Jamshedpur Border Area Suicide: कपाली में कर्ज के बोझ तले दबे इलेक्ट्रीशियन ने की आत्महत्या, जानें पूरी कहानी
जमशेदपुर के कपाली क्षेत्र में कर्ज के कारण परेशान इलेक्ट्रीशियन कुंदन गांगुली ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानें इस दर्दनाक घटना के पीछे की कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
जमशेदपुर से सटे कपाली ओपी क्षेत्र में एक दुखद घटना सामने आई है, जहां कर्ज के बोझ तले दबे एक इलेक्ट्रीशियन ने आत्महत्या कर ली। 32 वर्षीय कुंदन गांगुली ने घर में अकेले रहते हुए पंखे से लटककर अपनी जान ले ली। उनका कर्ज का दवाब इतना ज्यादा था कि उन्होंने यह कदम उठाया। आइए जानते हैं इस घटना की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
आत्महत्या का मंजर:
कुंदन गांगुली, जो कि पेशे से इलेक्ट्रीशियन थे, कपाली के स्काईलैंड सिटी सहाय कम्प्लेक्स में अपने परिवार के साथ रहते थे। 3 फरवरी को उनकी पत्नी मेघा गांगुली और दोनों बच्चे कुंदन के बड़े भाई के घर पर थे, और इसी दौरान कुंदन ने आत्महत्या कर ली। घटना के वक्त घर में कोई भी सदस्य मौजूद नहीं था। रात करीब 9 बजे, जब पत्नी और बच्चे घर लौटे, तो उन्होंने देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी देर तक खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो बस्ती के लोग और रिश्तेदारों ने दरवाजा तोड़ दिया।
घटना का खुलासा:
जब दरवाजा खोला गया, तो अंदर का दृश्य झकझोर देने वाला था। कुंदन गांगुली पंखे से लटके हुए थे। तुरंत ही उन्हें तमोलिया स्थित ब्राह्मणनन्द अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसकी सूचना मृतक के भाई चन्दन गांगुली ने कपाली ओपी को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला अस्पताल भेजा।
कर्ज के कारण बढ़ी परेशानी:
कुंदन गांगुली के भाभी के मुताबिक, कुंदन का खुद का पारडीह में रिद्धि इलेक्ट्रिकल नाम से दुकान थी, जहां वह इलेक्ट्रीशियन का काम करते थे। हालांकि, कारोबार के दौरान उन्होंने कुछ कर्ज लिया था, जो उन्हें लगातार परेशान कर रहा था। बताया गया कि कुंदन गांगुली करीब 5 लाख रुपये के कर्जदार थे, जो उनके मानसिक तनाव का कारण बन गया था। कर्ज के बढ़ते दबाव और मानसिक परेशानी के कारण उन्होंने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया।
कर्ज के बोझ तले दबे लोग:
यह घटना केवल एक व्यक्तिगत трагédie नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते कर्ज और मानसिक दबाव के मुद्दे को भी उजागर करती है। कई बार आर्थिक तनाव और मानसिक परेशानी के चलते लोग ऐसे कदम उठा लेते हैं, जो उनकी जिंदगी पर काले धब्बे की तरह बन जाते हैं। इस घटना ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या हमें मानसिक स्वास्थ्य और कर्ज के मामलों में और जागरूकता फैलाने की जरूरत नहीं है?
क्या करना चाहिए जब कोई कर्ज से परेशान हो?
कर्ज के बोझ तले दबे लोगों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपनी स्थिति को लेकर सही कदम उठाएं। अगर किसी को कर्ज चुकाने में परेशानी हो रही हो, तो उसे परिवार, दोस्त या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से मदद लेनी चाहिए। यह स्थिति किसी अकेले व्यक्ति की नहीं, बल्कि समाज की चिंता का विषय है। अगर समाज और परिवार मानसिक स्वास्थ्य और कर्ज के मामलों में जागरूकता फैलाए, तो इस तरह के हादसे कम हो सकते हैं।
जमशेदपुर के कपाली क्षेत्र में हुई इस आत्महत्या ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कर्ज और मानसिक तनाव से संबंधित मुद्दे समाज में बढ़ते जा रहे हैं। इस घटना से यह बात साफ हो जाती है कि हमें अपने करीबी लोगों की मानसिक स्थिति को लेकर अधिक जागरूक और संवेदनशील होना चाहिए। अगर ऐसे मुद्दों पर समय रहते ध्यान दिया जाए, तो भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं कम हो सकती हैं।
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