Jamshedpur Celebration – थल सेना दिवस पर पूर्व सैनिकों का भव्य सम्मान समारोह
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर द्वारा थल सेना दिवस धूमधाम से मनाया गया। जानिए, कैसे पूर्व सैनिकों ने साझा किए अपने अनुभव और किया देशभक्ति का जश्न।
जमशेदपुर में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के तत्वावधान में थल सेना दिवस भव्य रूप से मनाया गया। समारोह का आयोजन परशुराम भवन, बागबेड़ा में हुआ, जहां देश के वीर सैनिकों को नमन करते हुए शानदार कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर सेवानिवृत्त सैनिकों और समाजसेवियों ने देश के जवानों के बलिदान और समर्पण को याद किया। मुख्य रूप से महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह ने सैनिकों का सम्मान करते हुए कहा,
“नागरिक समाज में सैनिकों का सम्मान होते देखना गर्व से भरा क्षण है।"
समारोह की शुरुआत और सम्मान कार्यक्रम
कार्यक्रम का शुभारंभ मां भारती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इसके बाद सेवानिवृत्त सैनिकों को अंगवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। सैनिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए सेना में बिताए पलों और देश सेवा के गौरव को याद किया।
केक कटिंग और देशभक्ति के रंग
समारोह के दौरान ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष डी के मिश्रा, समाजसेवी संजय मिश्रा, अध्यक्ष विनय कुमार यादव, महामंत्री सिद्धनाथ सिंह सहित कई गणमान्य लोगों ने केक कटिंग कर थल सेना दिवस की शुभकामनाएं दीं।
इसके बाद बच्चों और युवाओं ने देशभक्ति गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को जोश और उत्साह से भर दिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत "कर चले हम फिदा", "ऐ वतन" जैसे गीतों पर नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
पूर्व सैनिकों के प्रेरणादायक अनुभव
सेवानिवृत्त सैनिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि देश सेवा एक भावनात्मक जिम्मेदारी होती है। उनके संघर्ष, वीरता और समर्पण ने युवाओं को प्रेरित किया।
मुख्य रूप से उपस्थित लोग:
- महामंत्री जितेंद्र कुमार सिंह
- ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष डी के मिश्रा
- समाजसेवी संजय मिश्रा
- पूर्व सैनिक सुखविंदर सिंह, अवधेश कुमार, एसके सिंह, बिरजू कुमार, शैलेश कुमार सिंह, आर पी सिंह, सत्यप्रकाश, विनेश प्रसाद
- सैन्य मातृशक्ति: कंचन, सविंदर, रिंकी, वंदना, रूबी, पूनम, भावना, संगीता, स्वाति, शर्मिष्ठा
देश के प्रति सम्मान का भाव
पूर्व सैनिकों ने इस आयोजन के दौरान राष्ट्रीय एकता और सैनिकों के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि सैनिक सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि समाज में भी प्रेरणा स्रोत होते हैं।
इतिहास और महत्व:
थल सेना दिवस हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन 1949 में जनरल के.एम. करियप्पा द्वारा भारतीय सेना की कमान संभालने की याद में मनाया जाता है। जनरल करियप्पा पहले भारतीय सेनाध्यक्ष बने थे, और उनकी प्रेरणा से यह दिन आज भी गर्व और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
समारोह का समापन और सामूहिक भोज
कार्यक्रम का समापन सामूहिक भोज के साथ हुआ, जहां सभी ने देशभक्ति के भाव में डूबकर भोजन का आनंद लिया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी 80 से अधिक सैनिकों और उनके परिजनों ने मिलकर थल सेना दिवस का जश्न मनाया।
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