Chhattisgarh IED Blast: बीजापुर में IED ब्लास्ट, दो जवान घायल, रायपुर रेफर, माओवादी गतिविधियों पर बढ़ी निगरानी
बीजापुर में IED ब्लास्ट के दौरान दो जवान घायल हो गए। जानिए पूरी घटना, घायल जवानों की स्थिति और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर नक्सली गतिविधियों ने सुरक्षा बलों को चुनौती दी है। आज बीजापुर में IED (Improvised Explosive Device) ब्लास्ट में सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के तुरंत बाद घायल जवानों को चॉपर से रायपुर लाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
कैसे हुआ IED ब्लास्ट?
जानकारी के अनुसार, बीजापुर के कैम्प पुतकेल से CRPF 229 और कोबरा 206 बटालियन की एक संयुक्त टीम एरिया डॉमिनेशन पर निकली थी। इसी दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED में विस्फोट हो गया, जिसमें दो जवान घायल हो गए।
घायल जवानों के नाम मिर्दुल बर्मन और मोहम्मद आशिक बताए गए हैं।
- मिर्दुल बर्मन: बाएं पैर में गहरी चोट
- मोहम्मद आशिक: चेहरे पर गंभीर चोट
हालांकि राहत की बात यह है कि दोनों जवानों की स्थिति स्थिर है और इलाज के लिए उन्हें रायपुर के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
IED ब्लास्ट: क्या है यह घातक हथियार?
IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) एक स्थानीय रूप से तैयार किया गया विस्फोटक होता है, जिसे छिपाकर या जमीन के अंदर दबाकर लगाया जाता है।
- प्रेशर IED: यह तभी फटता है जब किसी का पैर या वाहन इसके ऊपर आ जाए।
- माओवादी अक्सर इस तकनीक का इस्तेमाल सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए करते हैं।
बीजापुर: नक्सल गतिविधियों का इतिहास
बीजापुर और इसके आसपास के इलाके नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे हैं।
- 2010: दंतेवाड़ा में CRPF पर IED हमला, 76 जवान शहीद।
- 2018: सुकमा में IED विस्फोट, 9 जवान शहीद।
सरकार ने कई बार सुरक्षा अभियानों को तेज किया, लेकिन यह क्षेत्र अब भी माओवादियों का गढ़ बना हुआ है।
सुरक्षा बलों का बयान और प्रतिक्रिया
घटना के बाद सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
CRPF अधिकारियों ने बताया कि:
- जवानों की स्थिति स्थिर है।
- इलाके में ड्रोन और स्निफर डॉग्स के जरिए निगरानी बढ़ा दी गई है।
स्थानीय लोगों में दहशत
IED ब्लास्ट के बाद इलाके में डर और तनाव का माहौल है। स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सुरक्षा बलों का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना दें।
सरकार का रुख और नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल उन्मूलन के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं:
- ऑपरेशन प्रहार: माओवादियों के ठिकानों पर सीधा हमला।
- स्थानीय सहयोग: ग्रामीणों को सुरक्षा बलों के साथ जोड़ना।
- सुरक्षा बलों की तैनाती: CRPF, कोबरा, और DRG जैसी इकाइयों की तैनाती।
बीजापुर में IED ब्लास्ट एक बार फिर नक्सली खतरे को उजागर करता है। हालांकि, सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से बड़ा नुकसान टल गया। सरकार और सुरक्षा बलों को लगातार सतर्कता और जनसहयोग की जरूरत है।
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