Jharkhand Cabinet: झारखंड कैबिनेट की बड़ी बैठक, मंईंया सम्मान योजना और पेसा कानून पर होगा फैसला
झारखंड में 7 जनवरी को कैबिनेट बैठक में पेसा कानून और अन्य अहम फैसलों पर चर्चा होगी। जानें मंईंया सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये देने की योजना और वित्तीय वर्ष की रणनीति।
झारखंड में 7 जनवरी को कैबिनेट बैठक आयोजित होने जा रही है, जो राज्य की राजनीति और प्रशासनिक दिशा के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह बैठक प्रोजेक्ट भवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में शाम 4:00 बजे से होगी। बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा और फैसले लिए जाने की संभावना है, जिसमें पेसा कानून और वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम तीन महीनों के लिए रणनीतियां शामिल हैं।
मंईंया सम्मान योजना: महिलाओं के लिए सरकार का बड़ा कदम
इस बैठक से ठीक एक दिन पहले, यानी 6 जनवरी को मंईंया सम्मान योजना के तहत सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में 2500 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है और इसे मुख्यमंत्री की प्रमुख पहल माना जा रहा है।
इतिहास में झारखंड सरकार की ऐसी योजनाएं
झारखंड में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। मंईंया सम्मान योजना भी उसी कड़ी का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक सहायता देना है, बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देना भी है।
कैबिनेट बैठक: कौन-कौन से फैसले लिए जा सकते हैं?
7 जनवरी को होने वाली कैबिनेट बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। इसमें कई बड़े फैसलों की उम्मीद है:
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पेसा कानून पर चर्चा
झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में पेसा कानून लागू करने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है। इस कानून के जरिए ग्राम पंचायतों को अधिक स्वायत्तता देने का लक्ष्य है। इस बार की कैबिनेट बैठक में इस पर बड़ा फैसला हो सकता है। -
वित्तीय वर्ष की योजना
वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम तीन महीनों में राज्य के बजट और खर्चों को लेकर नई रणनीति बनाई जाएगी। राज्य की विकास योजनाओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को लेकर अहम निर्णय लिए जा सकते हैं। -
महिला सशक्तिकरण पर नए प्रस्ताव
मंईंया सम्मान योजना के अलावा, महिला सशक्तिकरण और उनके लिए अन्य योजनाओं पर भी चर्चा हो सकती है।
पेसा कानून: क्या है इसकी अहमियत?
पेसा (PESA) कानून, यानी पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996, आदिवासी समुदायों को उनके क्षेत्र में शासन का अधिकार देता है। झारखंड जैसे राज्य में, जहां बड़ी आबादी आदिवासी है, इस कानून को लागू करना ग्राम पंचायतों और स्थानीय शासन को सशक्त करेगा।
कैबिनेट बैठक के फैसलों पर टिकी नजरें
यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि इससे झारखंड की राजनीतिक और सामाजिक दिशा तय होगी। राज्य सरकार के बड़े फैसले, जैसे पेसा कानून का कार्यान्वयन, राज्य में आदिवासी समुदायों के लिए नई संभावनाएं खोल सकते हैं।
क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस कैबिनेट बैठक में लिए जाने वाले फैसले राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और जनता के प्रति उनकी जवाबदेही को दर्शाएंगे।
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