Jamshedpur Solar: चांडिल डैम में बनेगा राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट

झारखंड में चांडिल डैम पर राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनने जा रहा है, जिससे 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। जानें इस प्रोजेक्ट की खासियतें और राज्य की ऊर्जा क्रांति।

Jan 1, 2025 - 17:03
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Jamshedpur Solar: चांडिल डैम में बनेगा राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट

झारखंड के ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए, जमशेदपुर के चांडिल डैम को राज्य का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाने की योजना पर काम तेज़ी से चल रहा है। इस परियोजना से झारखंड को न केवल अपनी बिजली की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि यह राज्य को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर भी बनाएगा।

चांडिल डैम में क्यों है खास ये प्रोजेक्ट?

चांडिल डैम पर बनने वाला यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। यह सोलर प्लांट राज्य का सबसे बड़ा होगा, जिसकी उत्पादन क्षमता 600 मेगावाट होगी।

क्या है फ्लोटिंग सोलर प्लांट?
पानी पर तैरते हुए सोलर पैनल्स को फ्लोटिंग सोलर प्लांट कहा जाता है। यह तकनीक न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देती है, बल्कि जलाशयों के पानी को ठंडा रखकर उसकी वाष्पीकरण दर को भी कम करती है।

राज्य में 31 जलाशयों पर सोलर प्लांट लगाने की योजना

झारखंड सरकार ने प्रदेश भर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कुल 31 जलाशयों को चिह्नित किया है, जिनमें फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे। इन जलाशयों की न्यूनतम उत्पादन क्षमता 2 मेगावाट होगी।

महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में शामिल जलाशय:

  • चांडिल डैम: 600 मेगावाट
  • सिकिदरी का गेतलसूद डैम: 150 मेगावाट (वर्ल्ड बैंक की मदद से)
  • ऊपरी शंख डैम, बोकारो और गुमला

फिलहाल कोडरमा में सोलर प्लांट से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है, जिसे भविष्य में बढ़ाने की योजना है।

पीपीपी मॉडल से होगा निर्माण

चांडिल डैम पर बनने वाले इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाएगा। जेरेडा जल्द ही इस प्रोजेक्ट का प्राक्कलन तैयार करेगा, ताकि लागत और अन्य संसाधनों का अनुमान लगाया जा सके।

इतिहास: सौर ऊर्जा में झारखंड की पहल

झारखंड ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम रखते हुए ऊर्जा उत्पादन में नई मिसाल कायम की है। कोडरमा में सोलर प्लांट से उत्पादन शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में और तेजी से काम करने का निर्णय लिया। इसके तहत वर्ल्ड बैंक की सहायता से सिकिदरी के गेतलसूद डैम में 800 करोड़ रुपये की लागत से 150 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट तैयार किया जा रहा है।

फ्लोटिंग सोलर प्लांट के लाभ

  1. ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी: यह प्रोजेक्ट झारखंड की ऊर्जा क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा।
  2. पर्यावरण संरक्षण: यह प्लांट पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना बिजली उत्पादन करेगा।
  3. जलाशयों का संरक्षण: फ्लोटिंग पैनल पानी को वाष्पीकरण से बचाने में मदद करेंगे।
  4. स्थान की बचत: पारंपरिक सोलर पैनल्स के लिए बड़ी ज़मीन की आवश्यकता होती है, जबकि फ्लोटिंग प्लांट पानी पर काम करता है।

राज्य सरकार की तैयारी

झारखंड सरकार ने ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर सर्वे कराया है। जेरेडा के निदेशक केके वर्मा के मुताबिक, 31 जलाशयों को चुना गया है, जहां सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। इनमें चांडिल डैम प्राथमिकता पर है।

झारखंड की ऊर्जा क्रांति

झारखंड सरकार की यह पहल राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है। इस परियोजना से न केवल बिजली उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि यह झारखंड को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाएगा।

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Nihal Ravidas निहाल रविदास, जिन्होंने बी.कॉम की पढ़ाई की है, तकनीकी विशेषज्ञता, समसामयिक मुद्दों और रचनात्मक लेखन में माहिर हैं।