Jharkhand Cabinet: कैबिनेट विस्तार में आज बदलेंगे समीकरण, कौन बनेगा मंत्री?
हेमंत सोरेन सरकार में आज होगा बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार। झामुमो, कांग्रेस, और राजद कोटे से कौन बनेगा मंत्री? जानें विस्तृत रिपोर्ट।
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का बहुप्रतीक्षित कैबिनेट विस्तार आज होने वाला है। इस विस्तार में झामुमो, कांग्रेस और राजद कोटे से 10 से 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के अशोक उद्यान में दोपहर 12:30 बजे आयोजित किया जाएगा, जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार सबसे पहले स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाएंगे। इसके बाद मंत्रीपद के लिए विधायकों का चयन होगा।
झामुमो कोटे से कौन-कौन हैं दावेदार?
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कोटे से पांच या छह विधायक मंत्री बनाए जा सकते हैं। इनमें जिन नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है, वे हैं:
- रामदास सोरेन
- दीपक बिरुआ
- हफीजुल हसन
- सविता महतो
- अनंत प्रताप देव
- सुदिव्य कुमार सोनू
अगर झामुमो एक सीट को रिजर्व रखता है, तो केवल पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।
कांग्रेस कोटे में क्यों फंसा पेच?
कांग्रेस से चार मंत्रियों के नाम लगभग तय हो चुके हैं, लेकिन आखिरी समय तक कुछ नामों पर असमंजस बना रहा। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखते हुए इन नामों पर सहमति जताई है:
- डॉ. इरफान अंसारी (अल्पसंख्यक कोटे से)
- शिल्पा नेहा तिर्की (अनुसूचित जनजाति कोटे से)
- दीपिका पांडे सिंह (ओबीसी कोटे से)
- राधाकृष्ण किशोर (अनुसूचित जाति कोटे से)
कांग्रेस विधायक दल के नेता और उपनेता के नामों पर अभी भी चर्चा चल रही है। इस दौड़ में डॉ. रामेश्वर उरांव, कुमार जयमंगल और नमन विक्सल कोंगाड़ी आगे चल रहे हैं।
राजद कोटे का दांव
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने गोड्डा से विधायक संजय प्रसाद यादव को मंत्री पद के लिए चुना है। संजय प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने हाल ही में भाजपा के अमित मंडल को चुनाव में हराकर यह सीट जीती थी।
देवघर के विधायक सुरेश पासवान का नाम भी चर्चा में था, लेकिन उन्हें पहले ही राजद विधायक दल का नेता चुना जा चुका है।
कैसे होगा क्षेत्रीय और जातीय संतुलन?
इस बार के कैबिनेट विस्तार में क्षेत्र और जाति के संतुलन पर खास ध्यान दिया गया है। कांग्रेस और झामुमो दोनों ने यह सुनिश्चित किया है कि हर प्रमंडल और वर्ग को प्रतिनिधित्व मिले।
- झामुमो ने जहां क्षेत्रीय अनुभव के साथ सामाजिक आधार को प्राथमिकता दी है।
- कांग्रेस ने अनुभव के साथ जातीय और महिला प्रतिनिधित्व पर जोर दिया है।
कैबिनेट विस्तार क्यों है खास?
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार का यह पहला कैबिनेट विस्तार है। इससे न केवल सरकार को मजबूती मिलेगी, बल्कि विभिन्न वर्गों और समुदायों के प्रतिनिधित्व से संतुलन भी स्थापित होगा।
कैबिनेट विस्तार से पहले कांग्रेस के प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दिल्ली से रांची पहुंचकर पार्टी विधायकों और मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने देर रात तक नामों को अंतिम रूप दिया।
शपथ ग्रहण से पहले उठे सवाल
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि झारखंड के इस कैबिनेट विस्तार से कई सवाल खड़े हो रहे हैं:
- क्या झामुमो सभी वर्गों को संतुलित प्रतिनिधित्व दे पाएगा?
- क्या कांग्रेस के चार मंत्रियों में क्षेत्रीय संतुलन दिखाई देगा?
- राजद के लिए सिर्फ एक मंत्री पद काफी होगा?
इन सवालों के जवाब शपथ ग्रहण के बाद साफ हो जाएंगे।
हेमंत सोरेन सरकार का यह कैबिनेट विस्तार झारखंड की राजनीति में नई दिशा तय करेगा। झामुमो, कांग्रेस और राजद के बीच के समीकरण, क्षेत्रीय और जातीय संतुलन, और मंत्रियों के चयन से यह साफ है कि सरकार अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
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