और बढ़ सकते हैं।

आगे क्या?

रेल प्रशासन ने भरोसा दिया है कि दोषियों को पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही, पुराने मामलों की जांच को भी तेज किया जाएगा ताकि अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके।

यह मामला झारखंड में बढ़ते संगठित अपराध और रेलवे सुरक्षा की कमजोरी को उजागर कर रहा है। आने वाले दिनों में सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका और भी अहम साबित होगी।

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Team India मैंने कई कविताएँ और लघु कथाएँ लिखी हैं। मैं पेशे से कंप्यूटर साइंस इंजीनियर हूं और अब संपादक की भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा हूं।